कोबरा पोस्ट ऑपरेशन 136 ( पार्ट 2 ) कई नमी चैन्नल्स हुए बेनकाब , तहकीकात में दो दर्जन से ज्यादा मीडिया संस्थानों का खुलासा

नई दिल्ली:  कोबरापोस्ट ने भारतीय मीडिय पर एक बड़ी तहकीकात को अंजाम दिया है। ऑपरेशन 136: पार्ट-2 असल में भारतीय मीडिया के सबसे विस्मयकारी रूप को दिखाता है, जहां “मीडिया के बड़े घराने” भी ऐसे अभियान को करने के लिए सहमत हो जाते हैं। जिसकी वजह से न केवल देश के नागरिकों के बीच सांप्रदायिक तनाव हो सकता है बल्कि ऐसा करने से किसी खास राजनीतिक पार्टी के खिलाफ झुकाव भी हो सकता है। यही नहीं इस तरह की कोशिश किसी खास पार्टी के पक्ष में चुनावी परिणाम का रूख भी पलट सकती है।

पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्री मद भागवत गीता प्रचार समिति उज्जैन के प्रचारक बनकर अपने प्रस्ताव के साथ इन मीडिया घरों से संपर्क किया। इस मौके को भुनाने के लिए लगभग सभी मीडिया संस्थानों ने अपने सिद्धातों से समझौता कर लिया। हालांकि  दो संस्थानों ने ऐसा ना करके एक मिसाल भी पेश की है। जो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। वर्तमान पत्रिका और दैनिक संवाद ने पत्रकार पुष्प के इस अभियान को चलाने से साफ इनकार कर दिया।

मीडिया घरों के मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करते हुए शर्मा ने मोटी रकम के बदले उनसे एक मीडिया अभियान चलाने के लिए कहा। पुष्प ने अपने अभियान के तहत नीचे दिए गए खास बिंदुओं पर चर्चा की-

1 – शुरूआती दौर में पहले तीन महीने हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार ताकि धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक अनुकूल माहौल तैयार हो सके।

2 – इसके बाद विनय कटियार, उमा भारती और मोहन भागवत जैसे हिंदुत्व कट्टरपंथियों के भाषणों को बढ़ावा देने के साथ अभियान को सांप्रदायिक लाइनों पर मतदाताओं को संगठित करने के लिए तैयार किया जाएगा।

3 – जैसे ही चुनाव नजदीक आएंगे तो ये अभियान राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ उग्र हो जाएगा। विरोधी नेताओं के लिए पप्पू, बुआ और बबुआ जैसे उपनामों का इस्तेमाल कर जनता के सामने इनकी छवि खराब की जाएगी।

4 – उन्हें इस अभियान को अपने प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, रेडियो और डिजिटल जैसे- न्यूज़ पार्टल, वेबसाइट और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और ट्वीटर जैसे सभी प्लेटफॉर्म पर चलाना होगा।

इस काम को करने के लिए इन सभी मीडिया घरानों ने पुष्प का गर्मजोशी से स्वागत किया और एजेंडे को हाथों-हाथ लिया। जो बड़े मीडिया संस्थान इस अभियान को चलाने के लिए तैयार दिखें उनमें टाइम्स ग्रुप, इंडिया टुडे ग्रुप, एचटी मीडिया, नेटवर्क 18, ज़ी न्यूज़, स्टार इंडिया, एबीपी न्यूज़, दैनिक जागरण, रेडियो वन, रेड FM, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी-5, दिनामलार, बिग FM, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, Paytm, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी और ओपन मैग्जीन शामिल हैं।

इनमें से कुछ media संस्थानों ने हमारे Questionnaire के जवाब भेजे है जिन्हे हमने शामिल किया है। साथ ही जिन मीडिया संस्थानों ने अभी तक हमारे प्रशनों के जवाब या कोई प्रतिक्रिया हमें नहीं भेजी है अगर वो अपने जवाब भेजते हैं तो हम उन्हें आगे शामिल करेंगे।

24 मई 2018 को मिले माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार हम अपनी  तहकीकात में दैनिक भास्कर समूह को फिलहाल शामिल नहीं कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने हमारा पक्ष सुने बिना ही दैनिक भास्कर के पक्ष में आदेश पारित किया है और हम इस आदेश को चुनौती देंगे।

ऑपरेशन 136: पार्ट-2 इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें ना केवल इन सभी मीडिया संस्थानों को उजागर किया है बल्कि इस तथ्य को भी सामने लाए हैं कि तकनीक के इस दौर में किसी भी खास एजेंडे को मोबाइल ऐप के जरिए जनता तक पहुंचाने में एक प्रभावी माध्यम ढूंढा जा सकता है। पेटीएम को लेकर जो हमने खुलासा किया है वो इसका सटीक उदाहरण है। ये इस बात को दर्शाता है कि किसी खास एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पारम्परिक मीडिया जैसे टीवी चैनलों या अख़बारों की जरूरत नहीं है। एक साधारण से मोबाइल ऐप के जरिए भी आप पलक झपकते ही आप वो कर सकते हैं जो पारम्परिक मीडिया की मदद से नहीं किया जा सकता। पेटीएम के बड़े अधिकारियों से हुई पुष्प की बातचीत में ना केवल इनकी बीजेपी विचारधारा का खुलासा हुआ बल्कि संघ के साथ कंपनी के संबंधों की भी बात सामने आ गई। यहां तक कि इस बात की पोल खुल गई कि पेटीएम जैसे जानी-मानी ऐप पर उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित नहीं है, जैसा कि कंपनी का दावा है।

ऑपरेशन 136: पार्ट-2 में तहकीकात के दौरान पुष्प शर्मा की इन मीडिया संस्थानों से हुई बातचीत को इन बिंदुओं के जरिए आसानी से समझा जा सकता है:

  • आध्यात्मिकता और धार्मिक प्रवचन के जरिए हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए।
  • सांप्रदायिक राह के साथ मतदाताओं को ध्रुवीकरण करने की क्षमता के साथ सामग्री प्रकाशित करने पर सहमत हुए।
  • सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए ये उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अपमानजनक content पोस्ट और प्रकाशित करने के लिए तैयार हुए।
  • इनमें से कई इस सौदे को हर हाल में हासिल करने के लिए और अपने ग्राहक के काले धन को खपाने के लिए cash payment के लिए भी तैयार दिखे।
  • इनमें से कई संस्थानों के अधिकारी third party या agency के माध्यम से काले धन को सफेद कर उसे दूसरे रास्ते से हासिल करने के लिए सहमत हुए। यहां तक कि कुछ ने तो अंगडिया जैसे हवाला के रास्ते का भी सुझाव दिया।
  • कुछ मीडिया समूह के मालिकों ने तो बातचीत में अपने हिंदुत्व और संघ की विचारधारा से जुड़े होने का भी खुलासा किया। इसी वजह से वो पुष्प के अभियान पर काम करने के लिए राजी दिखाई दिए। जाहिर है ऐसे में पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों से समझौता होना ही था।
  • इनमें से कुछ ने तो सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में स्टोरी चलाने पर अपनी सहमति जताई। जबकि कुछ ने विरोधी दलों के खिलाफ बाकायदा एक जाल बुनकर अपनी टीम से उनकी तहकीकात कराने और स्टोरी चलाने पर रजामंदी जाहिर की।
  • इनमें से कई विशेष तौर पर इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए बाकायदा advertorials विकसित करने के लिए भी सहमत हुए।
  • इनमें से कई अपनी creative team को नियोजित करके इस दुर्भावनापूर्ण अभियान के लिए content विकसित करने पर सहमत हुए।
  • इनमें से कई इस अभियान को अपने प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, FM रेडियों, डिजिटल platform जैसे न्यूज़ पार्टल, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर चलाने के लिए सहमत हुए।
  • इनमें से कुछ ने केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, मनोज सिन्हा, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी के खिलाफ स्टोरी चलाने पर सहमति जताई।
  • इनमें से कुछ भाजपा गठबंधन के नेताओं जैसे अनुप्रिया पटेल, ओम प्रकाश राजभर और उपेंद्र कुशवाह के खिलाफ story को चलाने के लिए भी सहमत हुए।
  • उनमें से कुछ ने किसानों को अपनी खबरों में माओवादियों द्वारा उकसाए हुए दिखाने पर सहमति व्यक्त की।
  • इनमें से कई राहुल गाँधी जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और विपक्षी नेताओं के character assassination करने के लिए सहमत हुए।
  • इनमें से कई संस्थान content को इस तरह से चलाने के लिए तैयार हुए ताकि वो paid न्यूज़ जैसा ना दिखे।
  • इनमें लगभग सभी FM रेडियो स्टेशन खास ग्राहक को अपने free air time पर एकाधिकार करने की अनुमति देने के लिए सहमत हुए।
  • कई FM रेडियो स्टेशन भी एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए RJ mentions का इस्तेमाल करने पर सहमत हुए। इसमें हिंदुत्व का प्रचार और rivals के character assassination करने पर भी सहमति जताई।

