उन्नाव रेप केस में योगी सरकार ने एक दिन में फैसला सुना दिया। बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, जिनपर पीड़ित महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है।
इस मामले पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए करते गृह विभाग ने कहा कि क्योकिं पीड़ित महिला ने मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत दर्ज हुए बयान में पीड़ित युवती ने बीजेपी विधायक सेंगर का नाम नहीं लिया था। जबकि दो दिनों पीड़ित महिला का रो-रोकर बीजेपी विधायक पर आरोप लगा रही है।
Copy of the FIR registered in the case where a woman leveled rape allegations against BJP MLA Kuldeep Singh Sengar. The MLA’s name is not mentioned in the FIR. #Unnao pic.twitter.com/2UWcqec3sV
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2018
इस मामले को लेकर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी है। अब इस पूरे मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
अब सवाल ये उठता है की जब दो दिनों से पीड़ित महिला ने यही कहती नहीं थक रही है उसका बलात्कार बीजेपी विधायक और उसके साथी ने किया है वही दूसरी तरफ गृह विभाग मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए बयान को FIR का आधार बनाया है,जिसमें बीजेपी विधायक का नाम नहीं है।
गौरतलब है उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता बोलती रही की उसकी पिता को जान का ख़तरा है मगर उसकी एक न सुनी गई आखिर में वही हुआ जिसका डर था पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई।
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी से इस्तीफे देने की मांग भी की है। वही पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है।