उपराष्‍ट्रपति ने कार्य और जीवन के बीच संतुलन को बढ़ावा देने वाली एचआर नीतियां बनाने का आह्वान किया;

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर 2021,उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडु ने कार्य और जीवन के बीच संतुलन बनाये रखने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए कहा कि व्‍यक्ति को अपने पेशेवर कर्तव्‍यों तथा पारिवारिक दायित्‍वों को समान रूप से महत्‍व देना चाहिए। उपराष्‍ट्रपति आज चेन्‍नई में ‘डॉ.वी.एल. दत्‍त : ग्लिप्‍सेंस ऑफ ए पायनियर्स लाइफ जर्नी’ पुस्‍तक का विमोचन कर रहे थे। यह पुस्‍तक श्रीमती वी.एल. इंदिरा दत्‍त ने लिखी है। उपराष्‍ट्रपति ने सभी कारोबारी हस्तियों से आग्रह किया कि वे अपनी एचआर नीतियां इस तरह बनाएं कि कर्मचारी सहज रूप से जीवन और कार्य के बीच संतुलन बना सकें। उन्‍होंने कहा कि इससे न केवल कर्मचारियों का कार्य प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की समस्‍या का समाधान भी होगा, जो हमारे समाज में बढ़ रही है।

नायडु ने कहा कि जब लोग बढ़ते तनाव का सामना कर रहे होते हैं उस समय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के बराबर महत्‍व रखता है। उन्‍होंने लोगों से प्रकृति के बीच समय गुजारने और स्‍वयं को तनाव मुक्‍त करने के लिए बाहरी गतिविधियों में भाग लेने की आवश्‍यकता जताई।

पूर्व उद्योगपति श्री वी.एल. दत्‍त द्वारा अपने परिवार और व्‍यावसायिक दुनिया के बीच संतुलन बनाये रखने की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी कारोबारियों और उद्यमियों के लिए प्रेरणा हो सकता है। उपराष्‍ट्रपति ने श्री दत्‍त को जनमानस बताया। उन्‍होंने कहा कि श्री दत्‍त लोगों के साथ रहने और उन्‍हें महत्‍व प्रदान करने में आनंदित होते थे। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि कड़ी स्‍पर्धा वाले व्‍यावसायिक माहौल में यह बात आजकल नहीं देखी जाती। उन्‍होंने कहा कि श्री दत्‍त के लिए सबसे पहले उनके कर्मचारी थे और वे उनकी चिंता करते थे।

इस पुस्‍तक में अपने प्रिय पति की यादों और अनुभवों को साझा करने के लिए श्रीमती वी.एल. इंदिरा दत्‍त की सराहना की। श्री नायडु ने कहा कि यह पुस्‍तक इस कारोबारी हस्‍ती के मानवीय पक्ष को उजागर करती है और पाठकों को उन्‍हें एक पारिवारिक व्‍यक्ति और पति, पिता तथा मित्र के रूप में उनके आचरण को जानने का अवसर प्रदान करती है।

इस पुस्‍तक में शामिल अनेक किस्‍सों की चर्चा करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि एक नामी कारोबारी कार्पोरेटर का जीवन बिताने के बावजूद श्री दत्‍त बुजुर्गों के सम्‍मान, विनम्रता, सेवा तथा करुणा के गुणों को कभी नहीं भूले। उपराष्‍ट्रपति ने इन गुणों को अपनी सभ्‍यता का मूल्‍य बताते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी को श्री दत्‍त जैसे व्‍यक्तित्‍वों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उपराष्‍ट्रपति ने पुस्‍तक में श्रीमती इंदिरा दत्‍त की इस बात से सहमति जताई कि संयुक्‍त परिवार व्‍यवस्‍था टूटने से आपसी देखभाल और चिंता, समायोजन की भावना और सामूहिक लोकाचार में कमी आई है। नायडु ने कहा कि भारतीय संयुक्‍त परिवार व्‍यवस्‍था के मूल्‍यों के लिए विश्‍व में इसकी प्रशंसा की जाती है। नायडु ने युवाओं को सदियों पुरानी इस व्‍यवस्‍था को बनाये रखने और इसका प्रचार करने की सलाह दी।

श्री वी.एल. दत्‍त के साथ अपनी घनिष्‍ठ मित्रता को याद करते हुए नायडु ने कहा कि हमारे आपसी जुड़ाव के कई कारणों में खेल भी एक था। खेल के प्रति श्री दत्‍त के उत्‍साह की चर्चा करते हुए उन्‍होंने युवाओं उद्यमियों से श्री दत्‍त से प्रेरणा प्राप्‍त करने तथा खेल-कूद तथा बाहरी गतिविधियों के लिए हमेशा समय निकालने को कहा।उन्‍होंने कहा कि दत्‍त सम्‍मानित उद्योगपति, परोपकारी और अद्भूत विजनरी थे, जिन्‍होंने युवाओं उद्यमियों की सम्‍पूर्ण पीढ़ी को प्रेरित किया।

उन्‍होंने कहा कि फिक्‍की के प्रमुख के रूप में दत्‍त ने 1991-92 के वर्षों में सरकार और उद्योग के बीच खाई को पाटने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्‍ट्रपति ने कहा कि बिना किसी आशा के, बिना किसी शर्त के कुछ देने का उनका गुण असाधारण था। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि श्री दत्‍त ने विभिन्‍न परोपकारी संगठनों के माध्‍यम से समाज की सेवा की और कॉलेजों, कौशल विकास केन्‍द्रों तथा स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के निर्माण के लिए उदारतापूर्वक दान दिया।

इस अवसर पर उपराष्‍ट्रपति ने रूचिकर पुस्‍तक लिखने के लिए श्रीमती वी.एल. इंदिरा दत्‍त को बधाई दी और उनकी सोच को लिखित रूप देने के लिए श्री यू. अत्रेय सरमा तथा अंबिका अनंत की सराहना की। विमोचन समारोह में तमिनाडु के राज्‍यपाल आर.एन. रवि, तमिलनाडु के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन तथा युवा कार्य तथा खेल मंत्री शिवा वी. मियानाथन, के.सी.पी. लिमिटेड की अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. वी.एल. इंदिरा दत्‍त, संयुक्‍त प्रबंध निदेशक वी. कविता दत्‍त तथा अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे। @फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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