जैसा कि साल 2017 में भारत को प्रेस इंडेक्स में 136 स्थान देने पर Reporters Sans Frontiers (RSF) पर सवाल खड़े हुए। (https://rsf.org/en/ranking#) दरअसल RSF पेरिस स्थित एक स्वतंत्र निकाय है जो अलग-अलग देशों के 18 प्रेस संगठनों के साथ मिलकर काम करता है। RSF प्रेस और सूचना की स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है और उनका बचाव करता है। तीन दशक पुराना ये समूह आज संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सलाहकार के तौर पर मौजूद हैं। ऑपरेशन 136 का नाम RSF रैंकिंग के आधार पर ही रखा गया है।

ऑपरेशन 136: पार्ट-2 में पाया गया है कि अधिकांश मीडिया हाउस, खासकर क्षेत्रीय या तो राजनेताओं के स्वामित्व में हैं  या राजनेताओं द्वारा संरक्षित हैं। जैसे ABN आंध्र ज्योति, एक प्रमुख तेलुगू टीवी समाचार चैनल टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू द्वारा संरक्षित है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है अगर हम इनके Chief Marketing Manager ई.वी शशिधर को सुनें। शशिधर कहते हैं “We have very good connects with TDP … We have do [sic] lot of what do you call we have main official what do you call for A.P. government Andhra Pradesh government, we have official event telecaster rights for Andhra Pradesh government.”( हमने टीडीपी के साथ बहुत अच्छा जुड़ाव किया है … हमने बहुत कुछ किया है जिसे आप कह सकते हैं कि हमारे पास मुख्य अधिकारी हैं, आप आंध्र प्रदेश सरकार के लिए क्या कहते हैं, हमारे पास आंध्र प्रदेश सरकार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम टेलीकास्टर अधिकार हैं।)

शशिधर ये भी कहते हैं कि उनका समाचार पत्र आंध्र ज्योति इतने बड़े पैमाने पर है कि वे कर्नाटक चुनाव के नतीजे को भी प्रभावित कर सकते हैं। उम्मीद है कि ये बातें भारत का चुनाव आयोग सुन रहा है!

दूसरी तरफ चेन्नई से प्रकाशित 70 साल पुराने प्रमुख तमिल दैनिक के मालिक लक्ष्मीपति आदिमूलम और उनका परिवार भी संघ को लेकर गहरी निष्ठा रहता है। ये बात बेहद चौंकाने वाली थी कि इन्होंने विशेष रूप से डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर को आयात किया है जो ब्रांड मोदी के प्रचार में मदद कर सकता है। आदिमूलम कहते हैं कि “You have newsletters … sent to … brochures, leaflets sent to party workers … say there is Modiji’s picture is there, just move your camera over here … it gives audio of Modiji.” (आपके पास न्यूजलेटर हैं …  ब्रोशर, पार्टी कार्यकर्ताओं को भेजी गई पत्रिकाएं … कहें कि मोदीजी की तस्वीर वहां है, बस अपने कैमरे को यहां ले जाएं … यह मोदीजी का ऑडियो देता है।)

दरअसल, हमारी जांच इस तथ्य को स्थापित करती है कि आरएसएस एक अनुशासनिक हिंदुत्व के रूप में, न केवल न्यूज़रूम में बल्कि भारतीय मीडिया घरों के boardroom में भी गहराई से घुसपैठ कर चुका है। यहां तक ​​कि मालिक भी या तो सत्ता में पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को स्वीकार करते हैं और इनके वैचारिक एंकर उनके साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। जैसे कि बिग FM के सीनियर बिजनेस पार्टनर अमित चौधरी अपनी कंपनी और सत्ताधारी पार्टी के बीच रिश्ते को स्वीकार करते हैं और कहते हैं कि वैसे भी रिलांयस बीजेपी का सपोर्टर ही है

इसमें बाद नंबर आता है ओपन मैग्जीन के Regional Sales Head बसब घोष का। इस मैग्जीन के मालिक आर.पी-संजीव गोयनका समूह है जो खुलेआम अपनी आरएसएस के साथ निष्ठा को स्वीकार करते हैं। आचार्य जी शायद आप भी बिज़ी रहते हैं आप शायद ओपन देखते नहीं हैं रेगुलर। मैं आपको एक बात बताता हूं ओपन जितना सपोर्ट करते हैं संगठन का शायद ही कोई करता होगा

ऑपरेशन 136: पार्ट-2 के दौरान एक और दिलचस्प बात सामने आई कि हालांकि ये लोग आरएसएस या बीजेपी के प्रति अपनी कड़ी निष्ठा दिखा रहे हों लेकिन ये काले धन के खिलाफ उठाए गए पीएम मोदी के सबसे बड़े फैसले की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिस रिश्वतखोरी और काले धन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने नबंवर 2016 में नोटबंदी के जरिए बड़ा कदम उठाया था। जिसे काले धन के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के नाम से महिमा मंडित करके देश की जनता को दिखाया गया था उसी को ये लोग मुंह चिढ़ा रहे हैं। हमें टाइम्स ग्रुप के Managing Director विनीत जैन और उनके सहयोगी Executive President संजीव शाह से बातचीत में पुष्प deal के कुछ हिस्से का payment cash में करने की बात करते है। जिस पर Sanjeev Shah और Vineet Jain पहले तो मना करते है लेकिन फिर cash की मोटी रकम को अलग अलग तरीको से route करने की सलाह देते है। इतना ही नहीं Sanjeev Shah last installment cash में लेने को भी राजी थे। विनीत जैन कहते हैं कि और भी businessmen होंगे जो हमें cheque देंगे आप उन्हें cash दे दो वहीं उनके सहयोगी शाह ने हमें बताया कि Who will take that from him in Delhi suppose if Goenka says I want it in Ahmedabad so that I Angadia will have contact in Ahmedabad where they will exchange in number on a note or whatever.” (दिल्ली में उससे कौन ले जाएगा मान लीजिए कि गोयनका कहते है कि मैं इसे अहमदाबाद में चाहता हूं ताकि मैं आंगड़िया अहमदाबाद में संपर्क कर सकूं जहां वे एक नोट या जो भी हो, पर नंबर का आदान-प्रदान करेंगे।)

इस तहकीकात के दौरान पत्रकार पुष्प ने कई बड़े मीडिया संस्थानों के मालिक और उनके वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। इन सबमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला खुलासा किया मंदा ताई ने।

अपनी पार्टी की आलोचना करते हुए मंदा ताई ने दावा किया कि यह आरएसएस नेतृत्व ही था जिसने उन्हें NCP से हटकर बीजेपी में शामिल कराया और ऐसा करने पर बीजेपी की तरफ से पुणे के बेलापुर से विधायक का टिकट भी दिलाया। मंदा ताई ने जो खुलासा किया वो बेहद चौंकाने वाला था। बकौल मंदा ताई मेरे को संघ वाले बोल रहे थे कि मुस्लिम मस्जिद तोड़ो ये करो। मैं बोली sorry मैं ये नहीं कर सकती। मस्जिद स्थल सब कचरे के माफिक देखते हैं। इतना लोग का हम हाय नहीं ले सकते हैं क्योंकि अच्छे लोग अपने से जुड़ गए हैं।

हम ये अच्छी तरह से जानते हैं कि आरएसएस की विचारधारा के प्रति उनके निष्ठा के खुलासे को व्यक्तिगत राय के रूप में लिया जा सकता है लेकिन उनके संगठन में वो जिस मुकाम पर हैं उसे हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता है। इसकी वजह से है कि अपने व्यवसायिक हितों को पूरा करने वाली इनकी सोच एक मीडिया संगठन की संपादकीय नीति पर बुरा प्रभाव डाल सकती है और ऑपरेशन 136 ने इसे एक बार फिर से पर्याप्त मात्रा में दिखाया है।

ऑपरेशन 136 के इस भाग में हम टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी न्यूज, स्टार इंडिया, Network 18, सुवर्णा, एबीपी, दैनिक जागरण, पेटीएम, रेडियो वन, रेड FM, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी 5, दीनामलार, बिग FM, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी, ओपन मैग्जीन, वर्तमान पत्रिका और दैनिक संवाद के साथ पुष्प शर्मा की बातचीत के अंशों का पुनरुत्पादन कर रहे हैं।


