डॉन मोनू पहाड़ी की चौपाल में मौजूद था रईस, अंडरग्राउंड हुआ हिफ्ट्री शीटर टायसन

कानपुर. उत्तर प्रदेश का 50 हजार का इनामी डॉन मोनू पहाड़ी ने पेशी के दौरान एक रेस्टोरेंट में बकायदा चाय के साथ अपने गुर्गों की चौपाल लगाई। इसका वीडियो जब वायरल हुआ तो अंडरवर्ड में हलचल बढ़ गई। आयाराम की दुनिया से जो खबर निकल कर आई है, उसके मुताबिक शुक्रवार को मोनू के साथ शार्प शूटर रईस बनारसी भी मौजूद था। मोनू ने अपने खास बनारसी को टायसन का काम तमाम करने की सुपारी दी। डॉन का दुश्मन नंबर वन टायसन उर्फ अयाज को इसकी जब भनक लगी तो वह अंडर ग्राउंड हो गया। बता दें कि टायसन की सटीक सूचना के बाद एसटीएफ ने नौबस्ता के एक मकान से मोनू पहाड़ी को अरेस्ट किया था। मोनू को जब कोर्ट में पुलिस ने पेश किया, तब वह चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा था कि जिस दिन जेल से बाहर आऊंगा, नमक हराम टायसन तेरा खेल खत्म कर दूंगा।

कौन है टायसन, जिसके खून का प्यास है डॉन
मोनू पहाड़ी जिसके खून का प्यासा हो वो कोई आम आदमी तो नहीं हो सकता। गिरफ्तारी के बाद से ही मोनू एक ही रट लगाए हुए था कि मुझे टायसन को मारना है। कौन है ये टायसन, क्या हैं उसके धंधे और क्यों है मोनू पहाड़ी उसकी जान का दुश्मन। हम आपको बताने जा रहे हैं। कुली बाजार के बाढ़ में कुएं के पास टायसन उर्फ अयाज का निवास है। पिता मो. वसी जानवरों के शिकारी हैं, जबकि इसके भाई वैश, बबलू सिपाही, रिजवान और गुलजार है। शहर के टॉप के क्रिमिनल्स अतीक, शफीक, रफीक, बिल्लू, और बाले टायसन उर्फ अयाज के सगे चाचा हैं। टायसन ने अपने चाचाओं के बल पर कानपुर शहर में राज किया और फिर इसने पुलिस से मिलकर अपने दो चाचाओं का एनकाउंटर करवा दिया। टायसन पुलिस का मुखबिर बन गया और इस दौरान इसने मोनू पहाड़ी के कई गुर्गो का काम तमाम करवा दिया। यहीं से मोनू और टायसन के बीच दुश्मनी हो गई।
इस तरह जुर्म की दुनिया का बना शहंशाह
अयाज उर्फ टायसन बचपन से अपराध के बल पर चाचाओं की रंगबाजी देख कर बड़ा हुआ। बड़ा होते ही वो उनके लिए काम करने लगा। शातिर टायसन के शौक महंगे थे। वो चाचा के गुर्गो पर बेशुमार रुपया खर्च करता था, जिसके चलते चाचा के अहम गुर्गे कुछ दिनों में टायसन के ज्यादा करीब हो गए। टायसन के बदलते रंग देखकर उसके दो चाचाओं अतीक और शफीक के दुश्मनों ने उसे भड़काना शुरू कर दिया। भड़काने वालों ने उसे जमकर भरा। वो चाचाओं से कटने लगा और कुछ दिनों बाद उसने हिस्ट्रीशीटर लाला हड्डी के साथ अपना गैंग खड़ा कर दिया। इधर उसके तीन क्रिमिनल चाचा गिरफ्तार हो गए, जबकि पुलिस ने दो का एनकाउंटर में मारे गए। उसको चाचाओं की गैंग की कमान भी मिल गई। इस तरह वो जुर्म की दुनिया का शहंशाह बन गया।
नया फलसफा खुद मत मारो, एनकाउंटर करवाओ
शहर में एक दशक पूर्व क्राइम को रोकने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ एकाउंटर कर रही थी। एसटीएफ को बदमाशों के बीच एक अपना आदमी चाहिए था। टायसन इस काम के लिए सबसे सटीक था। यहीं से शुरू हुई धोखे और मौत की सीरीज। अंडरवल्र्ड का द्रोहकाल। टायसन अपनी जान बचाने और दुश्मनों को खत्म करने के लिए एसटीएफ को मुखबिरी करने लगा। उसने दुश्मनों को रास्ते से हटाने के लिए उनका मर्डर नहीं कराया, बल्कि पुलिस महकमे में अच्छी पैठ के जरिए उनका एनकाउंटर करवाना शुरू कर दिया। कचहरी में मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी ने टायसन को मुखबिर बताया था। उसने टायसन को गाली देते हुए कहा कि वो सिर्फ मुखबिरी करता है। मोनू ने तो यहां तक कहा कि टायसन ने ही अपने चाचा रफीक और बाले का एनकाउंटर करवाया था। बकौल मोनू पहाड़ी टायसन ने परवेज, शानू बॉस और संजय गुप्ता का एनकाउंटर करवाया। साथ ही उसी ने ही गुलाम नवी को पकड़वा दिया था।
रईस एक साल से खत्म करने का बना रहा प्लान
अंडरवर्ड की दुनिया का शातिर और यूपी का शार्प शूटर रईस बनारसी पिछले साल एसटीएफ से बचते हुए कानपुर आ गया था, जिसे पकडऩे के लिए पुलिस ने जमकर हाथ पैर चलाए, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। जानकारों का मानना है कि मोनू पहाड़ी ने जेल में रहते हुए बनरसी को डी.39 गैंग की कमान सौप दी थी। मोनू ने रईस को टायसन को किसी भी कीमत पर खत्म करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन शातिर टायसन की शक्ल तो दूर उसकी परछाई तक वह नहीं खोज पाया। इसी के चलते मोनू तीन दिन पहले उससे मिला और टायसन के बारे में सटीक जानकारी दी। इसी के बाद आयाराम-गयाराम की दुनिया में जमकर हलचल है।

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