काजीरंगा नेशनल पार्क के 225 जानवरों की मौत

असम में बढ़ते बाढ़ के पानी में मशहूर काजीरंगा नेशनल पार्क भी डूब गया है. पार्क के अधिकारियों का कहना है कि अब तक कम से कम 225 जानवरों की मौत हुई है जबकि सैकड़ों जानवर यहां से भागने पर मजबूर हुए हैं.

काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ के कारण मरने वालों में 15 गैंडे, 185 हिरण और कम से कम एक रॉयल बंगाल टाइगर शामिल है. भयंकर बाढ़ के कारण पूरा काजीरंगा नेशनल पार्क पानी में डूब गया है. काजीरंगा नेशनल पार्क के निदेशक सतेंद्र सिंह ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, “जानवरों के शव बाढ़ के पानी में तैरते हुए जहां तहां दिख रहे हैं. यह दिल को चोट पहुंचाने वाला दृश्य है.” इस बीच उत्तर भारत और उसके पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में बाढ़ की तबाही लगातार जारी है. मानसून के मौसम में भारी बरसात के कारण आई बाढ़ में डूबने, घरों के गिरने और जमीन खिसकने से शनिवार तक 578 लोगों की जान गई है.

सेना और आपदा प्रबंधन बल के जवान इन तीनों देशों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं. बाढ़ से प्रभावित लोगों को बाहर निकालने के साथ ही उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने और उनके भोजन पानी और इलाज की व्यवस्था करना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. पूरे दक्षिण एशिया में कम से कम 1.6 करोड़ लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं.

उत्तर भारत के बिहार राज्य में बाढ़ की वजह से कम से कम 153 लोगों की मौत हुई है. यहां के सैकड़ों गांव पानी में डूबे हैं और हजारों कच्चे मकान इस पानी में बह गए हैं. कई जगहों से सड़कों और छोटे पुलों के टूटने की भी खबरें आ रही हैं. राज्य के 17 जिलों के करीब एक करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के चलाए राहत 1300 से ज्यादा शिविरों में कम से कम 50 लाख लोगों ने शरण ले रखी है. इन लोगों को अनाज और मेडिकल सुविधाएं दी जा रही हैं.

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में में भी बाढ़ के कारण मरने वालों की तादाद 40 तक पहुंच गई है. राज्य के 13 छोटे डैम पानी के तेज धार में बह गए हैं जिसके बाद कई गांव पूरे के पूरे पानी में डूब गये. राज्य की रोहिणी, गंडक और राप्ती नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. सरकार के प्रवक्ता अवनीश अवस्थी ने समाचार एजेंसी एपी को बाताया कि इन नदियों का पानी कभी भी अपने किनारों को तोड़ सकता है. निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. अवस्थी ने बताया कि नेपाल की नदियों में पानी भर जाने के कारण बैराज खोल दिये गये हैं. इस वजह से बड़ी मात्रा में पानी उत्तर प्रदेश और बिहार की नदियों में चला आया है.

सेना के जवान मोटरबोट का इस्तेमाल कर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे हैं. कई मकानों की छतों पर फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर की मदद से भी बाहर निकाला गया है. अधिकारियों के मुताबिक असम में 144 लोग बाढ़ के पानी में बह गये हैं जबकि पश्चिम बंगाल से भी 60 दूसरे लोगों के मौत की खबर आई है. नेपाल में जून के महीने में मानसून का मौसम शुरू होने के बाद से अब तक 110 लोगों की जान गई है.

430 वर्ग किलोमीटर में फैले काजीरंगा नेशनल पार्क का करीब 80 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा है. कुछ जानवर हाईवे पार कर ऊंचे ठिकानों पर चले गए हैं. असम की सरकार ने राजमार्गों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है ताकि गैंडों को शिकारियों से बचाया जा सके.

बाढ़ के बारे में चेतावनी देने वाली भारत सरकार की एजेंसी का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हालात सुधरने की उम्मीद है.

 

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