मॉनसून के कमजोर पड़ने से बढ़ी वर्षा की कमी

हाल के सप्ताहों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून कमजोर पड़ा है और इससे इस सीजन के दौरान देश में कुल वर्षा में कमी की मात्रा बढ़कर 6 पर्सेंट हो गई है। हालांकि, मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि मॉनसून सीजन के अंत में वर्षा में तेजी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

IMD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कुल वर्षा वास्तव में सामान्य से कम रहेगी या नहीं, यह जानने के लिए हमें इस महीने के अंत तक इंतजार करना होगा। सितंबर के दूसरे पखवाड़े में मॉनसून के जोर पकड़ने के संकेत हैं।’

कुछ स्थानों पर कम वर्षा और कई राज्यों में बाढ़ और कुछ जगहों पर सूखे के कारण कृषि पर भी असर पड़ा है। एनालिस्ट्स का कहना है कि पिछले वर्ष के रिकॉर्ड उत्पादन की तुलना में इस सीजन में फसल 5 पर्सेंट कम रह सकती है।

हालांकि, ट्रेडर्स और सरकारी अधिकारियों का मानना है कि सप्लाई को बरकरार रखने के लिए मौजूदा स्टॉक पर्याप्त है और खरीफ की मुख्य फसल धान का उत्पादन पिछले वर्ष के समान रहने की उम्मीद है।

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि मॉनसून के अभी समाप्त होने के कोई संकेत नहीं हैं।

आने वाले सप्ताह में देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रहने का अनुमान है। हालांकि, पूर्वोत्तर और पश्चिम के कुछ क्षेत्रों में अच्छी बारिश हो सकती है।

सीजन के पहले हिस्से में मॉनसून के जोर पकड़ने के बाद से बारिश सामान्य से कम रही है। अगस्त में बारिश सामान्य से 12 पर्सेंट कम रही। इससे पिछले दो महीनों में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी।

पिछले चार-पांच वर्षों में मॉनसून सीजन के समाप्त होने में एक से दो सप्ताह की देरी हुई है। मॉनसून की वापसी की सामान्य तिथि 1 सितंबर है।

IMD के इस सीजन की बारिश के डेटा से पता चलता है कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में रविवार तक बारिश सामान्य से कम थी। शॉर्ट-रेंज फोरकास्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सप्ताहों से कम वर्षा वाले मध्य भारत में आने वाले कुछ दिनों में वर्षा जोर पकड़ेगी।

दक्षिण प्रायद्वीप क्षेत्र और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी इस सप्ताह के अंत तक अधिक वर्षा होने की संभावना है।

मॉनसून सीजन के दूसरे हिस्से के लिए IMD ने अगस्त में अपने पूर्वानुमान में कहा था कि अगस्त और सितंबर के बीच लॉन्ग-पीरियड एवरेज (LPA) के 100 पर्सेंट पर सामान्य वर्षा होने की संभावना है।

 

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