दरोगा भर्ती का चयन परिणाम रद्द, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

शिवलखन सिंह यादव और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि याचीगण को यदि संभव हो तो उसी विद्यालय में नियुक्ति दी जाए, जहां उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यदि उस विद्यालय में पद रिक्त न हों तो उन्हें कहीं और नियुक्ति दी जाए।

अधिवक्ता सीमांत ने कहा कि याचीगण सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हुए थे। जिसके बाद चार फरवरी 2015 को उनको छह महीने के प्रशिक्षण पर भेजा गया। इन सभी को शिक्षक पद पर नियुक्ति का आदेश मिलने ही वाला था, लेकिन इससे पहले उनका सेलेक्शन दरोगा भर्ती 2011 में भी हो गया और वे दरोगा के प्रशिक्षण पर चले गए।

दरोगा का प्रशिक्षण 22 नवंबर 2016 तक चला। इस बीच हाईकोर्ट ने दरोगा भर्ती लिखित परीक्षा परिणाम को ही रद्द कर दिया, जिसके बाद शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी लौटना चाहते हैं। 72,825 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित होने के बाद दरोगा भर्ती 2011 में भी चयनित हो गए। अभ्यर्थी अब वापस शिक्षक बनना चाहते हैं। यह दरोगा भर्ती में चयनित होने के बाद सहायक अध्यापक का नियुक्ति पत्र लिये बिना दरोगा के प्रशिक्षण पर चले गए थे।

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