भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नजरें इतिहास रचने पर

लंदन। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नजरें कल यहां इंग्लैंड के खिलाफ महिला विश्व कप फाइनल जीतकर अपने परिकथा जैसे अभियान का बेहतरीन अंत करने पर टिकी होंगी। मिताली राज की अगुआई वाली भारतीय टीम ने अब तक स्वप्निल प्रदर्शन किया है और टीम ने सेमीफाइनल में छह बार के चैंपियन आस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर सबको अपनी क्षमता दिखा दी है।

टीम अब चाहेगी कि उसे टूर्नामेंट में अपनी कड़ी मेहनत का सुखद फल मिले। महिला विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2005 में रहा जब टीम फाइनल में पहुंची लेकिन आस्ट्रेलिया से हार गई। अब कल होने वाला मैच ऐसा लम्हा साबित हो सकता है जो महिला क्रिकेट को लेकर भारत में सभी समीकरण बदल दे।

भारतीय पुरष टीम ने भी 1983 में लॉर्डस में ही वेस्टइंडीज की अजय मानी जाने वाली टीम को हराकर अपना पहला विश्व कप जीता था और इसके बाद धीरे धीरे दुनिया में क्रिकेट और इस खेल की वित्तीय ताकत बना।

कल के मैच में जीत महिला क्रिकेट में भी इस तरह का बदलाव लाने की क्षमता रखती है। भारतीय टीम ने दूसरी बार खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है। मिताली और झूलन गोस्वामी 2005 में उप विजेता टीम का हिस्सा थे और कल संभवत उनके पास विश्व चैंपियन बनने का अंतिम मौका होगा।

 

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