फेसबुक अब ड्रोन के माध्यम से पहुंचाएगा इंटरनेट सर्विस, टेस्ट हुआ सफल

दूर-दराज क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा पहुंचाना आज भी एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इस दिशा में जहां एक ओर गूगल प्रोजेक्ट लून के माध्यम से कोशिश कर रहा है। वहीं फेसबुक ने साल 2015 में ड्रोन एयरक्राफ्ट का सहारा लिया है जिसका नाम कंपनी ने अक्विला दिया है। वहीं अब फेसबुक ने हर गावं व हर गली में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराने के लिए ड्रोन एक्विला का पहली बार सफल टेस्ट किया है और वह सफलतापूर्वक लैंड हो गया है।

फेसबुक ने इससे भी इसका टेस्ट किया था और पहले हुए टेस्ट में ड्रोन क्रैश हो गया था। ड्रोन के टेस्ट का वीडियो फेसबुक के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने वॉल पर शेयर किया है। फेसबुक एक ऐसे ड्रोन पर काम कर रहा है जो सौर ऊर्जा से आसमान में पूरे महीने तक उड़ता रहेगा। इस ड्रोन की मदद से उन क्षेत्रों में भी इंटरनेट आसानी से पहुंचाया जा सकता है, जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है।

 

फेसबुक ने इससे पहले इस ड्रोन का सफल टेस्ट जून 2016 में किया था। पहले टेस्ट में ड्रोन क्रैश होते बचा था। लैंडिंग के समय उसके विंग डैमेज हुए थे। वहीं दूसरा टेस्ट 22 मई को यूमा के एरिजोना में किया गया। टेस्ट के दौरान ड्रोन 1 घंटे 46 मिनट आसमान में रहा और उसके बाद आराम से उसकी लैंडिंग भी हो गई।

फेसबुक ने ड्रोन की शुरूआत के समय साल 2015 में ही एक्विला के बारे में कुछ अन्य जानकारियां भी दी
थी। एक्विला मानव रहित सोलर पावर से चलने वाला एक ड्रोन एयरक्राफ्ट है जो आसमान में रहकर नीचे धरती पर इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा। फेसबुक के इस ड्रोन में बोइंग 737 के डायने लगे हैं लेकिन वजन में यह एक कार से भी हल्का है।

 

फेसबुक का यह ड्रोन एयरक्राफ्ट लेजर और रेडियो तकनीक के माध्यम से इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा। एक बार उड़ान भरने के बाद अक्विला तीन महीने तक आसमान में रह सकता है। एक्विला आसमान में एयरट्रैफिक से ऊपर अर्थात जिस ऊंचाई पर हवाई जहाज उड़ान भरते हैं उससे ऊपर स्थापित होगा जिससे कि एरोप्लेन की उड़ान पर किसी तरह की कोई असर न पड़े।

 

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