(पोल -खोल ) पश्चिम बंगाल की पुरानी तस्वीर हिन्दू औरतों पर हमले के रूप में फैलाई जा रही

भड़काऊ शब्दों के साथ एक परेशान करने वाली तस्वीर अभी सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है। एक राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे नामक फेसबुक पेज जिसके 560,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं इसने इस तस्वीर को पोस्ट किया है। इस पोस्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सरकार हिन्दुओं पर अत्याचार कर रही है।

कट्टर हिन्दू इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर एवं इस पेज को लाइक करें

Posted by राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे on Saturday, 31 March 2018

इस तस्वीर के साथ ये शब्द हैं, “पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के TMC के मुस्लिम नेताओं ने हिन्दू बहन बेटियों को नग्न अवस्था में करके सरेआम सड़क पर मारा हिन्दू लड़कियों को जलील किया और सरेआम इज्जत से खेला गया सरेआम लगाए गए हिन्दू मुर्दाबाद के नारे। दोस्तों शेयर करे, आज बंगाल के हिन्दुओं का ये हाल है, कल पूरे देश के हिन्दुओं का यही हश्र होगा। ” इस मेसेज वाली तस्वीर को 31 मार्च,2018 को पोस्ट किया गया है और इस लेख के लिखे जाने समय तक इस फेसबुक पोस्ट को 3600 से अधिक बार शेयर किया जा चूका है।

पश्चिम बंगाल में राम नवमी के जुलूस में हुए हिंसा के बाद से राज्य में सांप्रदायिक तनाव का माहौल है। ऊपर की यह तस्वीर ऐसे समय में प्रसारित की जा रही है जब राज्य पहले से ही हिंसक घटना से गुजर रहा है।

क्या यह दावा सही है?

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुस्लिम नेताओं पर लगाया जा रहा यह इल्जाम झूठा है। हालांकि यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की है, लेकिन इसका राज्य में वर्तमान तनाव के साथ कोई लेना-देना नहीं है। वास्तव में, धार्मिक समुदायों से इसका कोई लेना देना नहीं है। यह तस्वीर 2014 में ली गयी थी।

यह खबर जुलाई, 2014 में डेली मेल ने रिपोर्ट की थी। दरअसल इस घटना में पश्चिम बंगाल के कालियागाँव में सात साल की एक नाबालिग़ बच्ची से बलात्कार और हत्या करने के आरोप में एक स्थानीय तांत्रिक और उसके दो सहयोगियों को ग़ुस्साए लोगों ने खूब पिटा था। इस तस्वीर को धुंधला करके गलत संदेश के साथ इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

ऑल्ट न्यूज ने पाया कि सोशल मीडिया पर यह अफवाह नई नहीं हैं, और यह वही तस्वीर है जिसे 2015-2016 के बीच पहले भी फैलाया गया था। यहाँ तक कि नवभारत टाइम्स ने अप्रैल 2016 में इसे झूठी अफवाह बताते हुए एक लेख भी प्रकाशित किया था।

अक्सर जब हिंसा के बाद संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक तनाव रहता है उस समय सोशल मीडिया का उपयोग और भड़काने के लिए किया जाता है। इसी तरह हाल के पश्चिम बंगाल में हुए हिंसा के बाद भड़काऊ पोस्ट सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए फैलाए जा रहे हैं। ऐसे समय में ये अफवाह वहां के नागरिकों के बीच भरोसा और शांति बनाए रखने में चुनौती पेश करता है।

 

source- altnews