मीना मौर्य (मशाल)
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महंगाई बढ़ती रही,क्यूँ दिन महिना सालl
नेता जन चुप्पी साधे ,गरीब हुआ हलाल ll
महंगाई कम करेंगे ,देते रहे जुबानl
बेचारी अब जनता, होती रही कुर्बानll
महंगाई के मुद्दे पर, राजा हुए मौन l
वचन सब तो भूल गए,
याद दिलाए कौनll
काले धन के नाम पर,
मांगे सबसे वोट l
दाना -पानी छीन के,
पेट पर किए चोट ll
दाल में कुछ काला है,
लोग कहे हर बारl
रोजी-रोटी दीजिए,
कुछ करिए उपकार ll
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