ऐसे मंत्रियो की वजह से कही भारी कीमत न चुकानी पड़ जाये योगी सरकार को !

 

 

  • योगी सरकार के परिवहन मंत्री ने किया बचकाना आदेश
  • प्रदेश के सभी उप परिवहन आयुक्त को किया परिवहन आयुक्त कार्यालय से सम्बद्ध
  • इस मूर्खतापूर्ण फैसले से बढ़ेगी आम जनता की समस्या
  • जनता जब होगी परेशान तो 2019 में करेगी सरकार के खिलाफ मतदान ias ले डूबेंगे योगी सरकार को

 

अमित मौर्या

कहतें हैं राजा कितना भी प्रतापी क्यों न हो अगर उसके सलाहकार अदूरदर्शी और भृमित करने वाले होंगे तो राजा का बाजा बजने में ज्यादा समय नही लगेगा कहने का आसय यह है कि राजा हर मोर्चे पर फेल होता जाएगा और उसके कार्यकाल को असफल करार दिया जाएगा।

                         स्वतंत्र देव सिंह
                        परिवहन मंत्री
                         उत्तर प्रदेश

पार्टी संगठन के कद्दावर नेता औऱ सूबे के परिवहन मंत्री स्वत्रंत देव् यूं तो विभाग में सुधार सुचिता के बेहतर प्रयास के लिए जाने जाते हैं समय- समय पर विभागीय समीक्षा कर गुण दोषों के आधार पर कुछ न कुछ फेर बदल करते रहते हैं । मगर जल्दबाजी कहें मनमर्ज़ी या विभागीय सलाहकारों की गलत सलाह। सरकार के कुछ फैसले कभी कभी ऐसे आ जाते हैं जिससे सम्बंधित विभाग की किरकिरी तो होती ही है और शासन के मंशा के विपरीत विभाग और आमजनों में फासले भी बढ़ जाते हैं ।

ऐसा ही एक निर्णय बीते 31 मई को आया जिसमें प्रदेश भर के उप परिवहन आयुक्तों (जोनल) को तत्काल प्रभाव से प्रदेश मुख्यालय अटैच कर दिया गया और तत्काल उन्हें कार्य भी आवंटन कर दियागया इस बाबत प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला का बयान आया कि मुख्यालय में कार्य की अधिकता बहुत है इसलिए सभी जोनल अधिकारीयों को बुला लिया गया है परिवहन विभाग कई नए कार्य योजना पर काम कर रहा है इसमें इनके अनुभवों का लाभ लिया जाएगा।

वहीं परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव् सिंह का कहना है कि विभाग मुख्यालय में काम बहुत है दूसरे प्रदेशों के परिवहन नीतियों के गुण दोषों का अध्ययन कर नई नीतियां बनेंगी । प्रयोग के तौर पर इन्हें मुख्यालय अटैच किया गया है बीच-बीच मे ये अधिकारी समीक्षा के लिए जाते रहेंगे अगर किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो फील्ड में तैनात किए जा सकते हैं।

हालांकि विभागीय मंत्री ने यह कह तो दिया है कि यह प्रायोगिक तौर पर और मुख्यालय में काम की अधिकता की वजह से इन्हें मुख्यालय अटैच किया गया है । मगर सवाल यह उठना लाज़िमी है कि क्या परिवहन विभाग में अफसरों का टोटा पड़ गया या इन ( अटैच किये गए जोनलो)के अलावा विभाग में कोई और काबिल अफ़सर मंत्री महोदय को दिख ही नही रहें ।

बहरहाल जो भी हो मगर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नरों को जोन से मुख्यालय अटैच कर दिए जाने से कहीं न कहीं जिला स्तरीय विभागीय निरकुंशता को बल मिलेगा क्योंकि जोन में आने वाले जिलों के परिवहन कार्यालयों का औचक निरीक्षण से लेकर सिपाहियों लिपिकों से लेकर एआरटीओ आरटीओ के कार्यों की समीक्षा सुझाव और आमजन से लेकर वाहन स्वामियों ट्रांसपोर्टरों द्वारा विभागीय कर्मियों द्वारा की गई दुर्व्यवहार भ्र्ष्टाचार तथा रिश्वतखोरी जैसे शिकायतों की जांच और निस्तारण उपपरिवहन आयुक्तों के जिम्मे था ।

कई मामलों में देखा गया है कि विभाग के लिपिकों से लेकर उसके ऊपर के अधिकारियों की शिकायत कोई व्यक्ति करता है तो आरटीओ उस पीड़ित के बातों को अनसुना कर अपने विभागीय कर्मियों का पक्ष लिया जाता है तो पीड़ित व्यक्ति ऐसे मामलों में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास अपना पक्ष लेकर जाता है जिसकी जांच कर डीटीसी कार्यवाही करते रहे हैं मगर मुख्यालय अटैच हो जाने से विभाग में निरंकुशता और भ्र्ष्टाचार बढ़ेगा इससे इंकार नही किया जा सकता। वाराणसी जोन में ही अभी सैकड़ों शिकायती पत्र और जांच पेंडिंग हैं जिसकी जांच डीटीसी को करना था मगर इनके मुख्यालय अटैच हो जाने से इसमे संसय नही है कि वो फाइलें अब धूल फांकेगी कमोबेश यही इस्तिथी सभी जोन की है।

फिलहाल यह देखना है कि विभागीय मंत्री का यह निर्णय कितना उचित है यह विभाग को लाभ पहुचायेगा या जिले के अधिकारियों कर्मियों में निरंकुशता बढ़ाएगा भ्र्ष्टाचार का ग्राफ गिरायेगा या उसे चरम पर ले जाएगा यह तो कुछ दिनों में सामने आ ही जायेगा । तब तलक मुख्यालय और जिले में सेतु का कार्य करते आ रहे डीटीसी मुख्यालय का काम निबटायेएंगे और विभागीय कर्मी मौज उड़ाएंगे…क्योंकि सर पर लटके रहने वाली तलवार लखनऊ म्यान में चल गयी.

क्या कहते है जिम्मेदार –

 सूबे की सरकार के इस नादानी भरे फैसले से हैरान हूँ कि अगर उपपरिवहन आयुक्त लखनऊ में बैठेंगे तो तमाम दूर दराज़ से आने वाले जोनल कार्यालयों तक आने वाले लोग कहाँ जायेगे ? इस निर्णय से निरकुशता बढ़ेगी।

याशर शाह
पूर्व परिवहन मंत्री
उत्तर प्रदेश

 

उपपरिवहन आयुक्त प्रथम अपीलीय अधिकारी होते है ये अपने कार्यालय नहीं रहेंगे तो मुक़दमे का निस्तारण कैसे होगा ? लोगो में रोष बढ़ेगा

कमलेश कुमार सिंह
अध्यक्ष परिवहन बार – वाराणसी

 

 

डी 0 टी 0 सी 0 के लखनऊ बैठने ने सम्भागीय और सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी कार्यालयों में सिर्फ अराजकता का बोल बाला रहेगा। इनकी गैरमौजूदगी विभाग को निरंकुश बना कर छुड़ेगी

प्रमोद कुमार सिंह
उपाध्यक्ष पूर्वाचल ट्रक ऑनर्स असोसिअशन
वाराणसी