चीन के कर्ज वाले जाल में फंसा पाकिस्तान

Pakistan: Imran Khan

PAKISTAN:बेल्ड एंड रोड इनिशिटिव को लेकर चीन के झांसे में आया पाकिस्तान अब बुरी तरह फंस गया है। पावर प्रॉजेक्ट्स के लिए पिछले 8 साल में चीन से जमकर लोन लेने वाला पाकिस्तान अब किस्ते नहीं चुका पा रहा है। ऐसे में अब उसने अपने कथित ‘सदाबहार दोस्त’ से राहत मांगने की तैयारी में है। हालांकि, इससे पहले कई छोटे देश चीन की इस चाल में फंसकर अपना काफी कुछ गंवा चुके हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स के मुताबिक, करीब एक दर्जन पावर प्लांट्स के लिए कर्ज की किस्त अदायगी में राहत के लिए पाकिस्तान और चीन ने अनौपचारिक चर्चा हुई है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर उसने बताया कि इस्लामाबाद ने अभी तक औपचारिक रूप से अपील नहीं की है।

पाकिस्तान ने बिजली की कमी को दूर करने के लिए चीन से कर्ज लेकर इन पावर प्रॉजेक्ट्स को लगाया था, लेकिन उत्पादन जरूरत से अधिक होने लगा, जो पाकिस्तान वहन नहीं कर सकता है। श्री लंका से मलेशिया तक कई देश चीन के भारी कर्ज की वजह से नुकसान उठा चुके हैं। चीन के विदेश और वित्त मंत्रालय से लेकर पाकिस्तान के पावर डिविजन तक ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया है।

चीन ने अमेरिका की उस आलोचना को खारिज किया है कि बेल्ड एंड रोड इनिशिटिव कर्ज जाल में बदल गया है। हालांकि, उसने यह माना कि महामारी की वजह से आई वैश्विक सुस्ती की वजह से देशों को लोन चुकाने में दिक्कत आ रही है। पिछले साल बीजिंग ने 15 अफ्रीकी देशों को 2020 के अंत तक कर्ज अदायगी में राहत दी थी। बेल्ड एंड रोड प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान ने पिछले साल 11 अरब डॉलर प्रॉजेक्ट्स पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से अधिकतर देश के रेलवे की स्थिति को बदलने के लिए हैं।

चीन के लोन से पाकिस्तान को ऊर्जा आपूर्ति में मदद तो मिली, लेकिन इससे जरूरत से अधिक बिजली पैदा होने लगी। यह इस्लामाबाद की सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गई है, क्योंकि केवल वही इस बिजली की खरीदार है और उसे तब भी पैसा चुकाना पड़ता है जब वे उत्पादन नहीं करते। इसके लिए सरकार ने पावर प्लांट्स से भी बात की है, जोकि करीब आधी बिली कम कीमत पर प्रड्यूस करते हैं।