TIMES OF INDIA

प्रदीप.वी, ग्रुप हैड सेल्स, रेडियो मिर्ची; बिनीत कुमार, सीनियर मैनेजर, रेडियो मिर्ची, पटना; प्रभू झा, स्टेशन डायरेक्टर, रेडियो मिर्ची; Aaron D’Mello, अकाउंट मैनेजर, रेडियो मिर्ची, मैंगलोर; अंशुमन डे, डिप्टी जनरल मैनेजर एंड हैड नोर्थ ईस्ट इंडिया, टाइम्स ग्रुप, गुवाहाटी; विजय भास्कर रेड्डी, डिप्टी मैनेजर रिस्पोंस द टाइम्स ग्रुप, हैदराबाद; विजय प्रकाश सिंह, ग्रुप हैड, रेडियो मिर्ची; विशाल गुलेरी, डिप्टी मैनेजर रिस्पोंस, द टाइम्स ग्रुप; बिपिन कुमार, चीफ़ मैनेजर, NBT लखनऊ; अतुल मेहता, सीनियर मैनेजर ब्राण्ड सोल्युशंस, टाइम्स ग्रुप कंपनी Worldwide मीडिया; प्रियदर्शी बनर्जी, जनरल मैनेजर प्रॉडक्ट स्ट्रेटजी, रौनक राजे, सीनियर मैनेजर डिजिटल, संजीव शाह, Executive प्रेजिडेंट– Mergers and Acquisitions Corporate, टाइम्स ग्रुप; विनीत जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, टाइम्स ग्रुप

The Times Group, Bennett, Coleman & Co. Ltd. जी हाँ देश का सबसे बड़ा मीडिया समूह। The Audit Bureau of Circulations की साल 2014 की report के मुताबिक Times of India दुनिया में सबसे ज़्यादा circulation वाला अँग्रेजी अख़बार है। लगभग 11 हज़ार employee वाले The Times Group की Chairperson Indu Jain और Managing Director Vineet Jain है। The Times Group का Publishing, Broadcasting, Radio, Film, Entertainment और Web portals का व्यवसाय है। Times of India, Economic Times, Navbharat Times अख़बार के अलावा Times Now, ET Now, Mirror Now और Zoom channel भी The Times Group के ही है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र में भी क्या मीडिया मोटी रकम लेकर ख़ास agenda या फिर paid news चला रहा है? हकीकत जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात कर्नाटक में रेडियो मिर्ची के Group Head Sales Pradeep V से हुई। पुष्प ने इनसे हिंदुत्व के agenda की बात की और आगे सवाल किया कि क्या आपने पहले भी कभी इस तरह के program किए है तो रेडियो मिर्ची के Group Head Sales Pradeep V ने जवाब दिया कि उन्होने BJP के लिए campaign run किए है। we have runs campaign for BJP… मतलब…. Absolutely, मतलब बहुत high decibel, बहुत ही high decibel… yea party was directly handling…

पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात रेडियो मिर्ची Patna में Senior Manager Binit Kumar और Station Director Prabhu Jha से हुई। पुष्प इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के साथ rivals के लिए political satire के बारे में बताते हुए कहते है कि उनका मकसद बीजेपी को elections में फ़ायदा पहुंचाना है। रेडियो मिर्ची Patna में Senior Manager Binit Kumar अपनी सहमति देते हुए कहते है, “मैं अपने Script Writer से आपको मिलवा दूंगा वो अपना बना लेगा…. थोड़ा थोड़ा, धीरे धीरे… ठीक है…”

बातचीत में पुष्प रेडियो मिर्ची Patna के Station Director Prabhu Jha को बताते है कि agenda के जरिये political rivals को thrash करना है ताकि बीजेपी को फ़ायदा हो सके। इस पर Prabhu Jha बताते है कि वो भी RSS से जुड़े है। “by the way मैं भी RSS से ही belong करता हूं…” आगे इन्होने एक और बात कही don’t worry ये हम पे जो भी हमारे Programming head हैं या मैं हूं या we have been brought up in RSS तो इसलिए आप वो और Last Time हम लोगों ने BJP के लिए Campaign भी किया था…

पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई रेडियो मिर्ची Manglore के Account Manager Aaron D’Mello से। पुष्प ने इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताया कि कैसे वो इसके जरिये कर्नाटक चुनावों में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाना चाहते है। रेडियो मिर्ची Manglore के Aaron D’Mello  ने पुष्प को बताया कि हम लोग भी ऐसे लोगों को देख रहे थे जो हमारे साथ campaign चलाना के इच्छुक हों। बकौल Aaron, Actually we were also looking out… Who are interested in campaign with us”  पुष्प ने जब रेडियो मिर्ची Manglore के Account Manager Aaron D’Mello से जब thrashing my political rival through political satire की बात कही  तो Aaron ने हामी भरते हुए कहा,“yea, by tweaking you need to tweak it little bit”.

पुष्प की अगली मुलाक़ात हुई Guwahati में Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey से। पुष्प Anshuman को अपना हिंदुत्व का agenda बताते है और चुनावों में इसका फ़ायदा लेने की बात करते है। अपनी सहमति देते हुए Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey कहते है, “yes, it should look like a general awareness kind of thing…Agenda के तहत political rivals को thrash करने की बात पर Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey कहते है, “नहीं देखिए उस type का आपको बहुत tactfully करना पड़ेगा, tactfully in the sense कुछ कुछ चीज तो है जिसे direct हम छाप नहीं सकते…”।

पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात The Times Group Hyderabad के Deputy Manager Response Vijaya Bhasker Reddy से हुई। पुष्प इन्हें हिंदुत्व के अपने agenda के बारे में बताते है और कहते है कि कैसे Times Group में इसे चलाकर बीजेपी के लिए माहौल बनाया जा सकता है। बातचीत में Vijaya Bhasker Reddy पुष्प को सलाह देते हैं कि ऐसे कार्यक्रम को हिंदुत्व का नाम न देकर सत्संग के नाम पर किया जाए। पुष्प की Vijaya Bhasker Reddy से एक और मुलाक़ात हुई। इस बार  The Times Group Hyderabad के Deputy Manager Response Srikanth Redddy भी Vijaya के साथ मौजूद थे। Vijaya Bhasker Reddy agenda को लेकर कहते है, “उन लोगों को पहले समझाओ कि भाई आप हिंदू हैं, you should feel proud of it”.

पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है Vijay Prakash Singh से जो रेडियो मिर्ची के Group Head हैं। और वो कहते हैं No problem… this will be under four month December to march. I will ask my team to send you plan…

पुष्प शर्मा आगे मिलते है चंडीगढ़ में The Times Group के Deputy Manager Response Vishal Guleri से। पुष्प विशाल को आने वाले elections के मद्देनज़र अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताते है जिसके तहत events करने की भी बात होती है। चंडीगढ़ में The Times Group के Deputy Manager Response Vishal Guleri पुष्प को सलाह देते है कि Times of India के नाम पर schools बड़ी आसानी से events की permission दे देते है। Advertisement or all either benefit what… See we do these events and it is very simple we go to school we get sanction or we does things… If you go to school it will be difficult for you to get a sanction but when we go times of India…

पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई NBT Lucknow and Language- BHH के Chief Manager Bipin Kumar से। पुष्प ने बिपिन को अपना हिंदुत्व का agenda बताया जिसे सुनने के बाद बिपिन ने कहा कि अभी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी TOI group से खुश नहीं है।But otherwise also अभी जो हालात है आपको बताउं मैं हमारे यहां की, कि Modi and Amit Shah is not very happy with TOI group. So they want to do something for them, so that they are happy… अभी एक पहला signal उससे मिलेगा जो ये global business meet है अगर उसमें PM चले गए that means he is mellowing down.

पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई मुंबई में Times Group की company Worldwide Media में Senior Manager Brand Solutions Atul Mehta, General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee और Senior Manager Digital Sales Raunaq Raje से। पुष्प इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताते है और बातचीत के दौरान Maharastra Achiever Award program करने की बात करते है। जिस पर Atul Mehta अपनी सहमति देते हुए budget के लिए बोलते है, सर उसका अगर title हम post करते हैं तो बैठेगा about 1 cr.” इतना ही नहीं अतुल Maharastra Achiever Award को पहले ही fix करते हुए कहते है, “DGP को दे दें सतीश माथुर जी को

बातचीत के दौरान political satire create करने की भी बात होती है जिस पर Worldwide Media में Senior Manager Brand Solutions Atul Mehta और Senior Manager Digital Sales Raunaq Raje अपनी सहमति देते है। Raunaq Raje आगे कहते है, Micro site अलग से create करेंगे”

बातचीत के दौरान Times Group की company Worldwide Media में General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee कहते है, Media company है दिखना चाहिए कि neutral है”। पुष्प आगे बताते है कि कैसे धीरे धीरे heat देकर मामले को polarize करना है और agenda को आगे लेकर जाना है।

पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है Times Group के Executive President – Mergers and Acquisitions Corporate Sanjeev Shah से और ये मुलाक़ात कराते है Times Group की company Worldwide Media में General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee. पुष्प अपनी requirement समझाने के साथ साथ polarization और  communalization की बात करते है। पुष्प के हर सवाल का जवाब संजीव yes, ya and correct” में देते हैं।

पत्रकार पुष्प शर्मा की एक बार फिर मुलाक़ात होती है Times Group के  Executive President – Mergers and Acquisitions Corporate Sanjeev Shah से। संजीव पुष्प को बताते है कि agenda को लेकर उनकी Times Group के Managing Director Vineet Jain से बात हुई है। संजीव बातचीत के दौरान Times Group की reach बताते हुए कहते है कि उनके मुक़ाबले का कोई नहीं है। संजीव कहते है, “तो India में कोई भी एक platform नहीं है जो आपको एक दिन में 65 to 75 millions को आप touch कर सको”

Times Group के Executive President Sanjeev Shah पुष्प को सलाह देते है कि हिंदुत्व के agenda के लिए ज़्यादा financial commitment करने पर Times Group के Managing Director Vineet Jain ज़्यादा interested होंगे। No this one I have told him also I said this is important for him to decide it is his choice and I think meeting him and bigger the commitment is the more he will be personally interested”

इसी मुलाक़ात के दौरान संजीव शाह पुष्प को Times Group के Managing Director Vineet Jain से मिलवाते है। बातचीत में पुष्प विनीत जैन से पूछते है कि क्या transactional relationship के अलावा भी उनका जुड़ाव संगठन से रहेगा? विनीत कहते है कि corporate होने के नाते उन्हें दिखने में तो neutral होना है। बक़ौल विनीत, “मतलब देखने में तो neutral होना चाहिए पूरा जितनी कोशिश करके”। 

पुष्प आगे कहते है कि वो इतना investment कर रहे है तो वो selfish भी हो सकता है। पुष्प आगे femina जैसे event में हिंदुत्व के सवाल पूछने की बात करते है। जवाब में विनीत कहते हैं कि “जहां जहां हमारा limitation होगा then you should accept कि है मतलब हमें comfortable नहीं लग रहा suppose Miss India को मैं final question ये नहीं पूछना चाहता then this…”

पुष्प बातचीत में विनीत जैन को बताते है कि payment parts में होगी और कुछ हिस्सा cash में भी होगा जिस पर Times Group के Managing Director Vineet Jain कोई सवाल नहीं करते। यहाँ तक कि वो पुष्प को कहते हैं कि “नहीं that I will.. is not a problem There is cash component which we discuss”

पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात एक बार फिर Times Group के Executive President Sanjeev Shah और Times Group के Managing Director Vineet Jain से हुई। इस बार ये मुलाक़ात दिल्ली में हुई। बातचीत में पुष्प deal के कुछ हिस्से का payment cash में करने की बात करते है। जिस पर Sanjeev Shah और Vineet Jain पहले तो मना करते है लेकिन फिर cash की मोटी रकम को अलग अलग तरीको से route करने की सलाह देते है। इतना ही नहीं Sanjeev Shah last installment cash में लेने को भी राजी थे। जरा आप भी गौर से देखिए cash को route करने के इन तरीकों को।  “तो मेरा request ऐसा था Lets us start with full cheque just now and then lets us se क्योकि just now thing is we don’t have any use of cash neither abroad nor in India” आगे cash को route करने की बात पर संजीव कहते हैं कि “तो Routing कर लिजिए Hemandra भाई को बोल दो कि आप का खर्चा हो रहा है” cash route करने की बात पर संजीव किसी कुमार का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि “हमारा ये हैं की आप अगर कुमार जी के through request कर लो तो फिर वो भी एक route हैं कुमार जी का और हमारा…”

बातचीत में Times Group के Managing Director Vineet Jain ने एक और सुझाव दिया। विनीत ने नामी businessman के through cash adjustment करने का रास्ता बताया। क्या है ये रास्ता जरा आप भी देखिए। बक़ौल संजीव Essar is being, Ambani is being Adani is there”  आगे संजीव कहते हैं कि उन्हें किसी corporate से पैसा लेने में कोई दिक्कत नहीं हैं “हम को किसी भी corporate से लेने मे problem नहीं हैं”

Times Group के Executive President Sanjeev Shah ने हिंदुत्व का agenda चलाने के लिए e-mail के जरिए 500 करोड़ का proposal भी भेजा। एक दिन में England की जनसंख्या से भी ज़्यादा यानि लगभग 65-70 million लोगों तक पहुँच का दावा करने वाले Times Group के ऊंचे पदों पर आसीन लोग पत्रकारिता और सामाजिक जिम्मेदारियों को सरेआम नीलाम कर रहे है। क्या कभी इस पर कोई लगाम लग पाएगी या पत्रकारिता सिर्फ व्यापार बनकर रह जाएगी।


ZEE MEDIA GROUP

संतोष सेल्स एंड मार्किटिंग, गौरी महापात्रा हेड सेल्स एंड मार्किंग ज़ी कलिंगा;  संजोय चटर्जी, बिजेनेस हेड ज़ी रीजनल ईस्ट, पुरुषोत्तम वैष्णव, सीईओ रिजनल न्यूज़ चैनल्स; सागर आरोड़ा, सीनियर मैनेजर सेल्स, ज़ी पंजाब, हिमाचल एंड हरियाणा; अमित कुमार, असिस्टेंट मैनेजर, ज़ी पुरवैया; प्रदीप कुमार सिन्हा, टर्शरी हेड सेल्स; अभिषेक पांडेय, सीनियर मैनेजर सेल्स, उत्तराखंड ज़ी न्यूज़

ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने करीब दो दशक पहले साल 1999 में ज़ी न्यूज़ लॉन्च किया, आज ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तीन नेशनल चैनल्स हैं जिनमें ज़ी न्यूज़, ज़ी हिन्दुस्तान और ज़ी बिजनेस शामिल हैं साथ ही इसी ग्रुप का ‘ज़ी व्योन’ अंग्रेजी का इंटरनेशनल चैनल है। इसके अलावा ज़ी मीडिया ग्रुप के ज़ी 24 तास (मराठी), ज़ी 24 कलक (गुजराती), ज़ी 24 घंटा (बंगाली), ज़ी मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़, ज़ी उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड, ज़ी राजस्थान, ज़ी पंजाब/ हरियाणा/ हिमाचल, ज़ी कलिंगा न्यूज़ (उड़िया), ज़ी बिहार/ झारखंड और ज़ी सलाम (उर्दू) भी इसी ग्रुप के रीजन्ल चैनल्स हैं। आज इस मीडिया ग्रुप के 19 करोड़ व्यूवर्स हैं।

इसके न्यूज़ चैनल्स के अलावा 9X मीडिया भी ज़ी ग्रुप का हिस्सा है जिसके अंदर 6 म्यूजिक चैनल्स और www.spotboye.com नाम से बॉलीवुड न्यूज़ पोर्टल है। Daily News and Analysis-DNA भी मुंबई आधारित अंग्रेजी समाचार पत्र है। ज़ी न्यूज़ अक्सर अपनी कट्टर हिंदूवादी मानसिकता को लेकर चर्चाओं में रहता है। चाहे वो ज़ी न्यूज़ और जिंदल प्रकरण जिसमे ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी और उनके सहयोगी समीर आहुवालिया द्वारा जिंदल समूह से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का मामला हो या खुद को राष्ट्रवादी चैनल घोषित करने की बात हो। जिंदल प्रकरण मे तो जी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी और समीर आहुवालिया को दिल्ली पुलिस ने 2012 मे गिरफ्तार भी किया था। जितना संभव हो उतनी आंखों को आकर्षित करने के अपने उत्साह में सुधीर चौधरी ने एक फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को भी अंजाम दिया था। सितंबर 2007 में सुधीर चौधरी लाइव इंडिया के सीइओ और एडिटर थे। ये स्टिंग ऑपरेशन एक महिला के खिलाफ था जो दिल्ली के सरकारी स्कूल में टीचर थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में उस महिला को वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने वाली के रूप में दिखाया गया था। इस फर्जी वीडियो को चैनल पर दिखाए जाने के बाद महिला को ना सिर्फ समाज में बदनामी का दंश झेलना पड़ा बल्कि गुस्साई भीड़ ने उसपर हमला तक कर दिया था। हालांकि जब जांच में स्टिंग ऑपरेशन के फर्जी होने की सच्चाई सामने आई तो इस स्टिंग ऑपरेशन को करने वाले सुधीर चौधरी के सहयोगी प्रकाश सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और झूठी खबर दिखाने के आरोप में चैनल को भी तीन महीने के लिए ब्लैक आउट किया गया था।

