तो क्या भ्रष्टाचार को अंजाम तक पहुंचाने में मंत्री नीलकण्ठ तिवारी का हाथ है ?

  • थोड़ी बहुत शर्म बची हो तो कम से कम बाबा विश्वनाथ के नाम पर ही सुधर जाइए आप लोग!
  • जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी और PMO varanasi शिवचरण पाठक और बनारस के विधायक नीलकंठ तिवारी का भ्रस्टाचार में कनेक्शन!
BJP बोलती हैं, हम करेप्शन हटायेंगे, हमारे विधायक पूरे ईमानदार है, हमारे विधायक तुरन्त ऐक्शन लेंगे… मैं (नितेश भृगुवंशी) इसी उम्मीद पे पिछले 6 बार से BJP को वोट दे रहा लोकसभा और राज्यसभा में। तो मुझे हक है और मेरे जैसे उन आम नागरिक को भी हक़ है, की अगर हमारे द्वारा कोई सरकार चुन के आती है तो उसकी गलतियों को बताया जाये… वरना तलवे चाटने में तो काँग्रेस , सपा ,बसपा के समर्थक बहुत है… आप बस काम ठीक से करेगे तो कैराना वाला हाल नही होगा जब BJP के विधायक ही भृष्ट अधिकारियों से रुपये वसूलेंगे तो क्या भ्रस्टाचार ख़त्म होगा?  क्या सिर्फ़ योगी जी और मोदी जी ही भ्रस्टाचार ख़त्म करेगे?  सबसे बड़ी बात जब सबूत दिया जाता है और वो सरकारी कर्मचारी क़बूल भी रहा है कि ये मेरा ही आवाज़ है तब भी इनको बचाया जाता है।।
विधायक नीलकंठ तिवारी और PMO ऑफिस शिवचरण पाठक जी भ्रस्टाचार को बढ़ावा दे रहे है साथ मे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ शिकायत करने पे भी उनको बचा रहे है. तो वज़ह साफ है रुपये पहुँचता होगा तभी साथ मे ये लोग जातिवाद को भी बढ़ावा दे रहे है… क्योंकि जो भ्रष्ट अधिकारी है वो सभी ब्राम्हण जाति से ताल्लुक़ रखते है और BJP ने भी एक ऐसे विधायक को यहाँ रखवा दिया है जो ब्राम्हण के फ़ेवर में है साथ मे PMO ऑफिस में बैठा शिवचरण भी इस मामले को अनदेखा कर रहा है क्योंकि सभी ब्राम्हण है।। एक कहावत बोला गया है दाल में उतना ही नमक डालो जितना खप जाये. मैं खुद मानता हूँ देश मे कोई ऐसा व्यक्ति नही जो जातिवाद में लिप्त न हो सबमें थोड़ा बहुत होता है पर ये विधायक महोदय और शिवचरण तो नमक में दाल सूखा रहे है।।
27 Feb 2018 का एक रिकॉर्डिंग है, जिसमें घूस माँगा जा रहा है. नवनीत रंजन किशोर न्याय बोर्ड का लिपिक है । किशोर क़ैदियों की रिहाई के लिए जम कर वसूली की जाती है उपरोक्त ऑडीओ में पीड़ित से नवनीत द्वारा धनराशि १४००० रुपए नक़द प्राप्त की जा रही है तथा कुल २५००० रुपयों की माँग की जा रही है। नवनीत द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि साहब ( ज़िला प्रोबेशन अधिकारी) को ६००० देना है इसमें से।उपरोक्त वाक़या २७/२/२०१८ का है जिसकी समस्त जानकारी ज़िला प्रशासन को है। ज़िला प्रोबेशन अधिकारी की संलिप्तता इस स्तर तक है उक्त लिपिक के विरुद्ध ना ही कोई कारवाई हुई और ना ही आज की तिथि तक उसका कार्य पटल बदला गया है। जबकि प्रकरण जानकारी होते ही अभियुक्त के ख़िलाफ़ एफ़॰आई॰आर॰ होना चाहिए था।
ज़िला प्रोबेशन अधिकारी  प्रवीण कुमार त्रिपाठी की भ्रष्टता का यह एक पुख़्ता प्रमाण है। इतना ही नहीं इनके भ्रष्टाचार और वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों में पकड़ होने के कारण उप निदेशक पद पर वाराणसी में नियुक्त होने के बावजूद भी इन्हें ज़िला प्रोबेशन अधिकारी का पद उपहार स्वरूप कमाई कर बंदरबाँट करने के लिए दिया गया है भ्रष्टाचार का ऐसा नंगा नाच चल रहा इस विभाग में कई आम जनता को क्या पता. अरे मीडिया को भी ज़्यादा जानकारी नही होगी क्योंकि ये ऐसा विभाग है जहाँ लोग रूचि नही लेते, एक ही भवन के अन्दर दो समिति चलती है.
