चिलचिलाती धूप में सड़क किनारे तड़प रहे बुजुर्ग के लिये “फरिश्ता” बना “आशा ज्योति केन्द्र का स्टाफ”

  • – 70 वर्षीय बुजुर्ग के सड़क किनारे बेहोशी हालत में पड़े होने की सूचना पर “आनन-फानन” पहुंचा केन्द्र स्टाफ
  • – “जूडो-कराटे” सीखने आईं लड़कियों ने दी सेन्टर में सूचना, सेन्टर स्टाफ ने तुरन्त लिया एक्शन
  • – अर्ध बेहोशी हालत में बुजुर्ग को पानी छिड़क कर किया नार्मल, जाना हाल, राय पुरवा थाना क्षेत्र का है बुजुर्ग
  • – हालत नाजुक देख केन्द्र की “181 सेक्टर की प्रियंका तिवारी” ने हैलट में कराया एडमिट, डॉक्टरों ने कहा वृद्ध में ब्लड की कमी
  • – आज भी जिंदा है कुछ लोगों के दिलों में मानवता, जो नहीं चूकते किसी असहाय की मदद करने में

कानपुर महानगर। ( सर्वोत्तम तिवारी) अपने कम्पू शहर के अन्दर आज के युग में भी आम जनमानस की भागम-भाग जिन्दगी में अभी भी मानवता देखने को मिली। जहाँ एक महिला की सक्रियता ने चिलचिलाती धूप में सड़क किनारे तड़प रहे बुजुर्ग की जान बचा ली। सड़क किनारे जिन्दगी और मौत से जूझ रहा बुजुर्ग रायपुरवा थाना क्षेत्र का निवासी है। गोल चौराहे पर सड़क पर पड़े बुजुर्ग की सूचना पर “आशा ज्योति केन्द्र” के स्टाफ ने तुरन्त एक्शन लेते हुये उसे हैलट इमरजेंसी में एडमिट कराया।

मामला कानपुर महानगर गोल चौराहे का है “आशा ज्योति केन्द्र” के सामने सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़े एक बुजुर्ग को देख, केन्द्र में “जूडो-कराटे” सीखने आईं लायरा और अंजली ने केन्द्र में सूचना दी। सूचना मिलते ही केन्द्र की प्रभारी दीप्ती सक्सेना और उनके स्टाफ ने मानवता के नाते बुजुर्ग को पानी छिड़क कर नार्मल करते हुये ठंडा पानी पिलाया और उससे पूछताछ की। केन्द्र की 181 सेक्टर की प्रियंका तिवारी ने बताया कि बुजुर्ग ने अपना नाम इन्द्रपाल कोरी बताया जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष है। बताया कि उसने लगभग 8 दिन से कुछ खाया पिया नहीं है जिस कारण उसकी ऐसी हालत हुई है। प्रियंका ने कहा बुजुर्ग से पूछने पर पता चला है कि वह रायपुरवा का निवासी है और उसके तीन भाई हैं, उन्होंने कहा बुजुर्ग ने बताया कि उसने शादी नहीं की है और लगभग एक साल से घर से अलग है। उसके घर वालों ने उसे घर से निकाल दिया है और घर वाले अब उससे कोई मतलब नहीं रखते, वह लगभग एक साल से सड़क किनारे भीख माँग कर गुजर बसर कर रहा है।
प्रियंका तिवारी के अनुसार केन्द्र की कुछ लड़कियों ने जानकारी दी कि बाहर एक वृद्ध बेहोशी की हालत में धूप में पड़े हैं जानकारी होते ही हम लोग मौके पर पहुँचे और देखा कि बुजुर्ग चिलचिलाती धूप में पड़ा हुआ है। जिसपर केन्द्र प्रभारी दीप्ती सक्सेना से बात करके उसकी तुरन्त मदद की गई। उन्होंने ने बताया कि “आशा ज्योति केन्द्र” के वैन ड्राइवर कौशल यादव से 108 नम्बर पर कॉल करवा कर एम्बुलेंस बुलवाई और हैलट इमरजेंसी में एडमिट करवाया। जहाँ डॉक्टर आनन्द कुमार ने बताया कि वृद्ध को बुखार है और भारी ब्लड की कमी है।
बताते चलें कि “आशा ज्योति केन्द्र” महिलाओं की मदद और महिला सशक्तिकरण को लेकर संचालित हो रहा है जिसमें सिर्फ महिलाओं से सम्बन्धित केस ही डील किये जाते हैं लेकिन इससे परे सिर्फ मानवता के नाते केन्द्र के स्टाफ की सक्रियता और “सूझ-बूझ” ने आज एक जिन्दगी बचा ली।
स्थिति ये है कि आज की “चमक-धमक” वाली राजनीति के माननीय, कमाऊ समाजसेवी संस्थाएं, और कई स्वयंभू समाजसेवी सभी ऐसी स्थितियों को देखकर भी नजर अन्दाज कर देते हैं। वहीं आम आदमी भी “दो जून की रोटी के लिये की जाने वाली भागम-भाग में” ऐसी घटनाओं के आँखों के सामने पड़ने पर भी मुँह मोड़ लेता है। बहुत बिरले लोग ही होते हैं “प्रियंका तिवारी” और “आशा ज्योति केन्द्र” के स्टाफ जैसे जिनके अन्दर की मानवता आज भी लोगों के लिये जाग रही है। जिन्होंने निस्वार्थ भाव से किसी असहाय की मदद करके उसे नई जिन्दगी देते हुये उसकी जान बचा ली।
मानवता के इस नेक और सराहनीय कार्य में प्रमुख रूप से योगदान करने वालों में केन्द्र की प्रभारी दीप्ती सक्सेना, प्रियंका तिवारी, कौशल यादव, अर्पिता सिंह, प्रियंका उत्तम, प्रियांशी पाण्डेय, मोनिका गुप्ता, अंजली सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

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