‘फर्जी रिपोर्टिंग न करे मीडिया- CM yogi

गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में घटी त्रासदी की व्यापक कवरेज और उसकी वजह से उपजे जनाक्रोश के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से कहा है कि वह ‘फर्जी’ खबरें दिखाने से परहेज करे और हकीकत बयान करे। गुरुवार को बीआरडी अस्पताल में 30 बच्चों की मौत होने के बाद हंगामा बरपा हुआ है। ये मौतें कथित तौर पर निजी आपूर्तिकर्ता कंपनी द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति रोके जाने के कारण हुईं। खबरों के मुताबिक कंपनी ने करीब 68 लाख रुपये का भुगतान लंबित होने के कारण आपूर्ति रोकी।

इस बीच प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चिकित्सा कॉलेजों को पत्र लिखकर कहा है कि वे तत्काल ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं का सारा बकाया चुकाएं। प्रदेश की अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने कहा कि गोरखपुर में घटी त्रासदी के बाद सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों और 12 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को लिखित आदेश दिया गया है कि वे अस्पतालों में दवाओं और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। इधर, मुख्यमंत्री ने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार जांच समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार रविवार को भी विपक्षी दलों और मीडिया की आलोचना से कोई ठोस बचाव तैयार नहीं कर पाई। मोदी सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को गोरखपुर भेजा है। उन्होंने जिले में 85 करोड़ रुपये की लागत से क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र की स्थापना की घोषणा की जहां बच्चों की बीमारियों पर शोध किया जाएगा। ये मौतें ऐसे वक्त हुई हैं जब आदित्यनाथ को 18 सितंबर तक लोकसभा सीट खाली करनी है। आदित्यनाथ पांच बार से गोरखपुर के सांसद हैं। सन 1998 के बाद उन्होंने हर चुनाव में जीत हासिल की है। इस बीच 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भी लाल किले के प्राचीर से राष्टï्र को संबोधित करेंगे। ऐसे में विपक्ष आलोचना में कोई कसर उठा नहीं रख रहा। कांग्रेस ने मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी वाली जांच की मांग की है। उसने आरोप लगाया है कि योगी सरकार सच को छिपाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा कि जो सरकार बच्चों को नहीं बचा सकती उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। माकपा ने भी मामले की न्यायिक जांच की मांग की।
रविवाद दोपहर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे मीडिया के लोगों को दो-तीन के समूह में ही गहन चिकित्सा केंद्र और बाल चिकित्सा केंद्र पर जाने दें। मीडिया देख सकता है कि मरीजों को क्या चिकित्सा सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि मीडिया वास्तविक और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग करे, न कि अस्पताल के बाहर बैठकर फर्जी खबरें दिखाए।’
उन्होंने कहा कि बीते दो दशक में गोरखपुर और आसपास के जिलों में जापानी इंसेफलाइटिस से हजारों बच्चों की जान जा चुकी है और वह इसके निदान पर शोध के लिए लड़ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बात हुई है और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव राजीव कुमार के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है जो एक व्यापक रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई उसी आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह तीन बार बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर चुके हैं और राज्य के 38 जिलों में 80 लाख बच्चों को इस बीमारी से बचाव का टीका लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुष्पा प्राइवेट लिमिटेड नामक निजी कंपनी ने कथित तौर पर 68 लाख रुपये के बकाया के मुद्दे पर अस्पताल की ऑक्सीजन आपूर्ति रोक दी थी। कंपनी इससे पहले संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर भुगतान की मांग कर चुकी थी। कॉलेज के प्रधानाध्यापक को पहले ही हटाया जा चुका है। हालांकि उन्होंने दावा किया है कि वह नैतिक जिम्मेदारी लेकर पद त्याग रहे हैं।
 

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