जी-7 समिट के पहले आउटरीच सत्र में पी एम नरेन्द्र मोदी वर्चुअली शामिल हुए,

नयी दिल्ली ,13 जून 2021,आज जी-7 समिट का यहाँ सत्र बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर-हेल्थ’ शीर्षक से युक्त, कोरोनावायरस महामारी से वैश्विक निजात और भविष्य की महामारियों के खिलाफ महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को मजबूत बनाने पर केंद्रित था।यूनाइटेड किंगडम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए हिस्सा लिया और पीएम मोदी ने इस दौरान ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ का मंत्र दिया जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इस दौरान मोदी की तारीफ की, उनके इस विचार को अपना समर्थन भी दिया।’
सत्र के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत में कोविड संक्रमण की हालिया लहर के दौरान जी-7 और अन्य अतिथि देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।
उन्होंने महामारी से लड़ने की दिशा में सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के सभी स्तरों के प्रयासों के तालमेल के साथ भारत के ‘समग्र समाज’ के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। साथ ही संपर्क ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी जानकारी दी और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार हेतु किए जा रहे सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कोविड संबंधित प्रौद्योगिकियों पर टीआरआईपीएस छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा डब्ल्यूटीओ में प्रस्तावित प्रस्ताव पर जी-7 का समर्थन मांगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का संदेश जाना चाहिए। भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों के विशेष दायित्वों पर बल दिया।
प्रधानमंत्री कल जी-7 समिट के अंतिम दिन दो सत्रों को संबोधित करेंगे।इस बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस के नेता एक साथ आए,जबकि भारत, ऑस्ट्रेलिया, रिपब्लिक ऑफ कोरिया(दक्षिण कोरिया) और दक्षिण अफ्रीका अतिथि देशों के रूप में चयनित सत्रों में शामिल हुए।

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