JJ Act के तहत दलित उद्धार सेवा समिति बालिका गृह जिसका पंजीकरण 10/18 और दूसरा स्वधार सेवा जो state Act के तहत चलती है महिलाओ के लिये इसमे 14वर्ष से 35 वर्ष की महिलाओ के लिये बना है।। एक ही भवन में दो समिति चलती है सबसे बड़ी चीज़ की दोनों समिति में अलग अलग स्टॉफ होने चाहिये पर एक ही स्टॉफ से दोनों समिति चलाई जाती है।। और लड़कियों महिलाओ से पहले गलत काम होता था. अब जा के सिलेंडर किया गया।।
अब एक अनोखा चीज़ भ्रस्टाचार के लिये एक यहाँ स्टॉफ है शैलेन्द्र पांडेय जो बनारस में पिछले 18 साल से है, Onpaper पे इनका एक बार ट्रान्सफर हुआ फतेहपुर पर ये व्यक्ति कभी फ़तेहपुर नही गया वो यही बनारस के ऑफिस में बैठा रहता था और सब अधिकारियों का फाइल मेंटेन करता था. आखिर क्या जरूरत थी यहाँ रहने की तो वज़ह साफ़ साफ़ है वो गबन करने में एक्सपर्ट है कैसे फाइल बनाये की पकड़े न जाये और ये सब प्रवीण कुमार त्रिपाठी के जानकारी में हो रहा है आख़िर प्रवीण जी को भी तो एक ऐसा आदमी चाहिये जो इनके फाइल को मेंटेन करे 18 साल से जो टिका है बनारस मंडल में तो अनुभव भी तो बहुत होगा गबन का।।
अब देखिये फतेहपुर मंडल में जब शैलेन्द्र पाण्डेय की उपस्थिति कई दिनों तक न हुआ तो तब फतेहपुर से पेपर रिलीज़ हुआ कि शैलेन्द्र पाण्डेय यहाँ जॉइन नहीं कर रहे।। फिर इस शैलेन्द्र पाण्डेय को चन्दौली ट्रांसफर किया गया on pepar और ऐसे पद के लिये जो चन्दौली में पद है ही नही। और ये शैलेन्द्र पाण्डेय तब भी चन्दौली न रह के बनारस ऑफिस में बैठा रहता है और सारा गबन करता है, क्योंकि प्रवीण कुमार त्रिपाठी को चिन्ता रहती है कि हमारे लूट को मेंटेन तो ये शैलेंद्र पांडेय ही करता है इसको चन्दौली on pepar भेज देते है रहेगा मेरे गोद मे आख़िर मुझे जिला प्रबोशन अधिकारी का पद क्यों मिला है इसका फ़ायदा मैं ही उठाऊंगा।। जब इस शैलेन्द्र पाण्डेय के पीछे 1 April 2016 में जाँच होने वाली थी तभी ये भाग गया था सारा कागज़ ले के और ये पूरे 1साल 1माह तक भागा रहा मतलब 30 april 2017 तक तब सपा की सरकार थी और सबसे बड़ी बात जब भी इसके विरुद्ध जाँच होता है तो प्रवीण त्रिपाठी और शैलेन्द्र मिल के  ट्रांसफर करवा देते है, मतलब रुपये और पकड़ इन दोनों की जबरजस्त है।।
Note -जब भी जाँच हुआ तब ये दिखा दिया जाता है कि बाबू कही गया है पर वो उसी ऑफिस में बैठा रहता है।। Note 2012- 2013 में भी इस शैलेन्द्र का ट्रांसफर हुआ था on pepar पर ये तब भी बनारस में ही रहा।। अब बात करते है जिला प्रबोशन अधिकारी श्री प्रवीण कुमार त्रिपाठी जी की जिनको हमारे विधायक नीलकण्ठ तिवारी जी संरक्षण है।।
मेरे (नितेश भृगुवंशी) के कहने पे मेरे एक सुभचिंतक जी ने इनको फोन किया नरसो 3 june 2018 को की आप ये जिला प्रबोशन अधिकारी को बचा क्यों रहे है… #Note इसमे उस अधिकारी का नाम प्रवीण कुमार त्रिपाठी नही लिया गया सिर्फ़ पद बोला गया… अब देखिये हमारे ईमानदार विधायक महोदय नीलकंठ जी का जवाब में क्या बोले… वो बोले अरे प्रवीण तो बड़ा सरीफ लड़का है वो IAS pre लिकाला है उसको रुपये की क्या ज़रूरत। मतलब बनारस में इतने