प्रभु का इस्तीफा नहीं लिया, पर फेरबदल में गडकरी को रेल मंत्री बना सकते हैं मोदी

Chennai: Union Minister for Railways Suresh Prabhu addresses a seminar on GST- A Great Positive Game Changer for India, organised by the Southern India Regional Council of Institute of Chartered Accountants of India in Chennai on June 24, 2017. (Photo: IANS/PIB)

केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की ‘पूरी नैतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे ‘इंतजार’ करने को कहा है। पिछले चार दिनों में दूसरी रेल दुर्घटना के बाद प्रभु प्रधानमंत्री से मिले और हादसों और अन्य हालात की ‘पूरी नैतिक जिम्मेदारी’ ली। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुझसे इंतजार करने को कहा है।’ प्रभु ने हालांकि साफ तौर पर यह नहीं लिखा है कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन ट्वीट की उनकी भाषा को देखते हुए ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं। ट्वीट में रेल मंत्री ने कहा, ‘मैं दुर्भाग्यपूर्ण हादसों से गहरे सदमे में हूं, जिनमें कई यात्रियों की जान गई और लोग जख्मी हुए हैं। इसने मुझे गहरा सदमा दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जिस नए भारत की कल्पना की है, उसमें निश्चित रूप से रेलवे आधुनिक व सक्षम होनी चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि रेलवे उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।’

दूसरी तरफ कतिथ तौर पर प्रभु के इस्तीफे की पेशकश पर अब टाइम्स नाऊ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है। चैनल ने कहा है कि अगर केंद्रीय मंत्रीमंडल में किसी तरह का फेसबदल होता है तो रेल मंत्रालय नितिन गडकरी को दिया जा सकता है। गौरतलब है कि वर्तमान में नितिन गडकरी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि अगर पीएम मोदी सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर करते हैं तो नए कैबिनेट फेरबदल तक नितिन गडकरी को केंद्रीय रेल मंत्रालय का पदभार दिया जा सकता है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर हादसे के बाद कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में अछल्दा स्टेशन के पास बुधवार तड़के आजमगढ़ से दिल्ली जा रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस डंपर से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 78 लोग घायल हो गए। अपर पुलिस महानिदेश (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि था हादसे में 78 लोग घायल हुए, जिनमें चार की हालत गंभीर बताई गई। इस हादसे के बाद कानपुर शताब्दी सहित 12 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और राजधानी सहित सभी 51 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। दिल्ली-हावड़ा रूट पूरी तरह बाधित हो गया। राजधानी एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस का मार्ग बदला गया है।

 

Read More- Jansatta