रहीम से झटका खाई BJP ने योगी सरकार से कहा- दूर रहें रामदेव के नोएडा में जमीन घोटाले से

नई दिल्लीः बाबा गुरमीत राम रहीम से नजदीकियों के चलते हुई बदनामी से झटका खाई मोदी सरकार ने अब  बाबाओं के मामले में फूंक-फूंककर कदम रखना शुरू कर दिया है।  ताजा मामला नोएडा में 4500 एकड़ के जमीन घोटाले का है। यह वो जमीन है जो तत्कालीन अखिलेश सरकार ने एक साल पहले जेवर तहसील में बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी को आवंटित किया था।  इस मामले में जब घपला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो कई आला अफसरों के नाम सामने आए।

लोकप्रियता के तेजी से घटते ग्राफ से परेशान मोदी सरकार अब दोबारा किसी बाबा की मदद करने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। भले वो बाबा से 10 हजार करोड़ का लाला बने रामदेव  ही क्यों न हों।  सूत्रों के मुताबिक दिल्ली हाईकमान से बाबा रामदेव को लेकर योगी सरकार को खास सतर्कता बरतने के निर्देश हैं। आलाकमान ने कहा है कि किसी भी तरह से कानून के दायरे से बाहर जाकर बाबा रामदेव को फायदा न पहुंचा जाए।  ये निर्देश मेरठ के कमिश्नर और गौतमबुद्धनगर के डीएम को भी यूपी सरकार ने जारी कर दिए हैं।

क्या है नोएडा जमीन घोटाले का मामला

दरअसल नोएडा निवासी असफ खान ने कहा था कि उन्हें पेड़ लगाने के लिए यूपी सरकार द्वारा 30 साल के पट्टे पर आबंटित 200 बीघा जमीन उस 4500 एकड़ में चली गई है जो पतंजलि योग संस्थान को आबंटित की गई है। असफ का यह भी कहना है कि फूड पार्क की स्थापना में करीब 6000 पेड़ों को काट दिया जाएगा जिससे उस इलाके में पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।

इस मामले में सुनवाई के दौरान बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार बेंच ने सचिव औद्योगिक विकास से इस मामले में हलफनामा मांगते हुए पूछा है कि पतंजलि आयुर्वेद को पट्टे की जमीन कैसे दे दी गई? कोर्ट ने यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ से भी जवाब मांगा है और पूछा है कि जमीन पर लगे हरे पेड़ किस कानून के तहत नष्ट किए गए।अदालत ने कहा कि पेड़ काटने के समय मौजूद अधिकारियों की जानकारी दी जाये। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा था कि, किसके आदेश पर हरे पेड़ों पर बुलडोजर चलाए गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के कमिश्नर से कहा कि यह बताया जाए कि जेवर तहसील को यह जमीन कैसे मिली थी और कैसे असफ खान को दी गई। साथ ही पूछा गया है कि किस आधार पर जमीन असफ खान से वापस ली गई।

रिपोर्ट के अनुसार तहसीलदार जेवर (गौतम बुद्ध नगर) अभय कुमार ने पीठ से कहा कि बाबा रामदेव की कंपनी को आवंटित की गई जमीन को कभी भी अधिग्रहित नहीं किया गया था। और न ही इस जमीन का कोई मुवावजा कभी किसानों को दिया गया। गौरतलब है कि इस जमीन पर 4500 एकड़ में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के फूड पार्क का निर्माण हो रहा है।

ये जमीन यूपी की पूर्व अखिलेश यादव सरकार ने बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग संस्थान को नोएडा के कादलपुर व शिलका गांव में पट्टे पर दी थी। यह जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के तहत आती है।

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