त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने का भाजपा के कई नेताओं ने किया समर्थन

“लोग लेनिन की मूर्ति गिरा रहे हैं… रूस में नहीं बल्कि त्रिपुरा में। ‘चलो पलटाई’” (चलो पलटाई का मतलब है; आओ बदलें) इन शब्दों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने ट्वीट किया और साथ में वामपंथी क्रांतिकारी नेता लेनिन के प्रतिमा गिराने के तस्वीर को भी शेयर किया। हालांकि राम माधव ने अब ट्वीट को डिलीट कर दिया है लेकिन इसकी स्क्रीनशॉट नीचे देखी जा सकती है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह घटना विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के 48 घंटे बाद दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में 5 फरवरी को दोपहर 2.30 बजे हुई।

जब यह मुद्दा त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय के ध्यान में लाया गया तो इस तोड़-फोड़ की कड़ी निंदा करने के बजाय उन्होंने दूसरों पर ऊँगली उठाई और अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना को सही बताने की कोशिश की।

Tathagata roy on demolition of lenin statue

सोशल मीडिया पर विवादों से तथागत रॉय अपिरिचित नहीं हैं। उन्होंने पहले भी एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने दूसरे एक ट्वीटर यूजर को उनके पोस्ट, ‘हिन्दू हमेशा लड़ाई से भागते हैं’ का जवाब देते हुए गुजरात दंगे की याद दिलाई और कहा “मुझे ख़ुशी है कि आप 2002 में गुजरात में जो हिन्दुओं ने किया उसकी सराहना करते हैं”।

दिल्ली के भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने इसी तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “लाल गुलामी छोड़कर बोलो वन्दे मातरम्”। दिलचस्प बात यह है कि तेजिंदर बग्गा “भगत सिंह क्रांति सेना” नामक दक्षिणपंथी संगठन के संस्थापक हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार फांसी दिए जाने से पहले भगत सिंह लेनिन पर लिखी गई किताब पढ़ रहे थे।

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फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने इस मूर्ति के गिरने के जश्न में पाकिस्तान के कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक और मशहूर कवि फैज़ अहमद फैज़ की एक कविता का हवाला दिया।

मकरंद परांजपे, JNU के प्रोफेसर ने इस तोड़-फोड़ की घटना को एक ‘अद्भुत दृश्य’ बताते हुए राम माधव के ट्वीट का हवाला दिया।

नूपुर शर्मा जो दक्षिणपंथी वेबसाइट ओपइंडिया के संपादक हैं, उनकी राय में यह घटना एक लोकत्रांत्रिक कार्य है, “वामपंथियों के हार के साथ उनके सारे मूर्ति (निशान) भी हटा दिए जाने चाहिए।” क्या एक चुनावी हार हारने वाली पार्टी की सभी निशानों को हटाए जाने के लिए पर्याप्त है?

बहुत सारे ऐसे लोग जिन्हें ट्वीटर पर मोदी जी फॉलो करते हैं, उन्होंने इस मूर्ति के गिराए जाने की प्रशंसा की और समर्थन दिया। अभिषेक मिश्रा ने कहा कि मूर्ति का तोड़ा जाना गर्व की बात है और इसका बचाव की जरुरत नहीं है।

तमिलनाडु के एक अन्य भाजपा नेता ने सभी निशानों के हटाए जाने की प्रशंसा की और इसे प्रोत्साहित किया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव एच राजा ने अपने फेसबुक पेज से पोस्ट किया कि सामाजिक सुधारक ईवी रामास्वामी नायक (पेरियार) की मूर्ति को हटा दिया जाना चाहिए। इस पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने यह पोस्ट हटा लिया

त्रिपुरा में वामपंथियों की हार भारतीय राजनिति का एक ऐतिहासिक क्षण है जो वहां के लोगों में बदलाव की भावना को दर्शाता है। हालांकि, लेनिन के मूर्ति को गिराना शर्म की बात है जिसकी निंदा की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में देखा गया कि निंदा के बजाय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों ने इसकी सराहना की।

 

source- altnews