भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने ओला टैक्सी बुकिंग में गम्भीर सुरक्षा चूक का मुद्दे पर अपनी पेनी कलम चलायी.

(फोर्थ इंडिया न्यूज़ में अथिति पत्रकार के रूप में वरिष्ठ पत्रकार -श्याम सिंह पंवार की कलम से,कानपुर,उप्र ,भारत।)

मानकों को ताक पर रखकर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ कर रही ओला कैब कम्पनी

-बिना बीमा, बिना फिटनेश, बिना टैक्स जमा किये गाड़ियों पर की जा रही बुकिंग

-देशहित में अन्य कैब कम्पनियों की भी जाँच करने की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश,24 अप्रैल 2023 , कानपुर। कानपुर महानगर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था की कमान जब से पुलिस उपायुक्त यातायात आई0 पी0 एस0 रवीना त्यागी ने संभाली है, तब से उनके द्वारा अनेक प्रयास किये गये हैं और अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। परिणामतः शहर की सड़कों पर चलने वाले वाहन सवारों को पहले की अपेक्षा बहुत राहत मिली है और शहर की सड़कों पर गुजरने वाले लोगों को काफी हद तक सुरक्षा का अहसाह हो रहा है। किन्तु शहरवासियों की ही नहीं अपितु कानपुर महानगर में आने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षित यात्रा और उनकी सुरक्षा को लेकर किये जा रहे प्रयासों को देश की एक कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) कमीशन के लालच में जमकर पलीता लगा रही है। ऐसे नजारे सामने आ चुके हैं जिनसे स्पष्ट है कि कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) के द्वारा बुकिंग कर यात्रा करना सुरक्षित कतई नहीं माना जा सकता है और अपने कमीशन के लालच में यह कम्पनी लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है, इतना ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिये एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है!

बताते चलें कि ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी( www.olacabs.com)से हुण्डई कम्पनी की एक कार नम्बर यू0पी0 78 एफ0 एन0 5980 सम्बद्ध है। कैब कम्पनी के अभिलेखों में इस गाड़ी को चलाने हेतु विजय कुमार नामक व्यक्ति अधिकृत है। दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई महीनों से उपरोक्त कार, जी0-1 टी/17, अर्मापुर स्टेट कानपुर नगर के पते पर खड़ी है। इस गाड़ी का फिटनेश 16 जनवरी 2021 तक, टैक्स 31 दिसम्बर 2019 तक व इन्श्योरेन्स 15 जनवरी 2020 तक वैध है और उपरोक्त गाड़ी के नाम पर ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी, लोगों को बुकिंग दे कर कमीशन के लालच में उनकी जानमाल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में आशंका है कि ऐसा ही अनेक मामलों में और भी हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि देश की अन्य कैब कम्पनियों में भी क्या ऐसा नहीं हो रहा होगा और लोगों की जानमाल की सुरक्षा के साथ अन्य कम्पनियों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा होगा ?

लोगों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए और लोगों के साथ घटित हो सकने वाली वाली किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए एवं ओला कैब कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर उप्र अंकुर त्रिपाठी व विधिक सलाहकार एडवोकेट संजय जायसवाल की मौजूदगी में थाना गुजैनी परिसर में जब ओला कैब कम्पनी के द्वारा निर्धारित किये गये सुरक्षा मानकों जैसे-कम्पनी से सम्बद्ध होने वाली गाड़ी का मेकअप, गाड़ी में लिखा जाने वाला विवरण (मालिक का नाम, ड्राईवर का नाम, हेल्पलाइन नम्बर आदि) ड्राईवर की ड्रेस, गाड़ी में लगने वाला सुरक्षात्मक बटन, प्रथम दृष्टया चिकित्सकीय बॉक्स, आग लगने केे दौरान बचाव हेतु रखा जाने वाला सिलेण्डर, उपभोक्ता द्वारा ओटीपी बताने के बाद वेरीफाई करने वाला ध्वनि सूचक यन्त्र, बुकिंग के अनुसार यात्रा का नियत किये गये मानचित्र पर ही यात्रा करवाना, गाड़ी की फिटनेश, टैक्स, इन्श्योरेन्स, चालक का चरित्र सत्यापन आदि जरूरी तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो अंकुर त्रिपाठी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिगत सभी जरूरी मानक होने ही चाहिये, इसके अलावा समय-समय पर उनका भौतिक परीक्षण/सत्यापन भी ओला कैब कम्पनी की टीम द्वारा होना चाहिये।

तत्पश्चात ओला कैब एप के माध्यम से शुक्रवार को कई लोगों के मोबाइलों ओला एप के माध्यम से बुकिंग कर कई गाड़ियाँ, गुजैनी थाना के निकट कारगिल पेट्रोल पम्प की लोकेशन पर भौतिक परीक्षण/सत्यापन हेतु बुलवाईं और सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गाड़ियों का भौतिक परीक्षण/सत्यापन श्री त्रिपाठी से करवाया तो पाया गया कि गाड़ियाँ सुरक्षा की दृष्टि के कतई फिट नहीं थीं, एक बुकिंग में जो चालक गाड़ी को लेकर आया था, वह अभिलेख पर दर्ज नहीं था, बल्कि उसके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति चालक बना था।

