ब्रजेश सिंह – कुछ अनसुनी कहानिया देखिये हमारे साथ ,माफिया से माननीय बनाने तक का पूरा सफर

मुख्तार और ब्रजेश की दुश्मनी की कहानी- शुरुआत दोस्ती से हुई थी 1990 में गाजीपुर जिले के तमाम सरकारी ठेकों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. अपने काम को बनाए रखने के लिए बाहुबली मुख्तार अंसारी का इस गिरोह से सामना हुआ. मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी ब्रजेश का दोस्त हुआ करता था बनारस के पिंडरा से विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या 1991 में हो गई थी ये लोग ब्रजेश के नजदीकी थे. इसी के बाद ब्रजेश से मुख्तार की तल्खी बढ़ गई.

ब्रजेश के नजदीकी त्रिभुवन और मुख्तार शुरू से ही एक-दूसरे के जानी दुश्मन थे बस यहीं से शुरू हो गई मुख्तार और ब्रजेश की गैंगवार 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए मुख्तार का दबदबा पुलिस और राजनीति में भी था. पुलिस ब्रजेश को परेशान करने लगी अजय खलनायक पर भी हमला हुआ बड़े-बड़े प्लान बनने लगे कि मुख्तार को ही मार दिया जाए जुलाई 2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी अपने काफिले के साथ जा रहा था हमले की दूसरी कार रेलवे फाटक के पार थी. तभी ट्रक का दरवाजा खुला. दो लड़के हाथ में बड़ी-बड़ी बंदूकें लिए खड़े थे. मुख्तार किसी तरह गाड़ी से निकलकर गोलियां चलाते हुए खेतों की तरफ भागा. बताया जाता है कि उसने दो हमलावरों को मार भी गिराया इस हमले में मुख्तार के तीन लोग मारे गए.

 

ब्रजेश सिंह इस हमले में घायल हो गया था. . इसके बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में अकेला गैंग लीडर बनकर उभरा. फिर इस लड़ाई में मारे गए विधायक कृष्णानंद रायः ब्रजेश को भी राजनीतिक मदद चाहिए थी. कहते हैं कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय ने ये मदद दी 2005 में गाजीपुर-बक्सर के बॉर्डर पर विधायक कृष्णानंद राय को उनके 6 अन्य साथियों के साथ सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी हमलावरों ने छह एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं. मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गईं एक महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय 2006 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाया गया उसने कृष्णानंद राय के काफिले पर हमला करने वालों में से अंसारी और बजरंगी के निशानेबाजों अंगद राय और गोरा राय को पहचान लिया था कहा गया कि ब्रजेश सिंह ने अंसारी को मारने के लिए लंबू शर्मा को 6 करोड़ रुपए की सुपारी दी थी 2016 में बृजेश ने बीजेपी के अपरोक्ष समर्थन के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 3038 वोट पाकर जीत हासिल की बृजेश ने भारतीय समाज पार्टी से 2012 में विधान सभा चुनाव लड़ा लेकिन चंदौली की सैयदराजा विधानसभा सीट पर मिली हार …..