फरवरी में ऐसी गुमराह करने वाली जानकारी और झूठी खबरों की बाढ़ आ गई जो सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुई। इस महीने इसकी जिम्मेदारी मुख्यधारा के मीडिया घरानों ने उठाई थी। प्रिंट और टेलीविजन दोनों माध्यमों में प्रमुख समाचार संगठनों ने बुनियादी सत्यापन किए बिना खबरें प्रसारित की जिसका नतीजा कई मुद्दों पर कई प्रकार की गलतियों के रूप में सामने आया। ऑल्ट न्यूज़ ने इन घटनाओं को संकलित किया है।
1. पैरोडी अकाउंट के चक्कर में फंसा आज तक
जब प्रिया प्रकाश वारियर के बारे में सोशल मीडिया पर तूफान अपने शीर्ष पर था तो मौलाना आतिफ कादरी का बयान काफी सर्कुलेट हुआ जिसमें कादरी ने भावनाएं आहत करने के लिए अभिनेत्री के खिलाफ फतवा जारी किया था। इस बयान को आज तक और वरिष्ठ एंकर अंजना ओम कश्यप ने पकड़ लिया और एक शो प्रसारित किया जिसमें उसके शब्दों के लिए कादरी पर हमला बोला गया।
कादरी ने कभी भी ऐसी कोई बात नहीं कही थी। जिस पीठ का हवाला दिया जा रहा था वह किसी पैरोडी अकाउंट टाइम्सहाउ (T-I-I-M-E-S H-O-W) की ओर से था ना कि टाइम्स नाउ की ओर से। शायद यह मामूली तथ्य चैनल की आंखों से पूरी तरह नजरअंदाज हो गया।
2. जी न्यूज़ ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस द्वारा ‘जय श्री राम’ से भाषण शुरू करने की गलत खबर दी
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी अबू धाबी पहुंचे, Zee News ने खबर दी, ‘’जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी यूएई में पहुंचे, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस द्वारा ‘जय श्री राम’ कहने वाला वीडियो वायरल हुआ, देखें। ’’ अन्य मीडिया घरानों ने भी इस खबर की रिपोर्ट दी।
इस वीडियो में दिख रहे व्यक्ति क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान नहीं बल्कि सुल्तान सोउद अल कासमी है जो संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले एक स्तंभकार और अरब मामलों पर अपनी राय व्यक्त करने वाले टिप्पणीकर्ता है। जब तक इस झूठी खबर को रोका जाता तब तक इसने काफी दूर तक अपना सफर तय कर लिया था।
3. मुख्यधारा के मीडिया द्वारा श्रीदेवी की हार्ट अटैक से मौत का समाचार फैलाया गया
टाइम्स ऑफ इंडिया से शुरू करते हुए, प्रमुख समाचार प्रकाशन ने खबर दी कि अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है, जैसा की फॉरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया है। जब हमने इस थ्योरी के स्रोत का पता लगाया तो पता लगा कि यह खबर सबसे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया के एक पत्रकार के ट्वीट से निकली थी।
Forensic report says #Sridevi died of heart attack in #Dubai. A journalist from #Hyderabad Vasudeva Rao who has been working in the Gulf for the last 14 years informed me this. He spoke to the doctors in Dubai. #sridevideath #srideviji
— Sushil Rao (@sushilrTOI) February 26, 2018
इस समाचार की खबर हिंदुस्तान टाइम्स, फर्स्टपोस्ट और नेशनल हेराल्ड ने भी दी थी। जैसा कि बाद में पता चला कि यह खबर झूठी थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में अंतिम रुप से बताया गया था कि अभिनेत्री की मृत्यु डूबने की वजह से हुई। इसमें हार्टअटैक का कोई जिक्र नहीं था। फिर भी बिना सत्यापित किए प्रमुख समाचार संस्थानों ने इसकी रिपोर्ट दी।
4. वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने जेएनयू से गायब छात्र नजीब अहमद के बारे में झूठी खबर फैलाई
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने यह खबर फैलाई कि 2016 में गायब होने वाला जेएनयू छात्र नजीब अहमद आईएसआईएस से जुड़ गया। राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ स्तंभकार स्वपन दासगुप्ता ने भी यह झूठी खबर फैलाई।
यह पता चला कि आईएसआईएस से जुड़ने वाला नजीब जेएनयू का गुमशुदा छात्र नहीं बल्कि 23 वर्षीय नजीब है जो वीआईटी वेल्लोर का छात्र था जो अगस्त 2017 में केरल से गायब हुआ था और उसने अपनी मां को लिखा था कि वह आईएसआईएस से जुड़ गया है। राम माधव और दासगुप्ता ने बाद में झूठी खबर वाला ट्वीट हटा लिया।
5. केरल में भीड़ द्वारा हत्या को सहवाग ने सांप्रदायिक रंग दिया
भूतपूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने केरल में मानसिक रूप से चुनौती प्राप्त एक आदिवासी व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या की घटना के बाद इन शब्दों के साथ एक ट्वीट पोस्ट किया, ‘’ मधु ने किलो चावल चुराया। उबेद, हुसैन और अब्दुल करीम की भीड़ ने गरीब आदिवासी व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला। यह एक सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है और मुझे शर्म महसूस हो रही है कि यह घटना हुई और कुछ फर्क नहीं पड़ता।’’
सहवाग द्वारा ट्वीट करने में कुछ छूट गया था, और वह था अन्य आरोपियों के नाम जिनमें से सभी लोग मुसलमान नहीं थे। घटना को सांप्रदायिक रंग देने की इस कोशिश की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई जिसके बाद सहवाग ने ट्वीट डिलीट कर दिया और माफी मांगी। दिलचस्प बात यह है कि बाद में उन्होंने अपनी माफ़ी भी डिलीट कर दी।
6. आदतन झूठी खबर फैलाने वाले प्रशांत पी उमराव ने राजदीप सरदेसाई के बेटे के बारे में झूठी खबर फैलाई
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा वकील प्रशांत पटेल उमराव के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराने के बाद, उमराव ने सरदेसाई पर आरोप लगाया कि उन्होंने मणिपाल यूनिवर्सिटी में अपने बेटे को मेडिकल सीट दिलाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया।
Dear @sardesairajdeep Is it true that your Son Ishan got admission at MBBS in Kasturba Medical College, Manipal University in 2013 on NRI quota w/o having merit after paying ₹ 1Cr by violating rules?
