जीबी रोड में किसके चल रहे कोठे? कौन हैं असली मालिक?

दिल्ली के जीबी रोड के कोठों के असली मालिकों को लेकर लंबे समय से सस्‍पेंस बना हुआ है. अब दिल्ली महिला आयोग ने इन कोठों के गोरखधंधे के असली खिलाड़ियों तक पहुंचने की कवायद शुरू कर दी है. कोठों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए गुरुवार को 125 कोठा संचालिकाओं को समन जारी किया. इस दौरान कई कोठा संचालिकाओं ने समन लेने से इनकार कर दिया, लिहाजा महिला आयोग की टीम ने उन कोठों की दीवारों पर समन चिपका दिया.

सभी कोठा मालिकों को 21-25 सितंबर के बीच महिला आयोग के सामने पेश होने का निर्देश दिया है. दरअसल लंबे समय से आरोप लगता रहा है कि जीबी रोड के कोठे मानव तस्करी का एक बड़ा अड्डा बने हुए हैं. महिला आयोग के मुताबिक देश के दूरदराज और गरीब इलाकों से छोटी-छोटी बच्चियों को तस्करी कर यहां लाकर बेच दिया जाता है. इसके बाद इनका शारिरिक शोषण शुरू हो जाता है. महिला आयोग की टीम ने कई बार यहां छापा भी मारा, लेकिन कोठों के असली मालिकों का पता नहीं चल पाता है.

इस दौरान सिर्फ कोठे के संचालक व संचालिका पकड़े जाते हैं और असली मालिक कानून के शिकंजे से छूट जाते हैं. असली गुनहगारों के ना पकड़े जाने के कारण जीबी रोड पर कोठे चलते रहते हैं और युवतियों-बच्चियों का शोषण चलता रहता है.

इसके चलते दिल्ली महिला आयोग ने नए सिरे से मुहिम शुरु की है. इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस, बिजली विभाग, जल बोर्ड एवं एसडीएम सहित अन्य विभागों को नोटिस जारी कर कोठों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए उनके नाम मांगे थे. इन विभागों से कोठा मालिकों के बारे में अलग-अलग जानकारियां मिली थी. सभी कोठा मालिकों को डीसीडब्ल्‍यू ने पहचान पत्र लेकर आने को कहा है.


दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद के मुताबिक संसद से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर यह गोरखधंधा सालों से चल रहा है. सिस्टम की मिलीभगत से यह चलता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग किसी भी तरीके से कोठों के असली मालिकों तक पहुंच कर कोठे बंद करवाएगी और महिलाओं का पुनर्वास करके रहेगी. यह उस दिशा में उठाया गया पहला कदम है.

 

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