जीएसटी लाया भारत की कृषि के लिए राहत की सौगात

इससे पहले केंद्र सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे मोदी सरकार 2022 तक प्राप्त करना चाहती है। इस क्रम में मोदी सरकार ने कुछ पहल शुरू भी कर दी हैं, जिसमें फसल बीमा योजना में व्यापक बदलाव शामिल है। फसल बीमा के प्रीमियम का अधिकतम भार सरकार वहन करेगी। मंडियों को ऑनलाइन बाज़ार तंत्र से जोड़ा जा रहा है। साथ ही चुंगी कर समाप्त कर दिया गया है जिससे किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में अपने उत्पाद बेच सकते हैं।

भारत सरकार ने आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार 1 जुलाई को लागू किया। जीएसटी के नाम से अब पूरे भारतवर्ष में एक ही कर व्यवस्था होगी, जिससे एक राष्ट्र, एक बाजार का सरकार का लक्ष्य पूरा होगा। भारत की अर्थव्यवस्था, भारत के बाजार, कृषि, किसान और मंडी सहित सभी पक्ष इस बदलाव से प्रभावित होंगे।

जीएसटी लागू होने के बाद अगर हम खेती की लागत में आने वाले परिवर्तन की बात करें तो मोटे तौर पर कह सकते हैं कि किसानों को कुछ राहत मिलने वाली है क्योंकि उर्वरकों, कीटनाशकों और मशीनरी पर कर की दर कम की गई है।

यूरिया सहित अन्य उर्वरकों पर पहले जीएसटी में 12% कर लगाने की बात की गई थी। लेकिन तमाम पक्षों के विरोध के बाद मोदी सरकार ने इसे घटाकर 5% कर दिया गया। कीटनाशकों पर भी कर पहले से कम होगा। इसके अलावा अगर आप जीएसटी के बाद ट्रैक्टर खरीद रहे हैं तो आपको काफी राहत मिलेगी। ट्रैक्टर पर 12% कर लगाया गया है। इसी तरह से अन्य कृषि यंत्रों पर भी कर की दर कम की जा रही है।

जहां तक बिजली और डीजल की बात है तो अभी इनमें कोई बदलाव नहीं आया है। क्योंकि डीजल और विद्युत आपूर्ति को जीएसटी में अभी शामिल नहीं किया गया है। अगर भविष्य में शामिल किया जाएगा तो भी उम्मीद है कि इनकी दरें सरकार कम रखने की कोशिश करेगी ताकि किसानों का बोझ ना बढ़े।

बिना पैकेट वाले खाद्यान्नों पर कोई कर नहीं लगाया गया है। यह किसानों के लिए और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत की बात हो सकती है। हालांकि जीएसटी से कृषि लागत में बदलाव आने की संभावना है। कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं पर कर की दर से इसका पता चलेगा।

कीटनाशक दवाएं, उर्वरक और औजार पर कर की दर क्या होगी? डीजल को फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है लेकिन आने वाले समय में सरकार इसे भी जीएसटी के दायरे में लाएगी या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है।

read more- skymetweather