दुनियाभर के सैटलाइट लॉन्च कर खूब पैसे कमा रहा इसरो

नई दिल्ली- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का रॉकस्टार पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल (पीएसएलवी) पैसे बनाने की मशीन बन गया है। पीएसएलएवी के नाम 28 देशों के 209 सैटलाइट्स को एकसाथ अंतरिक्ष में पहुंचाने का शानदार ट्रैक रेकॉर्ड है। 23 जून को पीएसएलवी सी38 712 कि.ग्रा. का कार्टोसेट-2 सैटलाइट के साथ-साथ 30 अन्य सैटलाइट्स को अंतरिक्ष ले गया। इनमें 29 सैटलाइट्स 14 दूसरे देशों के थे। बुधवार को सरकार ने बताया कि इन 29 सैटलाइट्स की लॉन्चिंग से इसरो की कमर्शल यूनिट ऐंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लि. को 45 करोड़ रुपये (6.1 मिलियन यूरो) की कमाई हुई।

23 जून की मल्टिपल लॉन्चिंग से पहले इसरो ने 15 फरवरी को अपने पीएसएलवी सी37 से एकसाथ 104 सैटलाइट्स अंतरिक्ष में भेजकर वर्ल्ड रेकॉर्ड बना दिया था। हालांकि, इसरो ने उस लॉन्चिंग में हुई कमाई की जानकारी नहीं दी।

सैटलाइट लॉन्चिंग से खूब कमाई कर रहा इसरो।

दरअसल, अंतरिक्ष की कक्षा में उपग्रहों को भेजने के बिजनस काफी प्रतिस्पर्धा हो गया है। स्पेसएक्स की फाल्कन 9, रूस की प्रोटॉन यूएलए और एरियनस्पेस जैसी कंपनियों की स्पेस इंडस्ट्री में धाक है। लेकिन, एंट्रिक्स की किफायती दरें और छोटे उपग्रहों को अंतिरक्ष में भेजने में इसरो की महारत से विदेशी ग्राहकों आकर्षित करने में लगातार कामयाबी मिल रही है।

 

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