खुलासा -आखिर कैसे होती है अवैध वसूली , वन विभाग में मिली है छूट ,लूट सके तो जम के लूट, चलता है काँटा -पर्ची का खेल

  • DFO गोपाल ओझा बांध रहे नोटो का बोझा 
  • रेंजर नरेंद्र राय की अगुवाई ,अवैध वसूली से हो रही जमकर कमाई

वाराणसी (अमित मौर्या ) उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाख गला फाड़कर चिल्लाए कि हमारे सरकार में भ्र्ष्टाचार बर्दाश्त नही किया जाएगा भृष्टाचारियो को जेल भेजा जाएगा लेकिन सूबे के हर विभाग में पूर्व की सरकारों से बढ़कर अवैध वसूली की जारही है नजर डालते है जनपद चंदौली में नौबतपुर वन विभाग के चेकपोस्ट पर मुख्यमंत्री व वन मंत्री दारासिंह चौहान के आदेशों को पैरों तले रौंदते हुए प्रभागीय वनाधिकारी गोपाल ओझा के संरक्षण में रेंजर नरेंद्र राय की अगुवाई में बिहार से आने वाली बालू के गाड़ियों से खूब जम के अवैध वसूली की जा रही है.

कैसे होती है अवैध वसूली

नौबतपुर वन विभाग के चेकपोस्ट पर जो भी गाड़िया बिहार से बालू लेकर आ रही रही उन सभी गाड़ियों का ट्रांजिट शुल्क 960 रुपये की रशीद दी जाती है लेकिन 1500 रुपया लिया जाता है 550 रुपये प्रति गाड़ी सुविधाशुल्क लिया जा रहा है प्रतिदिन 800 से लेकर 1000 गाड़ियों का आवागमन हो रहा है यदि हिसाब लगाया जाये तो 4 से 5 लाख रुपया रोज और 1करोड़ 50 लाख रुपया महीने की अवैध वसूली की जा रही है बात यही समाप्त नही होती बास ,बीड़ी पत्ता और दोना पत्ता की गाड़ियों से भी 1500 से लेकर 2500 तक की अवैध वसूली की जा रही है ये पवित्र काम प्रभागीय वनाधिकारी गोपाल ओझा के संरक्षण में रेंजर नरेंद्र राय के द्वारा कथित रूप से किया जा रहा है.

घुस की रकम में सबकी हिस्सेदारी 

बेईमानी के काम मे ईमानदारी का बड़ी शिद्दत से अनुपालन किया जाता है सबका अपना अपना हिस्सा तय है कानपुर के चीफ एस के अवस्थी से लगायत प्रमुख सचिव तक सबके यहाँ समय से महीना कथित रूप से समय से पहुँच जाता है.

रेंजर नरेंद्र रॉय

नरेंद्र राय का कारखास प्रकाश 

थानों पर तो कारखास की पुरानी परंपरा है अब तो वनविभाग के चेकपोस्ट पर भी कारखास रखने की परंपरा का श्रीगणेश हो गया है यहाँ पर ये महान कार्य रेंजर नरेंद्र राय ने कर दिखाया है प्रकाश नाम का व्यक्ति ही कथित रूप से सब अवैध वसूली के पैसे का हिसाब रखता है बात यही खत्म नही होती रेंजर की मेहरबानी से कुछ प्राइवेट आदमियों को विभागीय वर्दी पहनाकर गाड़ियों को रोकने व लेन देन का कार्य कराया जाता है.

कांटा पर्ची का खेल 

ट्रांजिट के खेल में वन विभाग नौंबतपुर के कर्मचारियों व अधिकारियों ने तमाम धर्मकांटे से सेटिंग कर रखी है जो बैगर गाड़ी आये 25 टन की पर्ची काट के दे देते है मजे की बात ये जिन कांटा पर्ची के आधार पर वन विभाग ट्रांजिट काटता है वहां पर तो ट्रक जाने का रास्ता ही नही है कुछ धर्मकांटा तो बन्द ही रहता है जैसे अपना धर्म कांटा ,मां मुंडेश्वरी धर्मकांटा, जै माता दी , अम्बे ,जवाहिरी ,जय अम्बे धर्मकांटा आदि केवल उपमा धर्मकांटा ही ऐसा कांटा है जहां पर आराम से गाड़िया आ जा सकती है.

कृषिमंत्री ने मारा था छापा 

फरवरी माह में सूबे के कृषि मंत्री ने वन विभाग नौबतपुर पुर चेकपोस्ट पर अवैध वसूली की शिकायत पर छापा मारा था मौके पर आयुक्त वाराणसी नितिन रमेश गोकर्ण भी साथ मे थे थोड़ी देर अफरातफरी का माहौल था कमिश्नर ने सारे पत्रावलियों का फोटो भी खींचा था लेकिन फिर कुछ ही घण्टे बाद फिर अवैध वसूली का कार्यक्रम शुरू हो गया वही पर काम कर रहे एक प्राइवेट आदमी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंत्रीजी का छापा एक नाटक था दरअसल वो किसी अपने आदमी का 10 गाड़ी रोज का सिस्टम बनाने के लिए भौकाल बनाने आये थे.

जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध

किसी भी जिले के कलेक्टर व एस पी जनपद के आँख कान व नाक होते है प्रथम दृष्टया उनकी ये नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि अगर जिले के किसी विभाग में किसी तरह का भ्र्ष्टाचार हो रहा है तो वहां पर औचक छापेमारी कर विधिक कार्यवाही करें लेकिन चंदौली जनपद में वन विभाग नौंबतपुर चेकपोस्ट इतना बड़ा गोलमाल किया जा रहा है लेकिन जिलाप्रशाशन आंख कान नाक बंद कर के मूकदर्शक की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है जिला प्रशासन चाहे तो लोकल इंटेलिजेंस रिपोर्ट मंगाकर भी कार्यवाही कर सकती है लेकिन इनकी चुप्पी कहि न कही इस व्यवस्था को समर्थन का संकेत दे रही है.