प्रणब मुखर्जी का आज फेयरवेल, सेंट्रल हॉल में PM मोदी सहित सांसद देंगे विदाई

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 24 जुलाई को कार्यकाल खत्म हो रहा है। बतौर राष्ट्रपति आज उनका आखिरी दिन होगा। सांसद आज उन्हें विदाई देंगे। बता दें इससे पहले शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाऊस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में डिनर पार्टी रखी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

सुमित्रा महाजन देंगी विदाई भाषण
राष्ट्रपति के विदाई कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन विदाई भाषण देंगी। राष्ट्रपति को मेमेंटो के साथ सभी सांसदों के हस्ताक्षर वाली किताब दी जाएगी। विदाई कार्यक्रम के बाद प्रणब मुखर्जी के सम्मान में एक चाय पार्टी होगी। संसद के सेंट्रल हॉल में औपचारिक विदाई समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के मंत्री और दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहेंगे। अपने 5 साल के कार्यकाल में प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद की गरिमा को नई ऊंचाईयों पर ले गए। एक शिक्षक से नेता और उसके बाद राष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले प्रणब मुखर्जी अपने शालीन व्यक्तिव और विद्वता के लिए जाने जाते हैं।

कभी विवादों में नहीं रहा प्रणब का कार्यकाल
11 दिसंबर 1935 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में जन्मे प्रणब का कार्यकाल कभी विवादों में नहीं रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल के तीन साल मोदी सरकार के साथ गुजारे लेकिन कभी राष्ट्रपति और सरकार के बीच टकराव की स्थिति नहीं आई। खुद पीएम मोदी ने कई मौकों पर मुखर्जी की तारीफ की। यहां तक की एक मौके पर मोदी खुद मुखर्जी को पिता समान कहते-कहते भावुक हो गए थे।

कांग्रेस में उनका कद काफी बड़ा था और वो गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे। राष्ट्रपति बनने से पहले तक प्रणब केंद्र सरकार में वित्त मंत्री रहे। वित्त मंत्री के अलावा वे विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री जैसे अहम मंत्रालयों को भी संभाल चुके हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले तक मुखर्जी यूपीए सरकार के संकट मोचक कहे जाते थे। यूपीए 1 और यूपीए 2 सरकार में ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने बातचीत के जरिए सरकार को संकट से उबारा।

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