— Prashant P. Umrao (@ippatel) February 7, 2018
बाद में पता चला कि यह आरोप सरासर झूठा था। राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष ने दस्तावेज प्रस्तुत किए कि उनके बेटे ईशान सरदेसाई ने कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मणिपाल में दाखिला ‘जनरल’ कोटे के तहत मेरिट पर हासिल किया था ना कि ‘एनआरआई’ कोटे पर जैसा कि उमराव ने आरोप लगाया था। इस बात की पुष्टि एक ट्वीट में मणिपाल यूनिवर्सिटी द्वारा भी की गई।
Ishan Sardesai, rank 1050, was admitted to the MBBS course KMC, MANIPAL in 2013 under the General category based on merit. The allegations made about his admission are malicious and totally false. The controversy is uncalled for.
— Manipal Academy of Higher Education (@ManipalUni) February 12, 2018
7. विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र के उपयोग के बारे में खबर साझा की जिसे सऊदी सरकार ने नकार दिया
“रियाद में एयर इंडिया को इजराइली उड़ानों के लिए क्षेत्र उपलब्ध कराने की अनुमति दी।” विदेश मंत्रालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर यह खबर साझा की गई जिसके स्रोत के तौर पर इजराइली दैनिक हआरेत्ज़ का हवाला दिया गया. यह खबर भारतीय मीडिया में भी व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई और इसे ‘इतिहास में पहली बार’, ‘एक कूटनीतिक जीत’ और ‘क्षेत्र में भारत की शानदार कूटनीति की निशानी’ बताया गया।
विदेश मंत्रालय ने इजराइली दैनिक हारेत्ज़ की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसने इसे प्रकाशित करने के चार घंटे के भीतर वापिस ले लिया था। इस स्टोरी की हेडलाइन ‘’ इतिहास में पहली बार सऊदी अरब ने अपने हवाई क्षेत्र के ऊपर से इजराइल जाने वाली उड़ानों की अनुमति दी।’’ को बदलकर यह हेडलाइन दी गई, ‘’सऊदी अरब ने इजराइल जाने वाली उड़ानों द्वारा इसके हवाई क्षेत्र इस्तेमाल की खबरों को नकारा।’’ बाद में विदेश मंत्रालय ने भी अपने फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया।
हालांकि 6 मई 2018 को रायटर ने रिपोर्ट दी कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि सऊदी अरब ने तेल अवीव से आने-जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानों के लिए उसके हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति दी थी।
Israeli PM Benjamin Netanyahu said that Saudi Arabia had granted Air India permission to fly over its territory on its new routes to and from Tel Aviv https://t.co/ECGttmAaJN
— Reuters India (@ReutersIndia) March 6, 2018
8. कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर झूठी खबर के आधार पर पोल संचालित किया गया
क्या आपका मोबाइल फोन नंबर इस साल के आखिर तक 13 नंबर का हो जाएगा? ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी ने यह दावा किया। ट्विटर कॉल पर यह सवाल पूछा गया,“दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने देश के सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए दिशानिर्देश जारी करते हुए निर्देश दिया है कि वे इस वर्ष में आगे 13 अंक के मोबाइल नंबर जारी करने शुरू करें। क्या आप इस फैसले से खुश हैं? #IndiaSpeaks” जबकि इसका जवाब देने के लिए लिए हां और नहीं में विकल्प दिए गए।
The Department of Telecom (DoT) has issued a directive instructing all telecom operators in the country to start issuing 13-digit mobile numbers later this year. Are you happy with this decision? #IndiaSpeaks
— Congress (@INCIndia) February 22, 2018
सच्चाई यह है कि रिटेल मोबाइल नंबर के नंबरिंग सिस्टम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 13 अंकों के नए नंबर सिम आधारित मशीन टू मशीन (एम2एम) संचार के लिए उपलब्ध कराए जाने हैं। यह प्रक्रिया रिटेल मोबाइल फ़ोन नंबरों तक विस्तारित नहीं होगी और वे 10 अंक के नंबर पर काम करना जारी रखेंगे।
9. कमल हसन की पार्टी की वेबसाइट टैक्स छूट प्राप्त केमेन आयरलैंड में पंजीकृत कराई गई