अधिकारी है सबका नाम इनको मुँह पे याद है या सिर्फ़ इन्ही का याद है… और ये विभाग जिनके अन्तर्गत आता है वो है #रीताबहुगुणाजोशी शायद रीता जी को भी इस अधिकारी का नाम नही याद होगा… ये तभी संभव है जब आप उससे हमेशा टच में हो और रही बात IAS pre निकालने का तो विधायक जी देश मे 80% IAS और PCS अधिकारी ही सबसे ज़्यादा लुटेरे है और उनके बाप ये विधायक और सांसद लुटेरे है… सबसे लॉस्ट में ये बाबू लिपिक बाकी कर्मचारी लुटेरे होते है।। तब तो मुझे ये भी बोलने में कोई दिक्कत नही की आप भी एक लूटेरे विधायक है… एक नियम है अगर आप सरकारी नोकरी कर रहे है तो आप को अपने विभाग में अपने परिवार को टेण्डर नहीं मिलना चाहिये।। तो प्रवीण कुमार त्रिपाठी जी आप जिस कार से चलते है उस कार का no UP 32FF 6347 है जो आप के वाईफ #प्रतिभा तिवारी के नाम से है।। पर आप 30 हज़ार उठाते है bill बनवा के UP65 CT 6444 इस गाड़ी से।।
फ़िर ये #उत्कर्ष_इंटरप्राइजेज शैलेन्द्र पांडेय के बीबी के नाम से फर्म है और उसको ये टेण्डर क्यों ? उसको ये टेण्डर कैसे मिला।। शैलेन्द्र पाण्डेय के बीबी बच्चों के खाते का जाँच करा लिया जाये, सारा कमीशन इनके एकाउन्ट में और इनके घर वालो के खाते में आता है।। दान में आये समान की भी बिलिंग करा के उसको आप लोग फ़र्जी बिल बना के सबमिट करते है अपने विभाग को।।
अब आते है अपने विधायक नीलकण्ठ जी के कर्मकांडो के बारे में… महोदय को बिना स्वार्थ के तो कुछ मिलने वाला नहीं तो इनका सबसे बड़ा स्वार्थ है रुपये कमाने का देखिये कैसे कमा रहे है… बनारस के दुर्गाकुंड में राजकीय शिशुगृह और बालिका गृह बन के तैयार भी हो चुका है इसके लिये 9.5 करोड़ बजट पास हुआ और 3.5 करोड़ 2016 में मिला शिशुगृह के लिये बाकी बालिका गृह के फिर बाक़ी अब योगी जी के सरकार में मिल चुका है… अब देखिये यहाँ खेल रुपये का पूरे UP में सिर्फ़ 5 शिशुगृह है वही ये महोदय बनारस मंडल में 2 शिशुगृह पास करा दिये… जिसमे नया वाला #रामनगर में बन रहा है… इसका भी बजट 9.5 करोड़ ही रखा गया है… जिसमें 3 करोड़ oct 2017 में आया है, 4 करोड़ शिशुगृह के लिये बाक़ी 5.5 करोड़ बालिका गृह के लिये।।
Note= एक ही बिल्डिंग के लिये दो जगह रुपये पास हुये है दुर्गाकुण्ड और रामनगर, क्या इससे बड़ा घपला नही हो सकता जहाँ पूरे UP में 5 गृह है वही बनारस में 2 के लिये बजट पास होता है वो भी एक ही बिल्डिंग के लिये।। इन भवनों को बनाने के लिये नीलकंठ के एक ख़ास परिचित को टेण्डर दिया गया है उनके ही द्वारा रामनगर में बन रहा है भवन… तो लाज़मी है उस ठेकेदार से नीलकण्ठ को कमीशन पहुँच रहा होगा, और ये मेरे द्वारा पता लगाया गया पुख़्ता जानकारी है, वहीं बगल के मंडलो में किराए पे चल रहे है ये शिशुगृह जैसे मिर्जापुर, आज़मगढ़, चित्रकूट, झाँसी… ये ऐसे मंडल है जहाँ बहुत ज़रूरी है खुद का भवन क्योंकि जो भी इन शहरों को जानता है वहाँ विकास नाम भर का है इस पोस्ट पे कुछ सबूत दे रहा हूँ जिसको आप लोग देखे और पूछे ये सरकार क्या ऐसे ही करेंगी जैसे सपा, बसपा, कॉंग्रेस और वामपन्थी सरकार लूट करती चली आई है… सबसे बड़ा चीज़ 32 लाख के कमीशन का बंदरबाट नहीं हो पाने के कारण वो फण्ड वापस चला गया 31 March 2018 को।।
