बिहार बाढ़ की ग्राउंड रिपोर्ट: 72 मौतें, 73 लाख लोग पानी में घिरे, रेस्क्यू में जुटी NDRF

उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. खासकर बिहार में बाढ़ की तबाही विकराल रूप लेती जा रही है. नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से मोतिहारी के सिकराना नदी में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. आस-पास के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बिहार में बाढ़ से 14 जिले प्रभावित हैं. अब तक 72 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 73.44 लाख आबादी प्रभावित है.

 

बिहार में अब तक 72 लोगों की मौत

आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि बिहार में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 14 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल और मधेपुरा में से सबसे अधिक 20 लोग अररिया में, सीतामढ़ी में 11, पश्चिमी चंपारण में 9, किशनगंज में 8, मधुबनी और पूर्णिया में 5—5, मधेपुरा और दरभंगा में 4—4, पूर्वी चंपारण में 3, शिवहर 2 और सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

73.44 लाख आबादी प्रभावित

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण इन 14 जिलों के 110 प्रखंड और 1,151 पंचायत क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. कुल 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है.

राहत कार्यक्रम जारी

राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य किया जा रहा है. अब तक 2.74 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. 504 राहत शिविरों में 1.16 लाख व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.

राहत एवं बचाव कार्यों पर मुख्यमंत्री की नजर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बाढ़ प्रभावित बेतिया एवं वाल्मीकिनगर का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर सके. वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी रख रहे है. साथ ही इसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक निर्देश देते रहे.

 

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