भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन किया,

नयी दिल्ली,10 अगस्त 2022,भारत निर्वाचन आयोग ने आज भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली में चुनाव संपन्‍न हो चुके और चुनाव होने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ एक सम्मेलन का आयोजन किया। अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों के अनुभवों और सीखों को साझा करने के साथ-साथ चुनाव की योजना बनाने, व्यय की निगरानी, मतदाता सूची, आईटी एप्‍लीकेशंस, डेटा प्रबंधन, ईवीएम/वीवीपीएटी, स्वीप रणनीति, मीडिया और संचार पर विषयगत चर्चा के लिए किया गया है।

अपने संबोधन के दौरान सीईसी राजीव कुमार ने चुनाव संपन्‍न हो चुके राज्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा कठिन हालात में सफलतापूर्वक चुनाव कराने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रियाओं की प्रामाणिकता से समझौता किए बिना ही राज्यों द्वारा की गई विभिन्‍न पहलों और नवाचारों को ईमानदारी से दोहराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन में आईटी के उपयोग के लिए सीईओ द्वारा की गई व्यक्तिगत पहलों और नवाचारों का व्यापक विश्लेषण मानकीकृत और ईसीआई के आईटी सिस्टम/ऐप में एकीकृत हो चुकी कार्यान्वयन योग्य विशेषताओं के साथ किए जाने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के प्रयासों के दोहराव से बचा जा सके। राजीव कुमार ने इष्टतम उपयोग के लिए चुनाव सामग्री के वैज्ञानिक प्रबंधन के साथ-साथ राज्यों और ईसीआई द्वारा विकसित सभी आउटरीच सामग्री तक आसान पहुंच के लिए एक डिजिटल पोर्टल की आवश्यकता का भी उल्लेख किया। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल की टीम के प्रतिनिधियों को भी समन्वय बैठकों के लिए बुलाया जाए। बदलते कनेक्टिविटी और तकनीकी परिदृश्य को ध्‍यान में रखते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मतदान केंद्रों को जियो-टैग करने की आवश्यकता है और जिला प्रशासन द्वारा रूट चार्टों को संशोधित करने की जरूरत है।

मतदाता संपर्क अभियानों पर चर्चा के दौरान सीईसी ने विशेष बल देते हुए कहा कि कम मतदाता वाले मतदान केंद्रों और केंद्रित लक्षित कदमों के विश्लेषण पर विशेष जोर देने के साथ स्वीप रणनीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की जरूरत है। उन्होंने सीईओ से प्रणालीगत सुधार और मतदाता सुविधा तुरंत सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई को नियमित रूप से आवश्‍यक जानकारियां प्रदान करने का आग्रह किया।

चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने चुनाव संपन्‍न हो चुके राज्यों में लागू किए गए उन विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार-मंथन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिनका अन्य राज्यों में अनुकरण किया जा सकता है। उन्होंने विगत चुनावों में कुछ राज्यों द्वारा लागू की गई कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं का उल्‍लेख किया जैसे कि तमिलनाडु द्वारा रोड मैप का एकीकरण, गोवा द्वारा चैटबॉट, असम का लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, उत्तराखंड में दिव्यांगजनों के लिए विशेष पहल, डाक विभाग के सहयोग से जागरूकता के लिए मेघदूत पोस्टकार्ड, पश्चिम बंगाल में दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप ‘अनुभव’। पांडेय ने जोर देकर कहा कि सीईओ टीमों को यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना चाहिए कि चुनाव प्रक्रियाओं की प्रामाणिकता बनी रहे और किसी भी नियम उल्लंघन के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर आयोग ने ए-वेब इंडिया जर्नल ऑफ इलेक्शन का नवीनतम संस्करण भी जारी किया। . यह एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन है जिसमें समस्‍त ए-वेब समुदाय के शोध लेख, पेपर और योगदान शामिल हैं। ‘ए-वेब’ विश्व चुनाव प्रबंधन निकायों का सबसे बड़ा संगठन है।

चुनाव संपन्‍न हो चुके राज्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अपने अनुभवों, सीखों और उनके द्वारा अपनाई गई अभिनव प्रथाओं या तौर-तरीकों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। सम्मेलन के दौरान आयोग के वरिष्ठ डीईसी, डीईसी, डीजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

@ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

 

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