भाई है देश के सबसे बड़े सूबे का सीएम, बहन मंदिर के सामने फूल बेचकर करती है गुजारा

आज जहां एक मामूली सा नेता भी विधायक बनने के बाद अपनी साल पुस्तों का जुगाड़ कर लेता है। विधायक, मंत्री बनते ही अपने पूरे खानदान की किस्मत बदल देता है। अपने पूरे परिवार को मालामाल कर देता है। वहीं ऐसे भी नेता हैं जिनकी बहन फूल बेचकर अपना परिवार चला रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की, जिनकी बहन आज भी मंदिर के बाहर फूल बेचकर अपना गुजारा करती है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की बहन उत्तराखंड में एक मंदिर के बाहर फूल बेचकर गुजारा करती है। ऐसा नहीं है की वो परिवार से अलग हो गई हैं या फिर उन्होंने परिवार से रिश्ता तोड़ लिया है। वो शादी के बाद 1995 से ही लगातार यही काम कर रही हैं। योगी की तीन बहनों में सबसे छोटी शशी उत्तराखंड के पौड़ी गड़वाल जिले में रहती हैं और ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर के बाहर फूल बेचती हैं। इस काम में उनका साथ उनके पति भी देते हैं।

नीलकंठ मंदिर से 5 किलोमीटर आगे पार्वती मंदिर के पास एक फूल माले कि दुकान पर भक्तों को फूल बेचती शशी को देख किसी को अंदाजा नहीं होगा कि वो यूपी के सीएम की बहन हैं। शशि अपने पति पूरण के साथ नीलकंठ मंदिर के पास पार्वती धाम में फूल प्रसाद माला की दुकान चलाती है और एक झोंपड़ी में अपने परिवाय के साथ जीवन यापन कर रही है।

आपको बता दें कि साल 1992 में शशी की शादी पूरन से हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद योगी ने संयास ले लिया था और घर छोड़कर चले गए थे। शशी बताती है कि संयास लेने के बाद उनके गांव में अगर कोई भी साधू भिक्छा मांगने आता था तो वो उनमें अपने भाई को खोजती थी। ये सिलसिला तबतक जारी रहा जबतक वो सांसद नहीं बन गए।शशी बताती हैं कि अक्सर देशभर से आने वाले भक्त उनसे पूछते हैं कि क्या वो सीएम योगी की बहन हैं। वो किसी को नहीं बतातीं हैं कि वो सीएम की बहन। बचपर की यादों को साक्षा करते हुए शशी कहती हैं कि जब वो योगी को राखी बांधती थी तो बचपन में वो कहते थे कि जब बड़ा होकर पैसे कमाउंगा तो ढेर सारे तोहफे लाकर दूंगा। लेकिन फिर अचानक से उन्होंने संयास ले लिय़ा और उसके बाद परिवार से मिलना ना के बराबर ही हुआ।

 

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