आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी एन आई ए और प्रवर्तन निदेशालय ने पीऑफआई की ताबड़-तोड़ गिरफ्तारी.

नयी दिल्ली,23 सितम्बर 2022 ,उप्र पुलिस की एसटीएफ और मदेयगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने लखनऊ के खदरा से एक आरोपी मो. अहमद बेग को गिरफ्तार किया और बताया गया कि आरोपी देश में विद्रोह फैलाने की साजिश रच रहा था।

यह बात भी सूत्रों ने बताया कि तीन मुस्लिम का संघठन का एक संघठन बना पीऑफआई संघठन है । ख़ास बात यह है कि 23 राज्यों में इसकी पकड़ बताई जाती है,पकिस्तान से भी कनेक्शन की शंका जताई गयी है ,सिम्मी का बंद होना और इस संघठन का बनना, एक कड़ी बताई जाती है। केरला मुख्य गढ़ के रूप में उभ्रारा है। केरला सरकार ने इस संघठन को बैन किया,पर सारी गतिविधियां चलती रही,यह अजीब बात है ,जांच का विषय है। देश के नागरीको को सोचना और आप बताना चाहिये कि ज़िम्मेदार कौन?
पी एफ़ आई का पॉलिटिकल कनेक्शन भी मिला और अहमद बेग की यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act), के तहत गिरफ्तारी हुई है ,यह संघठन चुनाव भी लड़ चुका है। लखनऊ खदरा में मक्का गंज मस्जिद के पीछे छापेमारी कर एसडीपीआइ नेता को गिरफ्तार किया गया है।

आइये आपको बताते चले कि 17 फरवरी 2007 पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन को हुआ था। यह संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इसमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है।

भारत में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। पीएफआई कई शाखाएं भी हैं। जान कर आश्चर्य होगा महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। अनेक संघठनो ने लगातार इस संघठन पर अनेक आरोप लगाए है। अनेक हिन्दू संघठनो का कहना है कि इस संघठन का कार्य हिन्दूयों को ख़त्म करने लक्ष्य है।

उ प्र पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और मदेयगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने लखनऊ के खदरा स्थित मक्का गंज मस्जिद के पीछे छापेमारी कर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता मो. अहमद बेग को गिरफ्तार किया गया है। अहमद अपने नुमाइंदों और पार्टी के लोगों के जरिए देश में विद्रोह फैलाने की साजिश रच रहा था। उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में तमाम तरह के राष्ट्र विरोधी दस्तावेज मिले है,खास बात यह है कि अहमद बेग ने साल 2022 विधानसभा चुनाव में कैसरगंज विधानसभा से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था, एक पत्नी को तलाक दे चुका है। दूसरी पत्नी के साथ रह रहा है। एनआईए ने पीएफआई के वरिष्ठ प्रमुख आठ कार्यकर्ताओं को भी गिरफ़्तार किया है। जिसमे प्रदेश अध्यक्ष सी पी मो.बशीर,राष्ट्रिय चेयर पर्सन ओ.एम.ए सलाम,राष्ट्रिय महामंत्री वी पी नासुरद्दीन एलामाराम,राष्ट्रिय एग्जीक्यूटिव सदस्य पी कोया आदि है ।

ज्ञात होगा कि अहमद बेग हिंसक और आपराधिक गतिविधियों में शामिल था, उसने एनआरसी-सीएए के प्रदर्शन के दौरान भी जमकर बवाल और हिंसा कराई थी. इसके अलावा वह लव जिहाद, जबरन मतांतरण, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ बनाने और मनी लांड्रिंग के साथ ही प्रतिबंधित समूहों से संपर्क में रहता था. इतना ही नहीं वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, केरल और ओमान तक तकरीर करने जाता था. वह धार्मिक कट्टरता की पाठशाला चलाता था।

आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी एन आई ए और प्रवर्तन निदेशालय ने तमिलनाडु, केरल समेत 15 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है। वैसे छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। कहते है कि पूत के पाव पलने में दिखते है पीएफआई की हड़ताल के खिलाफ केरल हाईकोर्ट को मजबूरन कहना पड़ा कि ‘अवैध हड़ताल’ कोर्ट के आदेश की अवमानना है”।

@ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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