ट्रांसफर के बाद भी पद छोंड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा “भ्रष्टाचार” में लिप्त अधिकारी

  • ट्रांसफर के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी ने आखिर क्यों नहीं छोंड़ा पद
  • इन्दिरा आवास योजना में जमकर किया गोलमाल, कई बड़े अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार चरम पर
  • कानपुर देहात के सरकारी विभाग हो रहे ऐसे कृत्य से उठते हैं कई सवालिया निशान

कानपुर महानगर।(सर्वोत्तम तिवारी) सूबे में भले ही सरकार बदल चुकी हो या सूबे मुखिया, लेकिन सरकारी मशीनरी चलाने वाले कुछ अधिकारी अपनी आदत से बाज नहीं आने वाले। देश के प्रधानमंत्री लाख प्रयास कर लें कि भारत वर्ष से भ्रष्टचार मिटा देंगे लेकिन सरकारी विभागों में बैठे कई भ्रष्ट अधिकारियों की नशों में भी भ्रष्टाचार भरा हुआ है तभी तो वह आज तक इस आदत को छोंड़ नहीं पाये।
जिले के कानपुर देहात में एक सरकारी विभाग में मलाईदार पद पर बैठे अधिकारी का ट्रांसफर के बाद भी पद न छोंड़ना इसका जीता जागता उदाहरण है।

ताजा मामला कानपुर देहात का है आफ़ताब अहमद जोकि अनिवेशक तकनीक के पद पर डी0आर0डी0ए0 में कार्यरत हैं फिलहाल डूडा से सम्बद्ध हैं। विभाग में इंदिरा आवास योजना के आवंटन में कई अनियमतायें जांच में सामने आयी थीं जिसके तहत उपरोक्त नाम चर्चित हुआ।
जानकारी के मुताबिक इनका ट्रांसफर पिछले दो माह पहले हो चुका है लेकिन यह अधिकारी पूर्व की भांति उसी विभाग और उसी पद पर आज भी जमा हुआ है।

सोंचने वाली बात है कि कानपुर देहात जिलाधिकारी और सी0डी0ओ0 द्वारा आजतक इस प्रकरण में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई।
जानकर बताते हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त इस अधिकारी के पास कई पटल हैं और इन सबसे मोटी कमाई आती है जिसमें सबका हिस्सा बनता है। इस उगाही के चलते तभी तो चाहकर भी कोई अधिकारी इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सका और न ही करना चाहता है। तभी तो इसे आज तक रिलीव नहीं किया गया। सरकारी विभाग में हो रहे ऐसे खेल को देखते हुये कई बार विभाग में जिम्मेदारों से पूछने पर कहा जाता है डी0एम0 ने मना किया है जल्द ही कार्यवाही की जायेगी। यह गोलमोल जवाब विभागीय जिम्मेदारों द्वारा पिछले 15 दिनों से बराबर दिया जा रहा है जो एक बहुत बड़ा घोटाला और गंभीर मुद्दा है। स्थिति सोंचनीय है कि आखिर ट्रांसफर के बाद भी विभाग का कोई बाबू या अधिकारी उसी पद पर और उसी विभाग में कैसे कार्यरत है।