गोरखपुर हादसा: IMA रिपोर्ट में मेडिकल लापरवाही की बात, योगी सरकार की मुश्किल बढ़ी?

गोरखपुर- गोरखपुर हादसे में हुई मौतों के लिए इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) की तरफ से रिपोर्ट में भी मेडिकल लापरवाही की बात सामने आ रही है। आईएमए की प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्रीय जांच टीम की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट से मेल नहीं खाती है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के आईएमए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से ऑक्सिजन की कमी होने की सूचना के बाद भी इसके लिए समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए। गोरखपुर हादसे में अपनी जान गंवाने वालों में बड़ी संख्या बच्चों की थी।

आईएमए कमिटी की तरफ से जारी रिपोर्ट में पूर्व में डीएम की रिपोर्ट में बताई गई समस्याओं का जिक्र किया गया है। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कदम नहीं उठाया गया है। अखबार टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन सप्लाइ की कमी की सूचना पहले से ही राज्य प्रशासन को थी।

इस हादसे में 60 से अधिक बच्चों की मौत इंफेलाइटिस की वजह से हो गई। हादसे में कुल मरने वालों की संख्या 100 से भी अधिक है। वहीं, आदित्यनाथ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और दूसरे राज्य मेडिकल अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में ऑक्सिजन कमी की बात से इनकार किया था। आईएमए की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि 10 अगस्त को कुछ समय के लिए ऑक्सिजन सप्लाइ बंद था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हॉस्पिटल प्रशासन को बार-बार पेमेंट के लिए चेतावनी देने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।


आईएम की रिपोर्ट में डॉक्टर कफील ‘बेदाग’
रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती 30 मौतों के लिए पूरी तरह से मेडिकल लापरवाही ही जिम्मेदार है। आईएमएम की रिपोर्ट में पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर कफील खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। साथ ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा के खिलाफ भी किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, रिपोर्ट में विभागीय जांच की बात कही गई है।

 

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