योगी के तेवर कड़े: अवैध कब्जा हटाने का विरोध पड़ेगा महंगा, हो सकती है जेल

लखनऊ। मंडलीय समीक्षा बैठक में यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवरों के बाद प्रशासन फुल फार्म में आ गया है। अब सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाए जाने के दौरान अगर कब्जेदारों ने कोई व्यवधान उत्पन्न किया या विरोध जताया तो उसे चार से 15 दिन तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। यही नहीं सरकारी जमीनों पर काबिज अवैध कब्जेदारों से वसूली भी की जाएगी।

कब्जा हटाने के बाद उन्हें जुर्माना भी अदा करना होगा। इसके लिए कुल जमीन के सर्किल रेट पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त राशि जोड़कर प्रति वर्ष की दर से कब्जेदारों से वसूली की जाएगी। सोमवार को बीकेटी में तहसील समाधान दिवस में आई जनशिकायतों की समीक्षा करने पहुंचे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जेदारों के खिलाफ बड़े अभियान का शुभारंभ करते हुए कुछ इसी तरह के निर्देश जारी किए। इसके लिए उन्होंने तहसील स्तरीय एंटी भूमाफिया स्क्वायड का गठन भी किया।

सभी विभागों की जमीन से हटेंगे अवैध कब्जे तहसील स्तरीय एन्टी भूमाफ़िया स्क्वायड सभी सरकारी विभाग जैसे की शिक्षा, वन, पीडब्लूडी, पंचायत, एनएचएआई व अन्य विभागों की जमीनों से अवैध कब्जेदारों को बेदखल करेगा। एसडीएम बीकेटी ज्योत्सना राज यादव ने बताया कि जिन विभागों की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं उन सभी से अवैध कब्जों की सूची बनाकर शुक्रवार तक जमा करने को कहा गया है। एंटी भूमाफिया स्क्वायड में एक कानूनगो, चार लेखपाल और एक एसआई के साथ सम्बंधित विभागीय अधिकारी भी होंगे। जो कि तहसीलदार के निर्देश पर कार्य करेंगे। टीम की कार्यवाई का विरोध करने वाले के खिलाफ एफआईआर सम्बंधित विभाग के द्वारा की जाएगी।

वाट्सएप ग्रुप पर भेजेंगे फोटो अवैध कब्जा हटाने की जानकारी देने के लिए प्रशासन ने एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया है। डेवलेपमेंट और रेवेन्यू वाट्सएप ग्रुप पर विभागीय अधिकारी अपनी निस्तारण रिपोर्ट और फोटो भेज सकेंगे। इसका ग्रुप एडमिन सीडीओ और एडीएम (प्रशासन) को बनाया गया है।

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