पुलिस के छापे से पहले ही पड़ोस की छत पर कूदकर भाग गया बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौतों का गुनहगार

गोरखपुरः बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौतों के मामले में विवादों के घेरे में आए डॉ कफील के घर देररात पुलिस ने छापा मारा। लेकिन पुलिस को डॉ कफील हाथ नहीं आया। वह अपनी छत से दूसरे की छत पर कूदकर फरार हो गया। उसके फरार हो जाने से पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
आपको याद होगा कि बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाने से 66 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी। पूरे वाक्ये के दौरान एंसेफेलाइटिस विभाग के हेड डॉ कफील अहमद सुर्खियों पर छाए रहे। पहले तो बच्चों की जान बचाने का दावा कर खुद को फरिश्ता साबित करने की कोशिश की। मीडिया में झूठी खबरें प्रचारित की। बाद में डॉ कफील की सच्चाई आने लगी तो बच्चों की मौत के लिए उन्हें और कॉलेज के प्रिंसिपल को जिम्मेदार माना जाने लगा।

कितने दिनों तक फरार रहेगा

-इस मामले में सरकार की सख्ती के बाद लखनउ में डॉ  कफील के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
-देररात पुलिस ने राजघाट थाना क्षेत्र के तुर्कमान पुरा मौहल्ले में उसके घर पर छापा मारा।
-डॉ कफील को छापे की पहले ही जानकारी हो गई थी। इससे पहले कि पुलिस पहुंचती वह पड़ोस की छत पर कूदकर फरार हो गया।
-उसकी फरारी पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कितने दिनों तक फरार रहेगा। जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा।

-डॅा कफील की कारस्तानी

-एंसेफेलाइटिस विभाग के हेड रहे डॉ कफील की कारस्तानी की सूची लंबी है। सरकारी नौकरी में होते हुए वह प्राइवेट प्रैक्टिस करता है।
-बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन सिलेंडरों को अपने नर्सिंग होम में प्रयोग करता था। अपने डॉक्टर दोस्तों को भी बीआरडी के ऑक्सीजन सिलेंडर देता था।
-ऑक्सीजन को लेकर सप्लायर का भुगतान रूका हुआ है, इसकी जानकारी उसे थी लेकिन इस सुलझाने की पहल नहीं की। जबकि वह जानता था कि ऑक्सीजन की कमी होने पर बच्चों की जानें जा सकती है।
-डॉ कफील ने मीडिया में झूठी खबर प्रचारित कराई कि उसने खुद अपने पैसे से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए और पूरी रात बच्चों का इलाज करते रहे।

 

Read More- samacharplus