पिछले कुछ वर्षों में ज़ी न्यूज राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का एक सम्मानित चैंपियन बनने की कोशिश में लगा है खासतौर पर बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद ज़ी समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्र ने बीजेपी के सपोर्ट से राज्यसभा में जगह बनाई। फरवरी 2016 में भी दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को सत्तारूढ़ पार्टी और उसकी सरकार द्वारा निंदा का सामना करना पड़ा इसकी वजह थी ज़ी न्यूज पर प्रसारित किया गया वो सिद्धांतिक वीडियो जिसमें कुछ जेएनयू छात्रों को भारत विरोधी नारे लगाते दिखाया गया था। वीडियो प्रसारित होने के तुरंत बाद जेएनयू के छात्रों और छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई हालांकि पुलिस अभी तक इस वीडिया की प्रमाणिकता का पता नहीं लगा पाई कि वाकई ये वीडियो वास्तविक था भी या नहीं।

26 मार्च 2018 को कोबरापोस्ट द्वारा ऑपरेशन 136 पहले पार्ट के रिलीज होने के बाद ज़ी न्यूज़ और ज़ी हिंदुस्तान ने ‘कोबरापोस्ट का काला सच नाम’ से एक सनसनीखेज़ कार्यक्रम प्रसारित किया। इस कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य कोबरापोस्ट की तहकीकात को गलत साबित करने का था। हालांकि इस कार्यक्रम में ज़ी न्यूज़ ने अपने मुताबिक वीडियो और स्क्रिप्ट के जरिए खुद को पाक साफ दिखाने की पुरजोर कोशिश की।

ऑपरेशन 136 पार्ट-1 में कोबरापोस्ट ने DNA और 9X Tashan के बड़े अधिकारियों का खुलासा किया था जिन्होंने हिंदुत्व को बढ़ावा देने पर अपनी सहमति जताई थी, इन अधिकारियों ने कुछ राजनीतिक नेताओं के खिलाफ चरित्र हत्या अभियान चलाने और पैसे के लिए अनुकूल कहानियां चलाने पर भी रजामंदी दी थी। 9X Tashan के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट (एड सेल्स) राजीव शर्मा ने अपने ग्राहक पुष्प शर्मा को वादा किया था कि वो एजेंडे के अनुसार हिंदुत्व का प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था कि “आप जो ये points बोल रहे हैं इसमें हम ऐसा भी कर सकते हैं कि जैसा अभी हमने brand songs  हम create करते है तो हम ये जो आपके items हैं इनके through भी हम कुछ कर सकते हैं मान लीजिए song create किया हमने और वो हमारी property भी होगी तो हम उसको throughout the day promote करेंगे वो चलेगा एक बड़े level पे तो वो एक buzz create कर देगाज़ी सिनर्जी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर रजत कुमार जो कि DNA के प्रभारी भी हैं। इन्होनें भी अपने ग्राहक से इस मीडिया कैंपने पर काम करने का वादा किया था। इन्होंने कहा था कि “बिल्कुल मैं इसमें बहुत युद्ध गति से काम करता हूं

DNA और 9X Tashan के बड़े अधिकारियों का खुलासा करने के बाद पुष्प शर्मा ने ज़ी मीडिया ग्रुप के अलग-अलग रीजनल चैनल्स में बड़े पदों पर बैठे आठ और मार्किटिंग अधिकारियों से बातचीत की यह देखने के लिए कि क्या उनके दुर्भावनापूर्ण प्रस्ताव को ये अधिकारी गर्मजोशी से ले रहे हैं या नहीं। हैरानी वाली बात ये है कि ये सब अधिकारी पुष्प शर्मा की मांगों से भी ऊपर जाकर इस एजेंडे पर काम करने के लिए राजी हो गए। भुवनेश्वर में ज़ी कलिंगा में सेल्स एंड मार्केटिंग टीम के सदस्य संतोष ज़ी न्यूज के साथ इस एजेंडे के लिए कॉर्पोरेट गठबंधन को तुरंत सहमत हो गए। इन्होंने कहा नहीं-नहीं खाली ज़ी कलिंगा का बात खत्म कर लेते हैं और top level में जो भी हो सकता है मैं यहीं से करवा दूंगा, कोई problem नहीं है सब मैं करवा दूंगा

पुष्प के पूछने पर कि क्या आपका मतलब है कि आप भुवनेश्वर से ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का भी करा सकते हैं संतोष ने कहा कि हां-हां link हैं सब ना कोई problem नहीं है direct बात आप भी कर सकते हैं कोई problem नहीं है खाली ज़ी कलिंगा को लेकर जो प्रोग्राम है आपको उसका detail मेरे को दे दीजिए और छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश बोल रहे हैं छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के लिए मैं करवा दूंगा

संतोष बोर्ड पर अपनी वरिष्ठ गौरी महापात्रा को लाने के लिए तत्पर थे जो पत्रकार भुवनेश्वर कॉफी शॉप में मिले थे। उनके जूनियर ने ज़ी कलिंग सेल्स एंड मार्केटिंग हेड को पहले से ही इस एजेंडा के बारे में अवगत करा दिया था।

अपने भारी भरकम बजट पर चर्चा करते हुए पुष्प गौरी महापात्रा को बताते हैं कि वो ओडिशा समेत तीन राज्यों में अपने मीडिया अभियान में निवेश’ करना चाहते हैं, वो कहती हैं ऐसा लगता है कि यह एक भुगतान नहीं है, इसलिए यह एक और मदद होगी।

महापात्रा की बातों पर हामी भरते हुए पत्रकार पुष्प शर्मा कहते हैं कि यही तो वो चाहते थे। पुष्प महापात्रा से ये भी कहते हैं कि चूंकि आपका मालिक स्वयं बीजेपी से जुड़ा हुआ है, ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपका चैनल अनावश्यक रूप से हमारा पक्ष ले रहा है इसपर महापत्रा कहती हैं “हाँ, बिल्कुल … ऐसा दिखना चाहिए कि हम सभी के साथ हैं … हम हमेशा ऐसा कर सकते हैं

पुष्प महापात्रा को बताते हैं कि हमारे आश्रम में डोनेशन द्वारा मिला बहुत सारा कैश है और पूछते हैं कि क्या हम कैश में पैंमेंट कर सकते हैं महापात्रा कहती हैं Cash is welcome हां हां यहां एक बड़ी एजेंसी है वो हमेशा ऐसा कर सकते हैं

पुष्प आगे पूछते हैं कि अब, मुझे बताएं कि आपका चैनल इन तीन राज्यों में सरकार बनाने में हमारी मदद कैसे कर सकता है? इसपर महापात्रा कहती हैं “We have days out total FPC, we call it FPC fixed point chart, like we have to plan for whole week that is our FPC. So what we have planned is we are going to remote [areas]. What is the agenda of the chairman?  So it will be like totally going to each and every panchayat, each and every block, to the local corner of Odisha. We won’t be leaving any place.  So that way we can add-on like आपका कहीं पर कुछ हो रहा है (if you have organized a programme) … like our 30 senior [staff members] will be there in all places, and 30 will be multiplied, can go to 100, 200 people, so they will be in one network. So if it goes well, if it is okay with chairman … we will be working like a partnership programme.”(हमारे पास कुल FPC के दिन हैं, हम इसे FPC fixed point chart कहते हैं, जैसे कि हमें पूरे सप्ताह के लिए योजना बनानी है वही हमारा FPC है। तो हमने योजना बनाई है कि हम दूर-दराज इलाकों में जा रहे हैं। यही चेयरमैन का एजेंडा भी है। तो यह पूरी तरह से हर एक पंचायत, हर एक ब्लॉक, ओडिशा के एक-एक कोने में जाने जैसा होगा। हम कोई जगह नहीं छोड़ेंगे। तो इस तरह हम add-on कर सकते हैं जैसे आपका कहीं पर कुछ हो रहा है… जैसे हमारे 30 वरिष्ठ [स्टाफ मेंबर] सभी जगहों पर होंगे, और 30 गुणा किए जाएंगे, 100, 200 लोगों तक जा सकते हैं, इसलिए वे एक नेटवर्क में होंगे। तो अगर ये अच्छी तरह से चला जाता है, अगर यह चेयरमैन के लिए ठीक है … तो हम साझा कार्यक्रम की तरह काम करेंगे)।