अब असली औकात बता दूँ हमारे विधायक नीलकण्ठ जी का इनका बहुत ही तगड़ा पकड़ है RSS के किसी उच्च आदमी से जिसके दयादृष्टि के वज़ह से बनारस की सीट लड़ने को मिला तो नीलकण्ठ महोदय आप भूल रहे है कि आप अपना सीट हारने वाले थे ये पूरा बनारस जानता था और आप से ख़फ़ा भी था कि BJP किस चिरकूट को खड़ा कर दी है. आप को यही के नागरिक दुत्कारे थे आप के ऑखो में आँसू भी आ चुका था कि कैसे जीते तब मोदी जी यहाँ आ के 3 दिन घूमे लोग मोदी जी के निवेदन पे आप को वोट दिये, कही न कही उनको भी ये जानकारी थी कि आप हार रहे है।। और आप जीत के इस तरह के कर्मकाण्ड करेंगे तो यहाँ की जनता आप को अगले बार लात मार देगी
Note= इस विभाग की सबसे बड़ी कमी ये है कि लखनऊ से ले के हर मंडल तक और खासतौर पे बनारस तक ब्राम्हण जी को ही पद दिया गया है चाहे वो प्रवीण कुमार त्रिपाठी के ऊपर के भी अधिकारी ही क्यों न है और सबकी सेटिंग मस्त है. किसी भी विभाग में जब एक जाति के लोगो को सारे पद दे देंगे तो ऐसे ही लूट होगी.  ये सारा मामला लखनऊ में बैठे उन अधिकारियों को भी पता है पर सब दबा दे रहे है क्योंकि उनको भी 4% कमीशन मिलता है.
अब रीता बहुगुणा जी आप तो अभी कॉंग्रेस छोड़ के आई है आप को तो कम से कम एक सरकार तक तो काम करना चाहिये और सारे अधिकारियों को टाईट रखना चाहिये. तभी आप की छवि सुधरेगी  या आप ने भी BJP में आने से पहले ये डील किया था अगर सरकार बनी तो हमको मंत्रालय चाहिये कोई भी  रुपये पिटना है, तब तो मैडम आप अगले साल हार न जाये, BJP वोटर आप के काँग्रेस , सपाई, बसपाई की तरह नही है… वो एक साइलेंट वोटर होते है… जब उनके नेता काम न करते तो लात मार देते है… और उनको हराने के लिये वो किसी भी पार्टी को वोट दे के ये बताते है कि ये है तुम्हारी औकात… आम नागरिक एक वोट को जानता है ख़ास तो पे BJP वोटर… मुझे ये भी पता है इतने के बाद भी ये जाँच के नाम पे एक फॉर्मेलती ही होगा… और उन जाँच करने वालो को ट्रान्सफर भी हो जायेगा… लीपापोती भी होगा पर मुझे अपने CM योगी जी और PM मोदी जी पे विश्वास है वो इस लूट की कड़ी को सुधार दे।।
नीचे सारे सबूत दे रहा हूँ जो ठण्डे बस्ते में चले गये है और नवनीत का ऑडियो भी है मेरे पास FB में ऑडियो जाने का ऑप्शन नहीं है तो कल तक उस ऑडियो को एक वीडियो में कन्वर्ट कर के फ़िर से सबूत दूँगा जिसमे रुपये माँगे गये है और वो अस्प्स्टिकरण नोटिस में कबूला है कि ये उसकी आवाज़ है तब भी नवनीत ,शैलेन्द्र, प्रवीण को उस टेबल पे क्यों रखा गया है, जब कि नियम ये है कि ऐसे मुद्दों पे आप का ट्रान्सफर या आप को उस टेबल पे नही रहना है… और ये प्रवीण कुमार त्रिपाठी को इतना पद कैसे मिला थोड़ा इसका भी जाँच वो ये कुछ ज़्यादा पद संभाला रहे है ये तो यही फस गये।ये मंडलीय पद पर हैं परंतु जिले के निचले पद के प्रभार के लिए स्थानीय मंत्री तक को मैनिज किया हुआ है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के जिम्मे इन लड़कियों औरतों की देख रेख हो रहा है.
