यूपी में हुई कर्जमाफी की शुरुआत, 27.50 लाख क‌िसानों को म‌िलेगा इसका लाभ

यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही कर्जमाफी का इंतजार कर रहे किसानों का सपना अब साकार होने जा रहा है। योगी सरकार लघु-सीमांत किसानों के लिए ‘फसल ऋण मोचन योजना’ की शुरुआत बृहस्पतिवार को राजधानी लखनऊ से शुरू की गई।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ स‌िंह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्मृत‌ि उपवन में किया। राजनाथ स‌िंह ने कहा, लोग कहते थे क‌ि चुनाव में कर्जमाफी का वादा कर द‌िया गया लेक‌िन पूरा नहीं हुआ। हमने अपनी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं आने द‌िया। राजनाथ ने कहा क‌ि 100 द‌िन के अंदर कर्जमाफ करना बड़ी बात है।

उन्होंने योगी सरकार की तारीफ भी की और कहा क‌ि इस कदम से क‌िसानों को राहत म‌िलेगी। उन्होंने कहा क‌ि जनता का व‌िश्वास नेताओं से कम हो रहा है। बहुत सी फसल बीमा योजनाएं शुरू हुईं है लेकिन कभी इतने किसानों ने बीमा नहीं करवाया जितना नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के आने के बाद शुरू हुआ।

आज 7500 किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इन किसानों का करीब 45 करोड़ रुपये का कर्ज माफ होगा।

योजना का लाभ पाने के लायक अभी तक 27.50 लाख किसान चिह्नित किए गए हैं। कृषि मंत्री ने ऋण मोचन योजना में शामिल होने के लिए पात्रता के दायरे में आने वाले किसानों से अपील की है कि वह जल्द से जल्द अपना आधार कार्ड लिंक करा लें, ताकि वेरिफिकेशन में उनको शामिल किया जा सके।

24 लाख क‌िसानों को म‌िलेगा आवास

2022 किसानों की आय दोगुनी होगी। फसल ऋण मोचन योजना के पहले चरण की शुरुआत। पिछली सरकारों में यूपी का किसान कर्ज में दबा था। सरकार आप पर उपकार नहीं कर रही किसानों के खातों में सीधा रुपया ट्रांसफर होगा।
मोदी सरकार ने खाद बीज की किल्लत दूर की।
यूपी कैबिनेट की पहली बैठक में हमने किसानों का कर्ज माफ किया।
ये किसानों का अधिकार है। हमने पिछले 15 साल में देखा है कि किसान पीड़ित और उपेक्ष‌ित था।
पहली बार केंद्र में मोदी सरकार आई तो किसान को बीज और खाद के ल‌िए भटकना नहीं पड़ा।
ये किसान पर उपकार नहीं बल्क‌ि उसके सम्मान के लिए किया गया है।
15 साल से यूपी में जात‌ि की राजनीत‌ि हो रही थी। पहली बार यूपी के अंदर जातिवाद और तुष्टिकरण नहीं किसान पर केंद्रित राजनीति होगी।
अब यूपी में भूमाफियाओं को संरक्षण नहीं मिलेगा।
केंद्र और राज्य दोनों सरकारें आपके हित के लिए हैं।
नेताओं के बड़े-बड़े मकान बन जाते थे, लोग जीते जी अपने स्मारक बनवा लेते थे। हम ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 10 किसानों को मकान और 2019 तक 24 लाख किसानों को आवास दिया जाएगा।
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