इसतरह इस तरह ज़ी कलिंग के साथ सौदा हो जाता है इसके बाद पुष्प महापात्रा से पूछते हैं कि अगर वह उसे किसी ऐसे व्यक्ति के पास ले जा सकती हैं जो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए इसी एजेंडे पर हमला करने में मदद कर सकती है, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसपर महापात्रा पुष्प को ज़ी रिजनल ईस्ट के बिजनेस हेड संजोय चटर्जी से मिलाने की बात कहती हैं, लेकिन इस बैठक के पहले, चटर्जी पहले से ही ज़ी ग्रुप के कुछ रीजनल चैनल्स के संपादकीय टीम के प्रमुख और सीईओ पुरूषोत्तम वैष्णव से बात कर चुके थे

लिहाजा जब पुष्प चटर्जी से पूछते हैं कि वह राजस्थान में चुनाव के दौरान एजेंडा को बढ़ावा देने में कैसे मदद कर सकते हैं, तो चटर्जी कहते हैं “हमारी तरफ से आपके इस कार्यक्रम के लिए we will do anything and everything that is required to make your plan successful, that’s our commitment, okay. It has to be spread across length and breadth of the day and the evening and in the night and the afternoon because the audience is everywhere. You know to capture all kinds of audiences you have to instill [in] them the confidence about the Hindutva thing. Some speak out like you do, some don’t like I do. I am also [a] Brahmin, I am Chatterjee. So we also know that whatever our country is going through, and I am not giving you any sales talk … okay, because sales has already been done. Let’s assume that. So, it’s good thing and before coming here we been sat down with Purshottamji. He has assured that [quoting him] ‘You go and tell him every single help from the channel to make your plan successful.’ That is the one liner that we are telling you.(हम आपकी योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कुछ भी और सब कुछ करेंगे, यह हमारी प्रतिबद्धता है, ठीक है। इसे दिन, रात, दोपहर, शाम में फैलाना होगा क्योंकि दर्शक हर जगह हैं। आप जानते हैं उन सभी प्रकार के दर्शकों को पकड़ने के लिए जिन्हें आपको हिंदुत्व चीज़ के बारे में विश्वास कराना है। कुछ आप की तरह बात करते हैं, कुछ मुझे पसंद नहीं करते हैं, मैं भी एक ब्राहमण हूं मैं चटर्जी हूं। इसलिए ये हम भी जानते हैं कि जो हमारा देश है वो कहां जा रहा है, और मैं आपसे कोई सेल्स वाली बात नहीं कर रहा हूं… ठीक है क्योंकि सेल्स पहले ही हो चुकी है। चलिए मान लेते हैं तो ये अच्छी बात है और यहां आने से पहले हम पुरुषोत्तमजी के साथ बैठे थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आप जाइए और उन्हें बताइए कि आपकी योजना को सफल बनाने के लिए चैनल हर एक मदद के लिए तैयार है। वह एक लाइनर है जो हम आपको बता रहे हैं।)

पुष्प चटर्जी को कहते हैं कि जो plan आपने मुझे अभी बताया उससे अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता लेकिन हम आपको सारी रकम कैश में देंगे जो कि आस्ट्रेलिया के एकाउंट से आपके खाते में आएगी दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यहां पुष्प ने चटर्जी से गैरकानूनी तरीके से लेन-देन की बात की जिसपर चटर्जी ने कहा ठीक है जहां तक finance की बात है what we can do is we can include, you know, a person see after??? from our Noida office … Okay, my and her job basically is understanding your requirement, communicating, interrelate and service that requirement, okay, and the price should be [Rs.] 10 cr net. You know how the nuances of that shall be handled by a person Mukesh Jindal.”(हम क्या कर सकते हैं हम शामिल कर सकते हैं, आप जानते हैं, एक व्यक्ति बाद में देखता है ??? हमारे नोएडा कार्यालय से … ठीक है.. मेरा और उसका काम मूल रूप से आपकी आवश्यकता को समझना है, संचार करना है, बातचीत करना है और उस आवश्यकता का ध्यान रखना है, ठीक है, और कीमत [रुपये] 10 करोड़ नेट होना चाहिए। आप जानते हैं कि उसकी बारीकियों को मुकेश जिंदल ने कैसे किया)

इसपर पुष्प चटर्जी से उस उस आदमी के बारे में पूछते हैं तो चटर्जी उस शख्स के बारे में और उसकी विशेषता के बारे में विस्तार से बताते हैं “He is based in our Noida office. He handles the finances for any such things that’s we do. He knows how we can manage this keeping your objective in mind, keeping our objective in mind.” ( वो हमारे नोएडा ऑफिस से है.. वह ऐसी किसी भी चीज के लिए finance को संभालता है जो हम करते हैं वह जानता है कि हम अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, इसे कैसे प्रबंधित कर सकते हैं।अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए “)

इन्होंने आश्वासन दिया कि ज़ी के रीजनल चैनल अपना एजेंडा चलाएंगे, पत्रकार पुष्प अब यह जानना चाहते थे कि वे नकद भुगतान कैसे समायोजित करेंगे और किस अनुपात में। इसपर पुरुषोत्तम वैष्णव अपने ग्राहक को आश्वस्त करते हैं वो तो हमारी टीम है वो कर देगा जैसा भी होगा हमारी बात हो जाएगीइसके बाद चटर्जी पैमेंट का अनुपात बताते हुए कहते हैं “Fifty percent cash और fifty percent.”( 50 प्रतिशत नकद और 50 प्रतिशत ….)

पत्रकार पुष्प कहते हैं कि मैं कुछ समझा नहीं इसके बाद चटर्जी पूरे लेन-देन के बारे में विस्तार से समझाते हैं “Firstly, we will look at 25 crores if you [are] looking [at] four states, 50% of the money will be in cash and 50% will be in cheque. Cheque part needs to come in totality,” (सबसे पहले, अगर आप चार राज्यों में देख रहे हैं तो हम 25 करोड़ लेंगे, 50% पैसा नकद में होगा और 50% चेक में होंगे। कुल मिलाकर चैक की रकम को ही दिखाना है)

पुष्प इनकी मंशा जानने के लिए फिर पूछते हैं कि इसका मतलब हम 12.5 करोड़ रूपये कैश में दे सकते हैं इसपर चटर्जी हां में जवाब देते हैं और contract sign करने की बात कहते हैं “Yes, we will start signing the contract, okay. We will be giving you how questions should be designed.” (हां, हम contract पर हस्ताक्षर करना शुरू कर देंगे, ठीक है। हम आपको देंगे कि प्रश्न कैसे डिजाइन किए जाने चाहिए।)

इसके बाद पुष्प पुरुषोत्तम से पूछते हैं कि हमारे एंजेडा को चलाने के लिए जो रेट आपने हमें बताए हैं क्या उसमें थोड़ी छूट मिल सकती है इसपर पुरुषोत्तम कहते हैं ये चीजें ये जाने मैं तो पत्रकार आदमी हूं मैं इससे ज्यादा नहीं जानता खुद को पत्रकार बताकर पुरुषोत्तम बड़े ही शातिराना अंदाज में खुद को मुद्दे से बचाते नज़र आते हैं।

पुष्प इन अधिकारियों से बताते हैं कि चैक द्वारा 12.5 crore रूपये का पैमेंट कर पाना उनके लिए मुश्किल भरा होगा लिहाजा बढ़िया होगा कि आप पूरी पैमेंट कैश के जरिए ले लें। इसपर पुरुषोत्तम पुष्प को आश्वस्त कराते हैं और कहते हैं ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं है ये आपकी सुविधा के अनुसार हो जाएगा। पुरुषोत्तम कहते हैं  हमारी टीम है जो payments के  part को देखती है वो लोग बात करेंगे आपके साथ आपके convenience पे हो जाएगा कोई बड़ा issue नहीं हैहम लोग उसके बहुत quoted unquoted commit नहीं कर सकते वो आपकी  convenience पे हो जाएगा

ये सब देखने के बाद ये समझने की गुंजाइश ही नहीं बचती कि ज़ी समूह में एक अच्छी तरह से स्थापित तंत्र है जो अपने ग्राहकों से कैश में मिलने वाले पैसे को भी ठिकाने लगा सकता है। ये बात उस वक्त और ज्यादा पुख्ता हो जाता है जब एक वरिष्ठ पत्रकार, सीईओ और रीजनल चैनल के हैड के पद पर कार्यरत जिम्मेदार अधिकारी इस बात का आश्वासन देते हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा के चार राज्यों में अभियान चलाने के लिए पूरे दिन दो घंटे के लिए चटर्जी 25 करोड़ रुपये की बात कहते हैं और पूरा सौदा कैसे विभाजित होगा ये भी बताते हैं 25cr is the deal, okay, net yes [excluding GST], देखिए कैश के ऊपर सवाल नहीं है 12.5जो जा रही है वो clientको देना है इसके ऊपर  We will give you the deal. ये जो हमारी जो deal बनेगी वो 12.5 crore की deal बनेगी उसमें entitlement दिया जाएगा आपको  and accordingly payment has to be made as full advance. Full advance means 12.5 [crore] which is 50 % is to be [paid] fully advance. That money will come from which account? Australian account? (और उसके हिसाब से पूरा भुगतान पहले ही किया जाना है.. तो वो पैसा किस खाते से आएगा? ऑस्ट्रेलियाई खाते से? )

