मीडिया की पोल खोल -इंडिया टुडे, आज तक ने पाकिस्तानी मोर्टार फायर का 2 साल पुराना विडियो पेश किया

पाक का खुलासा’. ‘पाक सेना ने मोर्टार फायर किया’. ‘पाक सेना आम नागरिकों को निशाने पे ले रही’. ‘यहाँ सबूत है’। इंडिया टुडे ने इन शीर्षकों का इस्तेमाल करते हुए 22 जनवरी की शाम को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय नागरिकों को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी मोर्टार फायर द्वारा लक्षित किया गया था।

आज तक ने भी यह खबर बताने के लिए इस विडियो के कुछ हिस्से का इस्तेमाल किया है:

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गौरव सावंत, इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक और प्राइम टाइम प्रोग्राम ‘इंडिया फर्स्ट’ के एंकर, जो कि राष्ट्रीयवादी विषयों पर प्रसारित होता है, यह खबर दे रहे थे। संवाददाता से बात करते हुए, सावंत को यह कहते सुना जा सकता है, “अश्विनी (रिपोर्टर) मैं आपसे पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा पार में हो रहे विनाश को समझना चाहता हूं। साथ ही, एक गांव में पाकिस्तानी मोर्टार का उपयोग करने वाली तस्वीरें और फिर भी पाकिस्तान शिकायत करता है कि भारत के जबाबी फायर में उसके नागरिकों की हत्या कर दी जाती है? “

सावंत के बोलने के दौरान ही पाकिस्तानी सेना की मोर्टार फायरिंग की आवाज आती है। इस विडियो के सन्दर्भ में कि यह कहाँ की है स्क्रीन के शीर्ष पे बाएं कोने में देखा जा सकता है कि यह कोटली पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan-occupied Kashmir) (PoK) की है। संवाददाता को यह कहते सुना जा सकता है “आप पाकिस्तानी सेना को देख सकते हैं; वे नागरिकों का उपयोग कैसे कर रहे हैं और वे हमारे नागरिक क्षेत्रों को लक्षित कर रहे हैं।” (अनुवाद)

ऑल्ट न्यूज़ को नीलेश पुरोहित ने सूचित किया और बताया कि इंडिया टुडे द्वारा दिखाया गया यह विडियो (नीचे पोस्ट किया गया है) नया नहीं है और यह Youtube पे लगभग 2 साल से उपलब्ध है। यह वीडियो पाकिस्तानी सेना की फायरिंग मोर्टारों को उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा ‘जर्ब-ए-अज्ब’ नामक सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में दिखाता है।

जैसा कि नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है इंडिया टुडे ने यह ट्वीट 23 जनवरी, 2018 को किया है, वहीँ दूसरी ओर एक भ्रामक करने वाले शीर्षक के साथ यह विडियो 29 फरवरी, 2016 को Youtube पर अपलोड किया गया था और इसे 200,000 बार देखा गया है। यहां तक ​​कि अगर यह वीडियो इंडिया टुडे द्वारा प्रतिनिधि उद्देश्य के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था, तो भी यह दृश्य स्क्रीन पर ‘संग्रह’ या ‘फ़ाइल’ का उल्लेख करके कहा गया होगा। हालांकि, इंडिया टुडे ने इस वीडियो को ‘बॉर्डर ग्राउंड रिपोर्ट’ के रूप में इस्तेमाल किया है।

सावंत के ‘राष्ट्रवादी’ उत्साह ने उन्हें पहले भी गलत साबित किया था। मई 2017 में, उन्होंने पाकिस्तान द्वारा सीमा पार की फायरिंग के बाद भारतीय सेना के प्रतिशोध के बारे में ट्वीट किया। यह जानकारी झूठी साबित हुई थी।

टेलिविज़न न्यूज़ चैनलों ने बिना किसी सत्यापन के सीमा पार के खबरों की गलत सूचना या भ्रामक जानकारी दी है। इस खबर की रिपोर्ट राष्टवादी लहजे में की गयी है लेकिन पाकिस्तानी सेना की मोर्टार फायरिंग दिखाने के लिए एक पुराने वीडियो का इस्तेमाल किया गया। इस बात से कोई इनकार नहीं कर रहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय नागरिक जगहों पर सीमा पार से गोलीबारी का सहारा लिया है। ‘बॉर्डर ग्राउंड रिपोर्ट’ के रूप में एक पुराने और व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो को गुमराह करने के उद्देश्य से पेश किया गया इससे भारतीय मीडिया पर पाकिस्तान को हंसने का एक और मौका मिल गया।

 

source- altnews