एयर इंडिया के चीफ ने एंप्लॉयीज से कहा- नए वर्क कल्चर में काम करने के लिए तैयार रहें

एयर इंडिया को प्राइवेट हाथों में बेचने की तैयारी जोरों पर है। ऐसे में इस नैशनल एयरलाइन के चेयरमेन अश्विनी लोहानी ने एंप्लॉयीज से कार्य संस्कृति में संपूर्ण बदलाव के लिए तैयार रहने को कहा। एयर इंडिया चीफ ने गुणवान कर्मचारियों को ‘बेहतर डील’ का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने एयर इंडिया को बेचने के सरकार के फैसले की वजह बताते हुए कहा कि कंपनी पर 50,000 रुपये के कर्ज का बोझ वहन करने की क्षमता सरकार के पास नहीं है।

लोहानी ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा, ‘सालों से लगातार घाटा होने की वजह से कर्ज का यह बड़ा बोझ हो गया है। हालांकि, आप भी मानेंगे कि जब तक इस बड़े कर्ज का समाधान नहीं मिल जाता, लंबे वक्त के लिए इसे चला पाना कठिन हो जाएगा और विनिवेश के प्रस्ताव पर विचार भी इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है। सरकार को पूरा विश्वास है कि विनिवेश प्रक्रिया से एयर इंडिया मजबूत होकर वर्ल्ड क्लास एयरलाइन की पंक्ति में आ जाएगा। यह एंप्लॉयीज के लिए भी विन-विन सॉल्युशन होगा।’

उन्होंने निजी हाथों में जाने के बाद एंप्लॉयीज से नई कार्य संस्कृति के लिए भी तैयार रहने को कहा। पत्र में कहा गया, ‘यह बदलाव का वक्त है और किसी भी बदलाव को स्वीकार कर पाना कठिन होता है। एयर इंडिया के मालिकाना हक में बदलाव की सूरत में हमें कामकाजी माहौल और कार्य संस्कृति में अंतर की अपेक्षा है। सरकारी क्षेत्र की कंपनी में काम करने की जटिलताएं कॉर्पोरेट कल्चर में तब्दील हो जाएंगी, जिसमें मेरिट को ज्यादा तवज्जो मिलेगी।’

उन्होंने लिखा, ‘इससे आपको अपनी एयरलाइन में निहित क्षमताओं को पूरी तरह महसूस करने और निष्ठा एवं ईमानदारी से काम करने वालों के अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी। एयर इंडिया की शानदार टीम, खासकर लाइसेंसधारी कर्मचारी (पायलट्स, एयरक्राफ्ट इंजिनियर और कैबिन क्रू) को किसी तरह की शंका करने की जरूरत नहीं है।’

दरअसल, चेयरमेन ने एयर इंडिया को बेचने के सरकार के फैसले से डरे हुए कर्मचारियों को विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उनके उचित और वैध हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों को एयर इंडिया के नेटवर्क विस्तार एवं सर्विस में सुधार के लिए सराहा भी। उन्होंने एयर इंडिया का मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम करते रहने की प्रेरणा देते हुए कहा, ‘हालांकि यह सही है कि विलय से संचालन संबंधी परेशानियां हुईं, फिर भी हम एंप्लॉयीज की उचित शिकायतों के समाधान को लेकर आश्वस्त रहे। इसका फायदा यह हुआ कि सीमित स्तर पर ही सही, लेकिन हमें सफलता मिली।’

 

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