ऐसे में इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि ओला कैब कम्पनी से सम्बद्ध गाड़ियों की फिटनेश, बीमा, टैक्स, रजिस्ट्रेशन, डाईवर के चरित्र, ड्राईवर की वर्दी, सुरक्षा हेतु नियत मानकों की जाँच सहित अन्य बिन्दुओं पर ओला कैब कम्पनी कतई ध्यान नहीं दे रही है और अपने कमीशन के लालच में भोली भाली जनता की ही नहीं अपितु हर आम-औ-खास हर व्यक्ति की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है।

रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी की मानें तो ओला कैब कम्पनी देश के लोगों की सुरक्षा के साथ ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ भारी खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने स्वयं देखा कि कैब कम्पनी में अटैच अनेेक गाड़ियां जो चलन में नहीं उनके एप दूसरी गाड़ियों में धड़ल्ले से प्रयोग किये जा रहे हैं और जो गाड़ियां चलने लायक ही नहीं हैं उनके द्वारा बुकिंग धड़ल्ले से की जा रही है।

ओला कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि ओला की गाड़ियों में यात्रा करना लोगों के लिये सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह तक लिख कर दिया है कि ओला कैब की गाड़ी से कोई भी अपराध हो सकता है, आतंकवादी हमला हो सकता है।

ऐसे में क्या कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस उपायुक्त यातायात रवीना त्यागी (आई0 पी0 एस0) व सभी राज्य सरकारों सहित भारत सरकार को इस बारे में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है, क्यों यह सिर्फ कानपुर महानगर के लोगों की ही नहीं बल्कि देश के सभी लोगों की जानमाल की सुरक्षा से जुड़ा गम्भीर विषय है ? ऐसे में जिम्मेदारों को चाहिये कि सिर्फ ओला कैब कम्पनी ही नहीं बल्कि सभी कैब कम्पनियों की जाँच गहनता से करवायें जिससे कि देश के लोगों की जानमाल की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को सबक मिल सके।
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ओला (OLA) कैब कम्पनी से सम्बन्धित आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारी:-
ओला (OLA) कैब कम्पनी में यात्रा करने वाले लोग कतई सुरक्षित नहीं हैं, यह हम नहीं बल्कि ओला के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी व विधिक सलाहकार ने लिखितरूप से स्वीकारा है। बताते चलें कि आज कानपुर पुलिस कमिश्नरेट, गुजैनी थाना क्षेत्र केे कारगिल पेट्रोल पम्प पर ओला (OLA) के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी व विधिक सलाहकार की मौजूदगी में भौतिक परीक्षण किया गया।
श्री त्रिपाठी व विधिक सलाहकार की मौजूदगी में ओला (OLA) की गाड़ियों की बुकिंग कराई गई और जब गाड़ियां मौके पर आयीं तो सुरक्षा से सम्बन्धित मानकों में गाड़ियां फेल मिलीं। सुरक्षा से सम्बन्धित उपकरण किसी भी गाड़ी में नहीं मिले। यह तक देखने को मिला कि गाड़ी के नाम पर आवंटित ड्राईवर के स्थान पर दूसरा व्यक्ति गाड़ी चलाता मिला।
गौर तलब हो कि ओला से जुड़ी गाड़ी की फिटनेश, बीमा, रजिस्ट्रेशन, डाईवर के चरित्र की जाँच सहित अन्य कागजातों पर ओला कैब कम्पनी कतई ध्यान नहीं दे रही है और अपने कमीशन के लालच में भोली भाली जनता की ही नहीं अपितु हर आम-औ-खास व्यक्ति की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रही है।
रीजनल सेल्स मैनेजर की मानें तो ओला (OLA) कैब कम्पनी देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ भारी खिलवाड़ कर रही है। OLA कैब कम्पनी में अटैच अनेेक गाड़ियां जो चलन में नहीं उनके एप दूसरी गाड़ियों में धड़ल्ले से प्रयोग किये जा रहे हैं और उनके द्वारा बुकिंग की जा रही है। बताते चलें कि एक गाड़ी जो वर्षों से अर्मापुर थाना क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षति विक्षत हालत में खड़ी है। उसके नाम की फिटनेश, बीमा, टैक्स जमा करने की अवधि वर्षों पहले समाप्त हो चुकी है, उसके नाम पर भी ओला कैब कम्पनी धड़ल्ले से बुकिंग कर रही है और कैब में सफर करने वाले यात्रियों से खिलवाड़ कर रही है।
थाना परिसर में बिना किसी दबाव में और विधिक सलाहकार की मौजूदगी में ओला (OLA) कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि ओला की गाड़ियों में यात्रा करना सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह तक लिख दिया कि आतंकवादी हमलों में ओला की गाड़ी आसानी से प्रयोग की जा सकती है।
उपरोक्त जानकारी मैने पुलिस के उच्चाधिकारियों तक प्रेषित कर दी है। अब देखना यह है कि पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी क्या ओला कैब कम्पनी के विरुद्ध कार्यवाही करने का साहस जुटा पायेेंगे या अदृश्य ऊपरी अर्थात आकाशीय चमत्कार की चमक में आँख बन्द कर लेंगे….?

गुजेनी थाने के दरोगा भूप सिंह ने जब बात नहीं सुनी तब डी सी पी को तहरीर दी गयी ,उन्होंने जांच ए सी पी नौबस्ता थाना को सौपी है।