केंद्र सरकार सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए ला सकती है नया कानून

ट्विटर के साथ हुए विवाद से नाराज भारत अब सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रण में रखने के लिए नए नियम लाने की तैयारी कर रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से तैयार नए नियमों के ड्राफ्ट के मुताबिक, इनकी मदद से सभी सोशल मीडिया कंपनियों को विवादित तथ्य जल्द से जल्द हटाने और जांच में सहयोग करने के लिए मजबूर किया जा सकेगा।शक्तिशाली टेक कंपनियों को नियंत्रित करने की कोशिश दुनियाभर में विभिन्न देशों की तरफ से की जा रही है। फेसबुक को ही पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया में सरकार के साथ राजस्व साझीदारी के मुद्दे पर टकराव का सामना करना पड़ा था। फेसबुक के ऑस्ट्रेलिया में समाचारों को अपने प्लेटफार्म पर प्रतिबंधित करने पर उसे पूरी दुनिया में आलोचना झेलनी पड़ी थी।

भारत में भी तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कुछ ट्वीट को अशांति का कारण मानते हुए सरकार ने ट्विटर को इन्हें हटाने और ऐसे ट्विटर हैंडल प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था। ट्विटर ने विभिन्न नियमों का हवाला देते हुए सरकार के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। इस पर नई दिल्ली ने बेहद नाराजगी जताई थी।

भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से बचने और सोशल मीडिया कंटेंट पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने ‘इंटरमीडिएटरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड’ तैयार किया है। इन नियमों में फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ ही नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे वेब एंटरटेनमेंट प्लेटफार्मों की मनमानी पर भी अंकुश लगाने की राह खोली गई है।

नियमों के ड्राफ्ट के मुताबिक, वेब कंपनियों को भारत के बहुधर्मी व बहुजातीय समाज को ध्यान में रखकर किसी भी गतिविधि, विश्वास, या नस्लीय या धार्मिक समूह के विचारों से जुड़ी गतिविधियों पर सतर्कता व विवेक से विचार करना होगा। नए नियमों में वेब सीरीज कंटेंट के साथ आयु संबंधी रेटिंग और सलाह देना अनिवार्य किया गया है।

इन नए नियमों के ड्राफ्ट को लेकर फिलहाल फेसबुक, ट्विटर और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कोई अधिकृत टिप्पणी नहीं की है। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि इन नियमों को कब से लागू किया जाएगा। हालांकि उद्योग सूत्रों के मुताबिक, इससे दिग्गज टेक कंपनियों की भारत में निवेश योजनाओं को करारा झटका लगेगा।