जानिये कैसे बेटी ने अपनी मां नेहा मित्तल को सिर्फ 10 महीने में 48 किलो वजन घटाने के लिए किया प्रेरित

वजन घटाने के मामले में सबसे पहले जिसकी जरूरत होती है वह है निष्ठा, धैर्य, अनुशासन और कठीन परिश्रम, लेकिन ये सब कुछ तभी कारगर साबित होता है जब इसके पीछे कोई प्रेरणा काम करता हो। नेहा मित्तल, 34 वर्षीय वर्किंग महिला है और सबसे अचरज की बात ये है कि उन्होंने सिर्फ 10 महीने में 48 वजन कम किया। लेकिन उनके इस वजन घटाने के कहानी के पीछे प्रेरणा श्रोत उनकी प्यारी बेटी थी। क्योंकि वह अपने बेटी के साथ अपने ज्यादा वजन के कारण खेल नहीं पाती थी। वह अपने बढ़ते 107.5 किलो वजन के कारण अपनी छोटी बच्ची के साथ खेल नहीं पाती थी। उनका वजन उनके मातृत्व पर भारी पड़ रहा था। अपने वजन के कारण उनको तरह तरह की सेहत संबंधी समस्याएं होने लगी थी जैसे, थाइरायड, सांस लेने की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर जैसे प्रॉब्लम होने तो शुरू हो गई थी साथ ही सामान्य आदत लेटने जैसे काम में भी प्रॉब्लम होना शुरू हो गया था। उसके पास उन्होंने वजन घटाने का निर्णय लिया और एक न्यूट्रिशनिस्ट से मिली। उन्होंने न सिर्फ वजन घटाने के लिए डायट के बारे में बताया बल्कि उसको पालन करने के लिए अनुशासन पालन करने का तरीका भी बताया।

उन्होंने ये निर्णय सिर्फ अपने बेटी के लिए लिया क्योंकि वह अपने वजन के कारण उसके साथ खेलने का वह सारे प्यारे पल बिता नहीं पा रही थी जो वह पहले बिताती थी। इसलिए उन्होंने न्यूट्रिशनिस्ट से मुलाकात किया और अपनी वजन घटाने की यात्रा 12 जुलाई 2015 को शुरू की। मैंने हेल्दी रेज़िमन का पालन करना शुरू किया जिसमें न भूखा रहना था, न थकान का कोई नामो निशान था। मुझे डायट के बारे में साप्ताहिक अपडेट्स भी मिलती रहती थी। मुझे न्यूट्रिशनिस्ट ने एक मंत्रा दिया था, ‘वजन घटाना धैर्य की परीक्षा यात्रा होती है’। दो महीने में मैंने 15 किलो वजन घटाया और यही मेरे यात्रा के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया। मैंने हर महीने 4-5 किलो वजन घटाने का टार्गेट सेट कर लिया। इस तरह 10 महीने में मैंने 48 किलो वजन घटा लिया। हेल्दी डायट के अलावा मैं हर दिन लगभग 30 मिनट एक्सरसाइज करती थी। मैं हमेशा सीढ़ी का इस्तेमाल करती थी। आज मेरा वजन 59 किलो है, और मैं पूरी तरह से स्वस्थ और तंदुरूस्त हूँ। मेरा वजन कम होने के कारण कोई बीमारी भी नहीं और मैं अभी भी अपना वजन मेन्टेन करने के लिए हेल्दी डायट फॉलो करती हूँ।

उनका डायट प्लान कुछ इस तरह था-

सुबह 6.30- नींद से जागना

सुबह 6.30- 1 गिलास गुनगुना गर्म पानी

सुबह 6.45- 5-7 भिगोया हुआ बादाम

सुबह 7.00-1 कप ग्रीन टी

सुबह 8.30-नाश्ते में (1 मल्टीग्रेन ब्रेड का खीरे का सैंडवीच/ बेसन का चीला/ओट्स का उपमा)+ एक गिलास दूध या चाय

सुबह 9.00-1 गिलास पानी

सुबह 10.30- ग्रीन टी

सुबह11.30-1 गिलास पानी

दोपहर 12.30- एक मुट्ठी भूना चना

दोपहर 1.00-2 गिलास पानी

दोपहर 1.30- लंच (2 चपाती+1 कटोरी सब्जी+1 टमाटर)

दोपहर 2.30-1 गिलास गुनगुना नींबू पानी

दोपहर 3.30-1 गिलास पानी

शाम 4.00- कुछ फल

शाम 5.00-1 गिलास पानी

शाम 6.30-चाय+2 बिस्किट

शाम 7.30-1 खीरा

शाम 8.00-2 गिलास पानी

शाम 8.30-डिनर (1 चपाती+1 कटोरी दाल+1 बीटरूट)/ मूंग दाल खिचड़ी (चावल और मूंग दाल का अनुपात 1:2)

शाम 9.30-ग्रीन टी/ एक चुटकी हल्दी के साथ एक गिलास दूध

वेट लॉस जर्नी के कुछ तकलीफें

वेट लॉस करना कुछ आसान काम तो नहीं था, नेहा ने भी समस्याओं के सामना किया था, जैसे पीठ में दर्द, सांस लेने में प्रॉब्लम, एब्नॉर्मल ब्लड प्रेशर, आलस, थाइरायड जो कि ठीक ही नहीं हो रहा था। यहां तक कि यात्रा के शुरूआती दौर में तो उन्हें बहुत भूख भी लगती थी।
यहां तक कि चिट डे में भी वह अपने डायट पर ही बनी रहती थी। सिर्फ वुमन डे पर सहकर्मियों के आग्रह पर उन्होंने केक का एक टुकड़ा खाया था। उनके इस कठोर अनुशासन के पीछे उनके बेटी के साथ खेलने की इच्छा काम कर रही थी।

वजन घटाने के पीछे की खुशी

नेहा ने कहा कि जब उन्होंने वजन घटाया तब उन्होंने ये पाया कि उनका थाइरायड नॉर्मल होने के साथ ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल हो गया था। वह पहले से ज्यादा खुद को हल्का महसूस कर रही थी। और सबसे ज्यादा खुशी की बात ये थी कि वह अपने बेटी के साथ खेल पा रही थी। नेहा ने खुश होकर ये भी कहा कि उन्हे तो ऐसा लग रहा था कि उन्होंने नया जीवन पाया है।

आज वह जो डायट फॉलो करती है और बाद में भी करेंगी

वह आज भी वही डायट फॉलो कर रही हैं क्योंकि उसी में वह आराम महसूस करती है। दूसरा कुछ ट्राई करने पर उनको असहजता महसूस होता है।
हमें उनका दृढ़ सफल प्रयास प्रशंसनीय है और ये सफलता हर वजन घटाने वालों के लिए प्रेरणा और उदाहरण बन सकता है।

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