राम रहीम इफेक्ट: अखाड़ा परिषद का ऐलान, अब बाबा बनने के लिए देना होगा टेस्ट और इंटरव्यू

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा मिलने के बाद देश भर में बढ़ रहे फर्जी बाबाओं और नकली साधु संतों पर नकेल कसने के लिए इलाहाबाद स्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तैयारी कर ली है.

अब किसी भी साधु संत के लिए अखाड़ों का महामंडलेश्वर बनना भी आसान नहीं होगा. महमंडलेश्वर बनने से पहले साधु-संतों को अखाड़ों के इंटरव्यू का सामना करना होगा. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब किसी भी संत महात्मा को महामंडलेश्वर बनाने से पहले उनका इंटरव्यू लेगा. यही नहीं इंटरव्यू के बाद उस साधु का पुराना इतिहास भी जांचा जाएगा.

अखाड़ा परिषद औऱ आचार्य महामडलेश्वर द्वारा लिए गए इंटरव्यू में पास होने और जांच की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही किसी साधु को अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जाएगा. जिसके लिए अखाड़ा परिषद ने सभी तेरह अखाड़ों से इस नियम का पालन करने की अपील की है.

दरअसल देश भर में बढ़ रहे फर्जी बाबाओं की संख्या को रोकने के लिए अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर बनने वाले संतो की परीक्षा लेने की योजना बनायी है. किसी भी साधु का महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक से पहले उसकी योग्यता और ज्ञान की परीक्षा ली जाएगी. अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर साधु से वेद, पुराण और धर्म शास्त्र से जुड़े सवाल पूंछेगे. उसके जवाबों से संतुष्ट होने के बाद उसके गुरु परंपरा की विस्तार से जानकारी ली जाएगी. जिसके बाद उस साधु के पिछले रिकार्ड विधिवत चेक किए जाएंगे. साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि वो जिस आश्रम औऱ गुरु से जुड़ा है वहां किस तरह की गतिविधियां होती रही हैं.


जांच में संतुष्ट होने के बाद ही उस साधु को महामंडलेश्वर बनाने के लिए हरी झंडी दी जाएगी. अखाड़ा  परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी का कहना है कि अखाड़ों में भी चूक के कारण कुछ गलत लोग प्रवेश कर गए थे, जिस गलती को सुधारने के लिये उन्हें बाहर किया जा चुका है. भविष्य में इस तरह की गलती  दोबारा न हो, इसके लिए महामंडलेश्वर बनाने से पहले इंटरव्यू समेत तमाम तरह की जांच पड़ताल करने की व्यवस्था शुरु की जा रही है. इस पूरी व्यवस्था के पीछे सिर्फ एक मकसद है कि अब कोई भी शैतान साधु का वेष धरकर जनता को गुमराह न कर सके. क्योकि फर्जी साधुओं के पकड़े जाने पर भी संतो का ही नाम बदनाम होता है. जिससे न सिर्फ बल्कि विदेशों में सनातन धर्म का नाम बदनाम होता है.

अखाड़ा परिषद के इस फैसले का सनातन धर्म को मानने वाले श्रद्धालुओं ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस फैसले के बाद धर्म को बदनाम करने वाले साधु संतों का अखाड़ों में प्रवेश नहीं होगा. पाखंडी औऱ ढ़ोंगी बाबाओं के कारण हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले संतों का नाम बदनाम होता है. ऐसे में अखाड़ा परिषद के इस फैसले से पाखंडी बाबाओं पर नकेल लगेगी.

एक श्रद्धालु ने कहा कि बाबा राम रहीम जैसे ढोंगी लोगों के कृत्य के कारण सनातन धर्म का प्रचार करने वाले साधु-संतों का नाम बदनाम हो रहा है. ऐसे में अखाड़ा परिषद का ये फैसला सराहनीय है. जिसके चलते पाखंड़ी बाबाओं पर नकेल कसी जा सकती है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि वो देश भर के फर्जी और पाखंड़ी बाबाओं के खिलाफ मुहिम चलाकर उन्हें सलाखों के पीछे भेजवायेंगे. जिसके लिये वो फर्जी बाबाओं की लिस्ट बना रहे हैं.

 

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