बदमाशों के महिमामंडन वाले पोस्टरों से यूं निपट रही पुलिस

बेंगलुरु- शहर की पुलिस बदमाशों के महिमामंडन वाले पोस्टरों से निबटने के लिए नए-नए तरीके आजमा रही है। कभी ऐसे पोस्टरों के बदले दूसरे पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं तो कभी ऐसे पोस्टरों के बदले बदमाशों से काम करवाया जा रहा है। ताजा मामला कुख्यात बदमाश मंजूनाथ के बथडे वाले पोस्टरों से जुड़ा है।

जब कामाक्षीपाल्या पुलिस की नजर एक कुख्यात बदमाश मंजूनाथ को बर्थडे विश करने वाले पोस्टरों पर पड़ी तो तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और कर्नाटक ओपन प्लेस डिसफिगरमेंट ऐक्ट, 1951 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। ये पोस्टर मगाडी मेन रोड के पास पूजा वेडिंग हॉल के पास देखे गए। पुलिस के मुताबिक, बदमाश मंजूनाथ उर्फ थ्यामा ए क्लास हिस्ट्रीशीटर है और लक्ष्मण नगर में रहता है। हालांकि, मंजूनाथ सुधर जाने का दावा करता है लेकिन पुलिस बराबर उसपर नजर रखती है। पोस्टरों के जरिए मंजूनाथ को जन्मदिन की बधाइयां दी जा रही थीं, जिन्हें पुलिस की इजाजत के बगैर चिपकाया गया था। कुछ समय पहले तक मंजूनाथ सक्रिय बदमाश था, वह हत्या की कोशिश और कई अन्य जघन्य अपराधों में शामिल रह चुका है।

इलाके में पोस्टर वॉर पुलिस के लिए नई बात नहीं है। शिवाजीनगर, भारतीनगर, एसआर नगर, मगाडी रोड, कलासीपाल्या और शहर के अन्य इलाकों से पोस्टरों के जरिए बदमाशों को महिमामंडित करने की खबरें आती रहती हैं। पूर्व एसीपी एसके उमेश बदमाशों के महिमामंडन की आशंकाओं पर ब्रेक लगाने के लिए कई आइडियाज लेकर आए हैं। एसीपी उमेश का कहना है, ‘जब मैं कलासीपाल्या पुलिस स्टेशन में तैनात था, बर्थडे पोस्टर्स मेरे लिए सिरदर्द बने हुए थे। शुरुआत में तो हम उन्हें फाड़ देते थे, लेकिन बदमाश उसके और प्रिंट निकालकर अन्य जगहों पर चिपका देते थे। ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए हमने डीटीपी ऑपरेटर्स की मदद लेनी शुरू की और बर्थडे पोस्टरों को डेथ ऐनिवर्सरी के पोस्टरों से बदलवाने का काम शुरू किया। पोस्टरों के दूसरी ओर लैंपों की तस्वीरें प्रिंट करवाई जातीं। इसके बाद बदमाशों ने बर्थडे पोस्टर्स लगवाने बंद कर दिए।’ एसीपी उमेश इन दिनों बेंगलुरु रूरल पुलिस के साथ काम कर रहे हैं।

कामाक्षीपाल्या पुलिस स्टेशन विजयनगर के अंतर्गत आता है, जहां उमेश ने बतौर एसीपी काम किया है। वहां उन्होंने जुर्म की दुनिया से तौबा करने के लिए हिस्ट्रीशीटर बदमाशों से सार्वजनिक जगहों की सफाई कराने का काम कराने का आइडिया दिया। मामले की जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘मंजूनाथ के पोस्टर देखे जाने के बाद उसे थाने बुलाया गया और पोस्टर लगाकर आम जनता को प्रभावित न करने की चेतावनी दी गई। पोस्टरों को तुरंत निकलवा दिया गया था।’ अधिकारी ने आगे बताया, ‘विजयनगर के बदमाशों को तलब कर बराबर उनसे सुमनहल्ली ब्रिज के पास के शहर के सबसे बड़े नाले के किनारे उगा जंगली घांस-पूस साफ करवाया जाता है। पेट्रोलिंग के लिए पुलिसवालों को तैनात किया गया है, जो यह जानकारी देते हैं कि बदमाश नियमित रूप से यह काम कर रहे हैं कि नहीं।’

 

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