‘’कमल हसन की पार्टी वेबसाइट http://Maiyam.com केमैन आयरलैंड में पंजीकृत कराई गई है। ’’ ”मयम कैमेन आईलैंड लिंक, केमैन आयरलैंड एक टैक्स हैवन है, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले कमल हसन को टैक्स हैवन में उनके डोमेन को पंजीकृत कराने वाले लोग कैसे मिले?’’ इस दावे और कमल हसन की नई पार्टी की वेबसाइट को सामने रखते हुए हरि प्रभाकरन ने यह कहा जो खुद के एआईएडीएमके का सदस्य होने का दावा करते हैं।
Maiyam Cayman Island link, Cayman Island is a Tax Haven, How did Kamal who is fighting Corruption, get people in Tax Haven to register his domain.? #KamalPartyLaunch pic.twitter.com/OezLXL1C7N
— Hari Prabhakaran (@Hariadmk) February 22, 2018
जबकि इस ट्वीट में डोमेन पंजीकरण की बुनियादी बातों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया था। फिर भी सोशल मीडिया पर इसे सैकड़ों बार शेयर किया गया।
10. सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने में माहिर शंखनाद ने नवी मुंबई के पुलिस अधिकारी को बदनाम किया
आदतन झूठ फैलाने वाली और सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने में माहिर शंखनाद वेबसाइट ने ट्वीट किया कि तब किसी ने हल्ला नहीं मचाया जब यूनिफॉर्म में एक पुलिस अधिकारी ने एक इस्लामी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कुरान का खुलेआम प्रचार किया था।
Correction : The name of the person promoting #Quran (above) is Suresh Mengade , DCP Crime in @Navimumpolice .
While commissioner of @MumbaiPolice Mr. Prabhat Ranjan (below, left) was also present in the same event as a chief guest to promote #Islam.https://t.co/5iBvcFzuGD pic.twitter.com/F1oH1EOD0l
— ShankhNaad (@ShankhNaad) February 2, 2018
शंखनाद जो बताने की कोशिश कर रहा था, उसके उलट सलाम सेंटर संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में एकता और भाईचारे और धार्मिक सौहार्द पर जोर दिया था। अन्य लोगों के साथ इसमें हिंदू आध्यात्मिक नेता स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य भी शामिल हुए थे। शंखनाद में सलाम सेंटर को ‘जिहादी’ संस्था बताते हुए बदनाम करने की कोशिश की। जैसा कि बाद में पता चला इस संस्था में सभी तरह के विचार मानने वाले कई राजनेता और मशहूर हस्ती अक्सर जाते रहते हैं।
11. ‘चीनी’ भाषा को पाकिस्तान द्वारा आधिकारिक भाषा घोषित किया गया
19 फरवरी को यह खबर आई कि पाकिस्तान ने अपनी एक आधिकारिक भाषा के तौर पर मैंडरिन की घोषणा की है। यह खबर सबसे पहले पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल अब तक न्यूज़ द्वारा लगाई गई थी। कई भारतीय मीडिया घरानों ने भी इसकी रिपोर्ट दी।
यह खबर झूठी साबित हुई।
पाकिस्तानी सीनेट ने ऐसा कोई प्रस्ताव पास नहीं किया था जिसमें देश की एक आधिकारिक भाषा के रूप में मैंडरिन की घोषणा की गई हो। असल में यह हुआ था कि पाकिस्तानी संसद में पाकिस्तानी छात्रों के लिए चीनी भाषा में कोर्स उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पास किया था ताकि संवाद बढ़ाया जा सके, संवाद में दूरी खत्म की जा सके और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना के अंतर्गत नौकरियां हासिल की जा सके।
12. अंकित सक्सेना की हत्या में साजिश की थ्योरी
अंकित सक्सेना की हत्या उस लड़की के परिवार वालों ने की जिससे वह प्यार करता था। यह घटना फरवरी में दिल्ली में हुई। इसके कुछ समय बाद सोशल मीडिया पर यह बताते हुए एक साजिश की थ्योरी प्रसारित होने लगी कि अंकित सक्सेना की हत्या हिंदूवादी तत्वों का काम है और यही कि उस इलाके में कोई मुसलमान नहीं रहता जहां यह हत्या हुई थी। इस थ्योरी को अमरेश मिश्रा ने बनाया जो उत्तर प्रदेश के एक नेता है और इसकी रिपोर्ट कुछ प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित की गई।
यह पोस्ट झूठ से भरी हुई थी। पोस्ट में जो दावे किए गए थे, उसके उलट तथ्य द हिंदुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में प्रस्तुत किए गए। इस थ्योरी को गलत साबित करते हुए ऑल्ट न्यूज ने एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
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