पुष्प चटर्जी को बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में मेरे खाते से धन हस्तांतरित नहीं किया जाएगा आप मुझे अपना ऑस्ट्रेलियाई खाता देते हैं तो खाते में रकम कोई और भेजेगा। चटर्जी उत्सुकता से पूछते हैं कि तो आप आस्ट्रेलिया से कब भेजेंगे इसी बीज इसके सहयोगी पुरुषोत्तम कहते हैं कि Worldwide है जी Zee का तो इसपर चटर्जी निश्चित रूप से मदद करने का आश्वासन देते हैं। अगर वो Australia से नहीं हुई if in the country then obviously Zee Unimedia के नाम से cheque बनेगा  आगे पुरुषोत्तम कहते हैं कि  “Zee International के नाम से deal हो जाएगी इसमें क्या है  इन अधिकारियों की बातों से पुष्प को पता लगता है कि सौदा करने के लिए ज़ी यूनिमीडिया या ज़ी इंटरनेशनल के नाम पर भुगतान स्थानांतरित किया जा सकता है।

पुष्प इन्हें बताते हैं कि ज़ी इस सौदे पर कैसे चल रहा है इस बारे में एक आवधिक समीक्षा होगी। इसपर चटर्जी आश्वासन देने हुए कहते हैं कि वो तो कल जब मैं आपको बताया था ना कि पुरुषोत्तम जी का one liner view था मेरे को कि आपको जो भी help चाहिए from the editorial beat we have kept in mind. We will do everything.(संपादकीय स्तर पर हमने ये ध्यान में रखा है, हम हर चीज़ करेंगे)

आगे बढ़कर पुरुषोत्तम पुष्प को आश्वस्त कराते हैं कि उनकी टीम पुष्प के एजेंडा को पूरा करने के लिए कुछ investigative stories भी चलाने को तैयार है “Content में जो आपकी तरफ से input आएगा वो absorb हो जाएगाहमारी तरफ से जो  content generate होगा investigative journalism हम लोग करते हैं करवा देंगे जितना हम लोगों ने किया है उतना किसी ने नहीं किया होगा वो हम लोग करेंगे

जाहिर है ज़ी मीडिया के दोनों अधिकारी चटर्जी और पुरुषोत्तम एजेंडा को बहुत अच्छी तरह समझ चुके हैं और उन्होंने अपने कार्यों को भी बांट लिया है मसलन पेमेंट का लेने-देन चटर्जी संभालेंगे और संपादकीय स्तर पर पुरुषोत्तम मदद करने के लिए तैयार दिखे

पत्रकार के पूछने पर कि कैसे वो investigative stories के जरिए हमारे एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे इसपर पुरुषोत्तम बताते हैं कि वो इस तंत्र का उपयोग कैसे करेंगे- ये सारे AFP के part ही part रहेंगेउसको screen पर किस तौर पर लेकर आना है वो  script में देखेंगे तो आपको लग जाएगा

पुष्प इनसे ये भी पूछते है कि क्या वो विज्ञापन या किसी प्रायोजित कार्यक्रम की तरह टैगलाइन चलाकर इसकी घोषणा करेंगे कि ये कार्यक्रम प्रायोजित है इसपर पुरुषोत्तम आश्वस्त करते हैं कि वो आप छोड़ दीजिए इसपर पुरुषोत्तम के सहयोगी चटर्जी बताते है कि वो कैसे इस तंत्र का इस्तेमाल करेंगे वो newspaper में आता है advertorial लिखा हुआलेकिन TV में ऐसा नहीं आता

पत्रकार पुष्प कहते हैं कि चुनाव से कुछ महीने पहले आपको हमारे एजेंडा पर और ज्यादा aggressive होना होगा इसपर पुरुषोत्तम आश्वासन देते हैं कि वो तो जो plan आप चाहें … election के  time में तो वैसे भी इतनी अग्नि प्रजवलित हो चुकी होती है कि वो ऊर्जा अलग होती है

ये पुष्टि करने के लिए ये अधिकारी हमारे एजेंडा को अच्छी तरह से समझ चुके हैं और इसे चलाने के लिए भी तैयार हैं पत्रकार उन्हें फिर से बताते हैं कि उनके एजेंडे के चार अंक हैं। पुष्प एक बार फिर कहते हैं कि चुनाव के दौरान उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को टारगेट करना होगा ताकि हवाओं का रुख बदला जा सके इसपर पुरुषोत्तम कहते हैं कि “Done.”

पुष्प शर्मा का अगला पड़ाव था ज़ी मीडिया का चंडीगढ़ दफ्तर। यहीं से ज़ी के पंजाब, हरियाणा और हिमाचल रीजनल चैनल का संचालन होता है। यहां पुष्प की मुलाकात होती है सीनियर सेल्स मैनेजर सागर अरोड़ा से। पुष्प सागर को अपना एजेंडा समाझते हैं और उन्हें बताते हैं कि चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए वो हिंदुत्व का प्रमोशन चाहते हैं, कट्टर हिंदूवादी नेताओं के भाषणों का प्रचार चाहते हैं और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का चरित्र हरण कराना चाहते हैं। व्यंग्यात्मक तरीके से पप्पू और बहनजी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उनकी छवि खराब की जा सके। पुष्प उन्हें बताते हैं कि उनकी पार्टी के लिए पंजाब में एक जमीन तलाशना सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमारे मीडिया अभियान के माध्यम से अकालियों को उखाड़ फेंकना जरूरी है, और ये काम हम आपके चैनल को सौंपेंगे। तो वो investigative stories के जरिए कैसे उनकी मदद कर सकते हैं।

इसपर सागर अरोड़ कहते हैं कि सर वो तो निकालते रहते हैं अभी इन्होंने बहुत लगाया बहुत पैसा कमाया है और election time में अगर हमारा चैनल closely watch किया हो पंजाब में.. हमारे चैनल ने अकालियों की जो बैंड बजाई है आप सोच नहीं सकते

पुष्प पूछते हैं कि क्या वाकई आपने ऐसा किया है इसपर सागर कहते हैं कि हां that is there …इन्होंने अकालियों को बिल्कुल नहीं छोड़ा.. इनके पांच-छह दिनों में एकदम change कर दिया और कुछ वोट convert भी हुई

अरोड़ा पुष्प को जिस तरीके से बता रहे हैं उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि आज के दौर में मीडिया कितना शक्तिशाली हो सकता है, मीडिया किसी की किस्मत, राजनीतिक या व्यक्ति को बना भी सकता है और मार भी सकता है।

भोजपुरी में ज़ी मीडिया का प्रयास 2015 में ज़ी पुरवैया के लॉन्च के साथ शुरू हुआ था। भोजपुरी भाषा अधिकतर पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और नेपाल तराई के इलाकों में बोली जाती है। आज देश में भोजपुरी भाषा के दर्जनों समाचार और मनोरंजन चैनल हैं इन्हीं में से एक है ज़ी पुरवैया। ये चैनल ज्यादातर बिहार और झारखंड के मुद्दों को उठाता है। पुष्प शर्मा ज़ी पुरवैया के पटना ऑफिस में जा पहुंचे यहां इनकी मुलाकात एसिस्टेंट मैनेजर अमित कुमार से हुई। पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या वो इनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे कांग्रेस, RJD, सपा और बसपा के खिलाफ अपने चैनल पर कंटेंट चला सकते हैं। पुष्प के सवाल पर अमित कहते हैं कि उनका चैनल pro-BJP है यानी चैनल की विचारधारा बीजेपी के पक्ष में है। लाख हम कहें या दुनिया कहे कि हम भाजपा से supported हैं या भाजपा minded हैं जो कुछ भी हो but as a channel आपको अपनी विश्वसनियता को बनाए रखना होता है ठीक है मेरे मन में जो बात है वो तो कहीं न कहीं से निकलेगी और लोग समझते भी हैं इस चीज को pro होना ये लोग समझते हैं but directly नहीं बोलते

