प्रभु के सपनों ने भरी उड़ान, दौड़ पड़ी देश की पहली सोलर ट्रेन

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को भारत की पहली सोलर पैनल वाली डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. इस ट्रेन को पूरी तरह से एनवॉयरमेंट फ्रेंडली  बनाया गया है जिससे काफी वित्तीय फायदे होंगे. इस ट्रेन के एक कोच में 89 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. ट्रेन का परिचालन शनिवार से शुरू होगा.

सोलर ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फरुखनगर तक चलेगी. इस ट्रेन में दस कोच हैं जिसमें दो मोटर और आठ पैसेंजर कोच हैं. इस ट्रेन की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपये है. प्रत्येक पैसेंजर कोच बनाने में एक करोड़ की लगात आई है जबकि मोटर कोच के निर्माण में 2.5 करोड़ खर्च हुए हैं. इसके अलावा प्रत्येक सोलर पैनल पर 9 लाख रुपये खर्च हुए हैं.

इस ट्रेन में सफर को आरामदायक बनाने के लिए गद्देदार सीटों का इस्तेमाल किया गया है. प्रत्येक कोच में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा है और सामान रखने के लिए रैक भी बनाए गए है. सोलर ट्रेन के प्रत्येक कोच में 300 वॉट के 16 सोलर पैनल लगाए गए हैं. सोलर पैनल से पैदा हुए बिजली को बैटरी में स्टोर होगा, जिसका इस्तेमाल रात में किया जाएगा. यह ट्रेन चेन्नई के इंटेगरल कोच फैक्टरी में बनाई गई है.

सोलर ट्रेन से प्रति कोच सालाना दो लाख रुपये के डीजल की बचत होगी. साथ ही प्रति वर्ष 9 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम पैदा होगा. कुल मिलाकर सालाना 672 करोड़ रुपये के बचत होगी.

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