करोना कॉल में भारतीय बिजनेसमैन हुए ज्यादा रहीस

कोरोनावायरस ने भारत के अरबपतियों और गरीबों के बीच आय की असमानता को और बढ़ा दिया है। मार्च 2020 से दिसंबर 2020 के बीच लॉकडाउन जहां करोड़ों लोग गरीब हुए हैं, वहीं वहीं दुनिया के टॉप अमीरों की संपत्ति  में करीब 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 285 लाख करोड़ रुपये) का इजाफा हुआ है।

अप्रैल में हर घंटे गई 1.7 लाख लोगों की नौकरी

कोरोना संकट ने करोड़ो बेरोजगार, अकुशल रोजगार वाले गरीब पुरुषों और महिलाओं के बीच के आय की असमानता को और अधिक बड़ा कर दिया है। नॉन-प्रॉफिट ग्रुप ऑक्सफैम (Oxfam) की रिपोर्ट  ‘द इनइक्वैलिटी वायरस’ (The Inequality Virus)के मुताबिक कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान भारत के अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी ज्यादा बढ़ गई है, जबकि देश के 84 फीसदी परिवारों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा है। अकेले अप्रैल 2020 महीने में हर घंटे 1.7 लाख लोगों की नौकरी गई है।

लॉकडाउन में तेजी से बढ़ी कमाई

रिपोर्ट में आय की असमता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे, या मुकेश अंबानी ने जितनी आय एक सेकेंड में हासिल की, उसे पाने में एक अकुशल मजदूर को तीन साल लगेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, शिव नादर, सायरस पूनावाला, उदय कोटक, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, राधाकृष्ण दमानी, कुमार मंगलम बिरला और लक्ष्मी मित्तल जैसे अरबपतियों की संपत्ति मार्च 2020 के बाद महामारी और लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ी।