राम मंदिर विवाद पर SC की सबसे बड़ी अड़चन हुई दूर

 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद का फैसला देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर आपसी सहमति से विचार करने की पेशकश की थी, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों के अनुवाद का आदेश दिया था, गौरतलब है कि, राम जन्म भूमि, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के लिए अलग-अलग भाषाओँ में कई दस्तावेज मौजूद थे, जिसके लिए कोर्ट ने कहा था कि, बिना दस्तावेजों का अध्ययन किये, मामले की तह तक नहीं पहुँचा जा सकता है, वहीँ कोर्ट की ओर से दस्तावेजों के अनुवाद के लिए 6 महीने का समय दिया था। विवादित ढांचे का दस्तावेज अनुवाद पूरा: देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में राम जन्म भूमि, राम मंदिर, और बाबरी के विवादित ढाँचे का मामला विचाराधीन है।

वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई से पहले विवादित ढाँचे के सभी दस्तावेजों का अनुवाद पूरा करने का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से अनुवाद के लिए 6 महीने का समय दिया गया था। जिसके तहत सभी दस्तावेजों का अनुवाद कर लिया गया है। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होनी है। ज्ञात हो कि, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी अड़चन पूरी हो चुकी है। सभी दस्तावेजों को SC के आदेश पर इंग्लिश भाषा में अनुवाद किया गया है। 7 भाषाओँ में हैं राम मंदिर के दस्तावेज: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवादित ढांचे के सभी दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद कर लिया गया है।

जिसके बाद सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी अड़चन पूरी हो चुकी है। यह सभी दस्तावेज हिंदी, उर्दू, फ़ारसी, संस्कृत का अनुवाद पूरा हो चुका है। गौरतलब है कि, विवादित ढाँचे में पाली समेत 7 भाषाओँ में अदालती दस्तावेज हैं। जिसके चलते कोर्ट ने अंग्रेजी भाषा में अनुवाद के आदेश दिए थे। अनुवाद के बाद 10000 पन्नों का दस्तावेज बनाया गया है।

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