जानिए कैसे सत्ता में सेटिंग कर मोटरसाइकिल डीलर बन गया अाक्सीजन सप्लायर ?

लखनऊ : गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद करने वाली फर्म का ये कोई पहला गैरजिम्मेदाराना रवैया नहीं. इससे पहले भी ये फर्म मरीजों के जीवन के साथ खेल कर चुकी है. दरअसल इस फर्म की इसी हरकत की वजह से 14 जुलाई 2014 को कानपुर के हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने पुष्पा सेल्स नाम की इस फर्म को अपनी एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें कहा गया था, “आपकी फर्म ने संस्थान में ऑक्सीजन की पाइपलाइन स्थापित की थी और आपको पांच साल की वारंटी का भुगतान भी हुआ था, लेकिन अत्यंत खेद है कि कम्प्रेस्ड एयर की पाइपलाइन में पानी आ रहा है और आपका लगाया हुआ ड्रायर भी ठीक से काम नहीं कर रहा है.

समाधान में देर की तो कार्रवाई होगी 

इससे पानी पाइपलाइन के जरिये ऑपरेशन थियेटर (ओटी) व आईसीयू के वेंटीलेटर्स में जा रहा है. इसी वजह से एक वेंटीलेटर खराब हो चुका है. आपसे दो बार शिकायत की गई लेकिन, आपने ड्रायर नहीं बदला. अब भी आपने समाधान में देर की तो कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी आपकी होगी.” यह शिकायती पत्र 14 जुलाई 2014 को कानपुर के हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने पुष्पा सेल्स नाम की उसी फर्म को भेजा था, जो अब गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद करने को लेकर विवादों में है.

मुख्य सचिव खुद कर रहे हैं जांच

लखनऊ के आलमबाग में मोटरसाइकिल बेचने वाली एक एजेंसी कैसे और कब सत्ता के गलियारों में दाखिल होकर सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन बेचने लगी. इसकी जांच तो मुख्य सचिव राजीव कुमार कर रहे हैं.लेकिन बड़ा सवाल यह भी है 2014 में इस फर्म को आठ साल का ठेका दिए जाने के बाद से ही जब शिकायतें आने लगीं और फर्म की लगाई पाइप लाइन से आईसीयू में ऑक्सीजन की बजाए पानी पहुंचने लगा, तब यह क्यों नहीं देखा गया कि फर्म के पास इस काम की विशेषज्ञता है भी या नहीं. पुष्पा सेल्स की शिकायतों की शुरुआत 2014 में हो गई थी.

बच्चों के डॉ केपी कुशवाहा ने भी लिखा था पत्र 

बाल रोग विभाग के अध्यक्ष केपी कुशवाहा ने 20 जून 2014 को पुष्पा सेल्स को भेजे पत्र में कहा था कि 100 बिस्तरों वाले मस्तिष्क ज्वर विभाग में आपके द्वारा लगाए गए ऑक्सीजन पाइप लाइन के कम्प्रेसर, एयर वैक्यूम व इमरजेंसी रेगुलेटर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. यहां नवजात शिशुओं के लिए चौबीसों घंटे ऑक्सीजन की जरूरत होती है. यदि विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई तो सारी जिम्मेदारी आपकी होगी. बहरहाल सत्ता के गलियारे में पहुंच रखने वाली पुष्पा सेल्स फर्म के मालिक ने इन डाक्टरों की शिकायत के बावजूद अपनी मनमानी की. बताया जाता है कि सत्ता के गलियारे में घुसपैठ रखने वाले इस फर्म के खिलाफ जब कोई कार्रवाई करने की जुगत करता, वह किसी न किसी बड़े मंत्री से फोन करा कर मामला रफादफा करा देता. जिसके चलते उसके खिलाफ आजतक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है.

 

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