प्यार है

मीना मौर्य (मशाल)

कागज की कश्ती पर मन सवार है
कैसे हम कहे कितना प्यार है
जल गए हैं मोहब्बत के चिराग
रोशन हुआ दिल का संसार है कितने किस्से हैं प्रेम रोग के वशीकरण का चलता बाजार है
प्यार में अक्सर गुनाह होते है इतिहास में छुपे राज हजार हैं उम्र बीत जाती है सब भुलाने में
याद जब भी आए तो बाहर है कितना खूबसूरत है ये रिश्ता जिसको लोग कहते हैं प्यार हैl

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