पोल खोल – मोदी सरकार द्वारा एनपीए के 4 लाख करोड़ रुपये वसूली का सच क्या है?

प्रधानमंत्री की वेबसाइट के मीडिया सेक्शन में भी ये खबर थी, और अब उसे डिलीट किया जा चूका है।

गलत जानकारी का प्रचार

4 लाख करोड़ की वसूली का आंकड़ा Economic Times के 4 अप्रैल के “4 लाख करोड़ रुपये के NPA दिवालियापन कोड की वजह से लौट आये: अफसर” नामक एक लेख से पता चला था। इस लेख में लिखा था, “दिवालिया कोड (इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016) की वजह से बैंकों में जमा किये गए NPA के 9 लाख करोड़ रुपये की चौंका देने वाली राशि में से आधे से भी कम की वापसी हुई है।” कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने CII की तरफ से आयोजित Resolving Insolvency नामक एक कांफ्रेंस में ये आंकड़ा उजागर किया था जिसे IANS ने सबसे पहले रिपोर्ट किया था।

सभी सरकार समर्थक ख़बरों की तरह इस खबर को भी प्रधानमंत्री मोदी के NaMo एप्प ने खूब फैलाया गया, और बीजेपी/NDA नेता, सांसद और विधायक ने सोशल मीडिया पर कर्तव्यनिष्ठ तरीके से शेयर किया।

इस खबर को फिर फेक न्यूज़ वेबसाइट Postcard News ने और मसाला डाल कर इस शीर्षक के साथ पेश किया, “NPA पर मोदी सरकार की भारी मार”

कई CA और जो दावा करते हैं कि वो तथ्य-जाँच में माहिर है उनको भी यह खबर विश्वसनीय लगी, उन्होंने भी इस खबर को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और इन आंकड़ों के चक्कर में फँस गए।

हाल ही में शुरू की गयी दिवालियापन कोड की वजह से “कांग्रेस द्वारा NPA: 9 लाख करोड़, मोदी ने वसूले: 4 लाख करोड़” और “9 लाख करोड़ के बकाया NPA में से 44.44% वापस आया है”, यह आंकड़ा सरकार के समर्थकों को विश्वसनीय लगा।

Massive Crackdown by Modi government on NPAs!!! Know how Modi government helped to bring back Rs 4 lakh crore back into system from defaulters!!https://t.co/qzAgn0j5RU

— CA. RAJEEV GUPTA (@RajeevGuptaCA) April 7, 2018

😂😂😂listen up dramatic joker..https://t.co/4bAHqgP909

20th March.. Just yest it was revealed that 4lac cr worth NPA recovered I.e approx half.. 😂😂😂😂keep whining

— Ashu😎 (@muglikar_) April 5, 2018

Rs 4 lakh crore NPAs have returned due to insolvency system says corporate affairs Secretary. The amount is 44.44% of outstanding NPAs of 9 Lakh Crore. btw many more will happen in Next two quarters. https://t.co/YIxeXuXmZL

— Vijay (@centerofright) April 5, 2018

Postcard News और दक्षिणपंथी वर्गों ने तो इसे खूब फैलाया ही, इसके बाद BJP ने स्त्रोतों से तथ्यों की जानकारी लिए बिना यह जानकारी शेयर की।

RBI डेटा

NPA की वसूली पर RBI के आंकड़े कुछ और ही कहानी बताते है। राज्य सभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल के पेश किये गए RBI डाटा के अनुसार, पिछले चार सालों में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2.73 लाख करोड़ रुपये के खराब लोन में से केवल 29,343 करोड़ रुपये वसूल किए थे।

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हालांकि बैंक बड़ी मात्रा में फंसे कर्ज़ को वसूलने में नाकाम रही हैं, लेकिन यहाँ ‘लोन वेव’ यानि कर्ज माफ़ी और ‘लोन राइट ऑफ’ यानि लोन बट्टे खाते में डालना के बीच का फ़र्क समझना जरुरी है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस बारे में उलझन में हैं, और बैंकों द्वारा लोन माफ़ी और लोन बट्टे खाते डालने को एक ही बात समझते है। लोन बट्टे खाते डालने का मतलब ये नहीं है कि उधारकर्ता को क्लीन चिट दी गई है। दिवालिया कोड (इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016) की नयी प्रणाली द्वारा, और शेष तरीकों से शेष राशि को पुनर्प्राप्त करने के प्रयास चलते रहेंगे। वसूली के इन प्रयासों का अंतिम परिणाम देखा जाना बाकी है। फिलहाल वसूली दर 10.77% है, जिसका मतलब ये है कि पिछले 4 सालों में सरकारी बैंकों के NPA में से 89% से भी ज़्यादा राशि को वसूला नहीं गया है।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से स्पष्टीकरण

ऑल्ट न्यूज़ ने कॉर्पोरेट अफेयर्स सचिव इंजेती श्रीनिवास से RBI आंकड़ों और मीडिया द्वारा प्रस्तुत किये गए समाचार के बीच की विसंगति को समझने के लिए बात की। उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को लिखित रूप से बताया, “मीडिया ने मुझे गलत उद्धरित किया है। मैंने तो ये कहा था कि, तकरीबन 50% NPA, IBC की नयी प्रणाली में संदर्भित किये गए है।” उन्होंने 4 लाख करोड़ के आंकड़े को समझाते हुए कहा कि, “आज की तारिख में 3.30 लाख करोड़ के मामले NCLT को संदर्भित कर दिए गए है। इसके साथ ही, 83,000 करोड़ रुपये के दावों के समझौते, NCLT को संदर्भित किए जाने से पहले ही सुलझ गए है। कुल मिलाकर ये राशि 4 लाख करोड़ से भी ज़्यादा है।”

लगता है कि बीजेपी द्वारा अपने ट्वीट में किया गया बड़ा दावा गलत निकला और जैसे ही गलती का पता चला, उसे डिलीट कर दिया गया। दक्षिणपंथी तथाकथित तथ्यों की जांच करने वाले, जो लोन माफ़ी और लोन बट्टे खाते डालने के बीच के फ़र्क़ के बारे में बढ़ा चढ़ा कर लिख रहे थे, वे भी इन झूठे दावों में फंस गए। वे मान गए कि मोदी सरकार ने जादुई तरीके से 9 लाख करोड़ NPA में से 4 लाख करोड़ वसूल कर लिए, और इस झूठी जानकारी को सोशल मीडिया पर खूब फैलाया। Indian Express और Firstpost ने RBI आंकड़ों में विसंगति बताते हुए संदेह भी जताया था। कॉर्पोरेट अफेयर्स सचिव ने इस बात को स्पष्ट किया की 4 लाख करोड़ NPA की वसूली हुई राशि नहीं, बल्कि IBC प्रणाली में संदर्भित किये गए राशि है।

 

source- altnews