अभी पटना में भी ऐसे ही लड़कियों का शोषण होता था 2 दिन पहले न्यूज़ में निकला है, और बनारस में तो कई बार हो चुका है।। वाराणसी पुनः संवसिनी कांड की तरफ़ अग्रसर कृपया संगलगनक दैनिक समाचार पत्रों में छपी ख़बर “दिन ढलते ही बालिका गृह में सज जाती है महफ़िल “ ज़िला प्रोबेशन अधिकारी श्री प्रवीण त्रिपाठी के संरक्षण में रसूखदार सफ़ेद पोश व्यक्ति द्वारा चलायी जा रही अपंजीकृत बालिका गृह का प्रकरण है।ज़िला प्रोबेशन अधिकारी,संरक्षण अधिकारी और विभाग की साँठगाँठ से फ़र्ज़ी दस्तावेज़ एवं प्रस्तुत अभिलेखों के आधार पर रसूख़दार व्यक्ति द्वारा बच्चियों एवं महिलाओं के शोषण एवं उत्पीड़न का खेल, खेला जा रहा है।
संस्था का फ़र्ज़ी अभिलेखों एवं तथ्यों को छिपाते हुए पंजीकरण हेतु प्रस्ताव ज़िला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा निजी लाभ हेतु शासन को ससंतुति सहित भेजा गया है।आम लोगों में यह प्रचलित है कि संस्था से बच्चियों तथा महिलाओं को भागने का नाम दिया जाता है बल्कि वास्तव में देह व्यापार के सौदागरों को बेच दिया जाता है। प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र तथा पवित्र नगरी काशी में महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे ऐसे घिनौने कार्य एवं भ्रष्टाचार पे रोक लगाया जाना अवश्यक है वर्ना पुनः वर्ष २००२ की भाँति संवसिनी कांड कांड जैसी कलंकित घटना घटित होने से गुरेज़ नहीं किया जा सकता।
राजकीय बाल गृह,रामनगर राजकीय संप्रेषण गृह,रामनगर राजकीय वृद्धाश्रम,दुर्गकुंड राजकीय महिला पसह्चात्यवर्ति देख रेख संगठन जैतपुरा राजकीय महिला शरणालय शिवपुर तथा अन्य राजकीय संस्थाओं में निवासरत महिला एवं बच्चों के खाद्यान तथा वस्त्र की ख़रीद में जम कर कमीशन खाता है यह अधिकारी १० गुना ज़्यादा दामों का बिल लगाकर राजकीय सम्पत्ति को लूटा जा रहा है महिला कल्याण विभाग की भ्रष्ट प्रमुख सचिव श्रीमती रेणुका कुमार,सचिव जय प्रकाश सागर,विशेष सचिव राम केवल का संरक्षण प्राप्त है इन्हें। कार्यादायी संस्थाओं के बिलों में अच्छा कमिशन सेट ना हो पाने के कारण ज़िला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी द्वारा 31/03/2018 ko रात्रि 11:30 पर ज़िला कोषागार में प्रस्तुत किया गया जिसकी वजह से विभाग के 36 लाख रुपए सरेंडर हो गए। ये हालात प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का है सोचिए पूरे प्रदेश का क्या हाल होगा।भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है इस विभाग में।
मुझे ये करेप्शन देख के एक मूवी याद आ गया The Shawshank Redemption उसमे ऐसे ही करेप्शन था। बड़े भाई साहब एवं भयंकर कुवांरे Nitesh Bhriguvanshi जी की वाल से