मकर संक्रांति एक प्रमुख त्यौहार

उत्तर प्रदेश,लखनऊ ,15 जनवरी 2023, भारत देश में मकर संक्रांति एक प्रमुख त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, जिसे हर वर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता है | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जाता है। संक्रांति त्यौहार को देश के अलग-अलग राज्यों, शहरों और गांवों में वहां की रीतियों और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है | जैसे कि असम में इस बिहू, उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से, तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी और आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे सिर्फ संक्रांति के नाम से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति में ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है। सूर्य की स्थिति में साल में दो बार परिवर्तन होता है और यही परिवर्तन उत्तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है। कालगणना के अनुसार जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तब तक के समय को उत्तरायण कहते हैं।
अर्थात देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि सूरज थोड़ी उत्तर दिशा की तरफ से उदित हो रहे हों और दिन बड़ा होने लगता है। उत्तरायण का आरंभ 14 जनवरी को होता है। यह दशा 21 जून तक रहती है तत्पश्चात जब सूर्य कर्क राशि से सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में विचरण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं । इसमें सूर्य की स्थिति यानी सूर्योदय के समय सूर्य थोड़ा दक्षिण की तरफ प्रतीत होते है. इस तरह दक्षिणायन में दिन की छोटा होता है और रातें बड़ी जैसा कि शरद ऋतु में होता है। दक्षिणायन में रात लंबी और दिन छोटे होते हैं, दक्षिणायन में सूर्य दक्षिण की ओर झुक जाता है।

@ अरुण सिंह चंदेल,(वरिष्ठ पत्रकार)

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