यह सुझाव देते हुए कि यदि हम पैनल चर्चा के दौरान अपने विरोधियों पर हावी होना चाहते हैं हमारे पास मजबूत मुद्दे होना चाहिए और इसमें अनिवार्य कौशल होना चाहिए इसपर उन्होंने वादा किया कि वो इस संबंध में चैनल के क्षेत्रीय प्रमुख (regional head) से बात करेंगे वही-वही वाकपटुता चाहिए वो तो ये चीज मैं Resident Director साहिब से बात कर लूंगा..आवश्यकता पड़ी तो मैं आपकी बात भी करा दूंगा वो उस level पर हमारी पूरी कोशिश रहेगी पैरवी रहेगी कि इन्हें chance दिया जाए Hope they may consider(उम्मीद है कि वे इसपर विचार कर सकते हैं)

पुष्प की अगली मुलाकात प्रदीप कुमार सिन्हा से होती है। प्रदीप ज़ी पुरवैया चैनल में Territory Sales Head के पद पर कार्यरत हैं। पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो अपने मीडिया अभियान को चैनल पर चलाने के बदले जो पेमेंट देंगे वो कैश में होगा इस पर सिन्हा कहते हैं कि इसके लिए उन्हें किसी तीसरी पार्टी को बीच में शामिल करना पड़ेगा इसमें तो हमें फिर एजेंसी को involve करना पड़ेगा क्योंकि होगा क्या हमारे यहां क्या है ना कि सब आपके GST number, PAN card जैसे ही डालेंगे ना तो white money …या अगर हम यहां से agency involve करते हैं तो कुछ हमें agencyसे रास्ता निकालना पड़ेगा तुम्हारा मतलब है कि परेशानी हो सकती है ?

यह जानने के बाद कि उनके पास कुछ एजेंसी है जो उन्हें उनके ग्राहकों से भुगतान के लिए मिलने वाले मोटे कैश को कम करने में मदद कर सकती है पुष्प ने इनसे अगला सवाल पूछा कि क्या वो बिहार और झारखंड दोनों में अपनी पैनल चर्चाओं में प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों को झुका सकते हैं इस पर सिन्हा कहते हैं कि हम ऐसा केवल ज़ी के पटना स्टेशन पर ही कर सकते हैं ये तो यहीं से होगा वो तो हो जाएगा सर ये चैनल it covers Bihar and Jharkhand दोनों

आगे ये हमें बताते हैं कि जब हमारा negotiations सब चीज़ हो जाएगा तो we can manage that… वहां पर लोग different party के बैठेंगे जो  representativeहोंगे उनको भी बिठाएंगे..वो कोई दिक्कत नहीं है… वो identify कर देंगे कि किनके कैसे करना है किनके तो clear picture हो जाएगा

जब एक territory sales head जैसे पद पर बैठा उच्च अधिकारी इस एजेंडा पर काम करने के लिए राजी हो जाता है इसके बाद शक की गुंजाइश ही खत्म हो जाती है कि ज़ी मीडिया एक जिम्मेदार पत्रकारिता की कसौटी पर कितना खरा उतर रहा है।

सिन्हा ये भी आश्वासन देते हैं कि वो पुष्प के एजेंडा को पूरी कवरेज देने के लिए चैनल कुछ रिपोर्टर भी नियुक्त करेगा जहां जहां आप करोगे वहां हमारा रिपोर्टर पहुंच जाएगा हर जगह Even then प्रखंड level पर हमारा रिपोर्टर है, block में है, district में है हर जगह

ज़ी समूह के ये कर्मचारी इस सौदे को पक्का करने के लिए इतने उत्सुक थे कि इन्होंने शर्मा को प्रस्तावित एजेंडा को चलाने के लिए बाकायदा प्रपोजल भी भेजे। लेकिन जब पुष्प ने इनके email का कुछ कारणों की वजह से जवाब नहीं दिया तो अमित कुमार ने पुष्प को फोन कर इस एजेंडे को चलाने की बात कही हां एक revert कर दिया जाए मैं call arrangeकरता हूं बाकी सारी details मैंने अपने deed के साथ आपने देखा होगा banking details वगैरह सब दिया हुआ था उसमें

पुष्प ने अमित से कहा कि वो इस एजेंडा के बारे में अपने सीईओ पुरुषोत्तम से बात करें, इसपर अमित ने कहा कि मैं वो बिल्कुल discuss कर लूंगा सर आज ही मैं arrange करा दूंगा आपकी call.

पुष्प ने कहा कि आप प्रपोजल में उल्लेख नहीं कर सकते हैं कि आपका हिंदुत्व के प्रति एजेंडा और प्रतिद्वंदी झुकाव रहेगा लेकिन यह आपके बॉस पुरुषोत्तम के संज्ञान में होना चाहिए। यहां अमित कहते हैं कि बिल्कुल मैं बिल्कुल आज ही call arrange कराऊंगा वो तो वैसे भी written में नहीं आएगा वो तो verbally चलेगा अमित कहता है कि उन्हें पुष्प के प्रस्ताव की स्वीकृति है कि हां तो आप एक revert कर दें सर मैं फिर पुरुषोत्तम जी से बात करा दूंगा आपकी बात करा….

उत्तराखंड ज़ी न्यूज़ के सीनियर मैनेजर सेल्स अभिषेक पांडे से भी पुष्प की मुलाकात हुई इन्होंने भी एजेंडा को सुना और हर बात पर तैयार दिखे जैसा भी पूरे ज़ी समूह में देखा गया है। पत्रकार के साथ अपनी बातचीत में, पांडे ने फिर से समर्थक हिंदुत्व और समर्थक भाजपा के बारे में बताया। पुष्प ने पांडेय को पप्पू वाले FM jingles सुनाए और पूछा कि क्या आप इस तरह का मीडिया कैंपन चला सकते हैं। पांडेय को इसमें कोई गुरेज नहीं था वो बोले Indirect way में है वो तो.. कोई दिक्कत नहीं है उसमें

पांडेय की बात से ये साफ जाहिर था कि उन्हें पुष्प के प्रतिद्वंदियों के चरित्र हरण में भी कोई गुरेज नहीं है आगे पुष्प ने पांडेय को बताया कि सपा और बसपा जैसे प्रतिद्वंदी दलों के खिलाफ आक्रामक झुकाव होना चाहिए। पांडेय ने सहमति जताते हुए कहा कि इन्होंने ही सबसे ज्यादा dent मारा है हिंदुत्व पे अब पुष्प पांडेय से कहते हैं कि वो इस बात को लिखें कि शुरुआती तीन महीने उन्हें soft Hindutva का एजेंडा चलाना है लेकिन जैसे ही चुनाव नज़दीक आएगा वो चाहेंगे कि ज़ी उनके अभियान को उग्र तरीके से चलाए ताकि सांप्रदायिक लाइनों पर मतदाताओं को ध्रुवीकरण किया जा सके। इसपर पांडेय ने तुरंत जवाब दिया कि ठीक है.. हां हां ठीक है

आगे पुष्प ने पांडेय से मांग की कि आपको एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के खिलाफ investigative stories चलानी होंगी इस पर पांडेय ने हां में जवाब दिया जी जी जी हूं ठीक है..हूं हूं

पुष्प ज़ी के इस अधिकारी को बताते हैं कि इस सौदे में संपादकीय व्यवस्था का हिस्सा होगा लेकिन हम इस बारे में संपादकीय टीम से चर्चा नहीं करेंगे इसी बीच पांडे कहते हैं कि नहीं नहीं वो हम करेंगे

पुष्प कहते हैं कि जब हमारे किसी भी नेताओं या उनके रिश्तेदारों के खिलाफ मीडिया में कहानियां दिखाई देती हैं, तो उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है तो पांडेय कहते हैं कि ठीक बात है.. नहीं हम वहीं करते हैं सर ज़ी को तो आप जानते ही हैं soft Hindutva और भाजपा

पत्रकार पुष्प एक बार फिर इन्हें इनका वायदा याद दिलाते हैं और बतातें है कि उन्हें ऐसे नेताओं और पार्टियों पर खास ध्यान देना होगा जो उनके खिलाफ हैं इसपर पांडेय कहते हैं हां हम देख लेंगे पुष्प पांडेय को याद दिलाते हैं कि उनके चैनल को खास तौर पर तीन प्रतिद्वंदी पार्टियों की बैंड बजानी होगी इस पर पांडेय कहते हैं कि ठीक है वो तो बज जाएगी.. खूब बज जाएगी

इस सौदे को हासिल करने की उत्सुकता में, ज़ी अधिकारियों ने अपने संभावित ग्राहक पुष्प शर्मा को तीन प्रस्ताव(प्रपोजल) भेजे। इससे से स्पष्ट हो जाता है कि ज़ी मीडिया पत्रकारिता की आड़ में सिर्फ हिंदुत्व और बीजेपी की सेवा कर रही है।